अतिरिक्त
Vol 11 अंक 5
सितम्बर/अक्टूबर 2020
स्वास्थ्य सुझाव
1. सब्जियां – अपने तरीके से खाएं!
"बीमार स्वास्थ्य के मुख्य कारण क्या हैं? ...अपने भोजन को स्वादिष्ट बनाने और अपनी अन्य इंद्रियों को संतुष्ट रखने के लिए मनुष्य प्रकृति द्वारा प्राप्त वस्तुओं के अवयवों और गुणों में परिवर्तन कर देता है। उन्हें उबालता है, तलता है उसमें उपस्थित तत्वों के अनुपात को भी बदल देता है। इससे उसमें उपस्थित पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। "भोजन की आदतों के बारे में सतर्क रहें ... बिना पकी हुई या आधी पकी हुई सब्जियाँ और हरे पत्ते वाले भोज्य पदार्थ सेहत के लिए अच्छे हैं।"…Sathya Sai Baba1
1. सब्जी क्या है?
यह किसी भी वनस्पति पौधे का वह भाग है जिन्हें भोजन के रूप में खाया जा सकता है, फलों को छोड़कर जिन्हें हर व्यक्ति जानता है। मोटे तौर पर यह पौधों की जड़, शाखाएं और कंद, तना या डंठल या फूल, पत्तेदार हरी सब्जी और वनस्पति फल आदि को सब्जियों के रूप में सेवन किया जाता है, जिसमें स्क्वैश, लौकी, फली और कुछ अधपक्के फल शामिल हैं।2
2. सब्जियों के लाभ और उपयोग
लाभ: अध्ययनों से मालूम हुआ है कि लगभग सभी सब्जियां कैलोरी में कम हैं, विटामिंस (A, K, B और C) से भरपूर होती हैं । इनमें खनिज़, आहार योग्य रेशे, रोगों से लड़ने की क्षमता और एंटी ऑक्सीडेंट भी होते हैं। यह प्राकृतिक रूप से क्षारीय होती हैं, इनमें पानी की मात्रा भी अधिक होती है विशेषकर हरे पत्तों में, कुछ के जड़ों में और पत्तेदार सब्जियों में। अतः यह शरीर को डीटॉक्सिफाई कर सकती हैं, शरीर के सभी अंगो और तंत्रों को ऊर्जा की आपूर्ति करती हैं, इम्यूनिटी को बढ़ाने वाले होती हैं तथा पुरानी और जानलेवा बीमारियों को रोक सकती हैं और उनका इलाज कर सकती हैं। विशेषकर रक्त दबाव, मधुमेह, रक्ताल्पता और शारीरिक वजन को नियंत्रित किया जा सकता है तथा कैंसर हृदयाघात, श्वसन संबंधी समस्याएं, संक्रमण आदि को रोका जा सकता है। संक्षेप में सब्जियां सर्वोत्तम प्राकृतिक औषधि है।इसके अतिरिक्त व्यक्ति स्वस्थ और ऊर्जावान रहता है तथा उसका चेहरा प्राकृतिक रूप से दमकता रहता है!3-8
उपयोग: स्थानीय मौसम के अनुकूल ताजी सब्जियां ही खरीदें। कुछ का सेवन कच्चे रूप में ही किया जा सकता है जैसे कि ककड़ी, खीरा कुछ कच्ची और पक्की हुई सेवन की जाती है (कुछ पोषक तत्वों के भली-भांति अवशोषण के कारण) जैसे कि ब्रोकली, गाजर, टमाटर, शिमला मिर्च, पालक और आलू अधिक लाभकारी होते हैं जब वह पकाई हुई स्थिति में होते हैं। पकाने के समय, तापमान और पानी की मात्रा को कम ही रखें। भाप में पकाएं या थोड़ा पकाएं, बजाए उबालने के ग्रिल करें तलने की अपेक्षा सोटे करें। जिनकी पाचन शक्ति कमजोर होती है उन्हें कच्ची सब्जियां माफिक नहीं आती है।3-8
सेवन की मात्रा: 250-300 ग्राम या ढाई कप सब्जियां प्रतिदिन सावधानीपूर्वक लें। विभिन्न सब्जियों का मिश्रण, कच्ची, रसदार या पकी हुई। एक संतुलन बनाए रखें। उदाहरण के लिए चावल और शकरकंद को एक साथ ना खाएं, हमेशा ही एक ही प्रकार की जड़ और पत्तियां नहीं खाएं। समय-समय पर स्वाद अनुसार और मूड के अनुसार चयन करें!3-9
सब्जियों को धोना बहुत महत्वपूर्ण है: बिना धोए हुई सब्जियां दिमाग में कीड़े पैदा कर सकती हैं। पहले अपने हाथों को अच्छे ढंग से धोए फिर सब्जियों को जल के पानी से धोएं जिससे कि उन पर चिपकी धूल या हानिकारक कीटाणु अलग हो जाएं।.
20 मिनट तक इन सब्जियों को हल्के गर्म जल में जिसमें खाने का सोडा मिला हो डुबोकर रखें या फिर नमक और सिरके में डुबोएं। इसके पश्चात उन्हें बहते हुए पानी से धोएं। खुरदरी और कड़ी सब्जियों को ब्रश से रगड़े।3,8,10
सब्जियों को ताजा रखना: सबसे अच्छा उपाय तो आवश्यकता अनुसार ही ताजा सब्जियां खरीदें। टमाटर, प्याज, शकरकंद, मक्का को फ्रीज़र में या रेफ्रिजरेटर में ना रखें। सर्दियों में सख्त सब्जी जैसे कि काशीफल को ऐसे स्थान पर रखें जो ठंडा हो, हवा आती हो । यदि रेफ्रिजरेटर आवश्यक ही हो तो हरी सब्जियों को प्लास्टिक बैग में या बर्तन में रखेंI टमाटरों को बैग में पेपर टॉवल के ऊपर रखें। हरी पत्तेदार सब्जियों को पेपर टॉवल में लपेट कर फिर उनको प्लास्टिक बैग में रखें यदि वह मुरझा रही हों। सलाद के पत्तों और हरी सब्जियों को बरफ के पानी से धोकर ताजा बनाएं। कुछ सब्जियों को काट कर फ्रिज में भी रखा जाता है।2,3,8,11
पूरे विश्व में 1000 से भी अधिक प्रकार की सब्जियों को उगाया जाता है। हम लगभग 50 सामान्य सब्जियों को कवर कर रहे हैं, उनके भारतीय नाम कोष्ठक में दिए गए हैं।
3. जड़ें, कंद और बल्ब सब्जियां
3.1 चुकंदर (चकुंदर): गहरे रंग की और स्वाद में मीठी होती है। यह खिलाड़ियों के लिए बहुत फायदेमंद होती है, यह रक्तचाप को कम करने में बहुत लाभकारी है। कुछ ही घंटों में रक्तचाप कम हो जाता है, विशेषकर सिस्टोलिक रक्तचापI यह संज्ञानात्मक गुणों को बढ़ाती है। इसके रस को गाढ़ा करके सिर मे लगाने से लीख और जुंए निकल जाते हैं। हरे रंग की चुकंदर को पालक की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।12
सावधानी: जिन्हें गठिया और किडनी स्टोन हो वे इसका उपयोग ना करें।12
3.2 गाजर (गाजर): यह बीटा कैरोटीन का एक उत्तम स्त्रोत है। विटामिन A, C और E बच्चों में अंधेपन और अधिक उम्र के व्यक्तियों में मांसपेशिय विकार को दूर करती हैं। ल्यूकेमिया, फेफड़ों और कोलन कैंसर में भी अत्यधिक उपयोगी है, दातों बालों और त्वचा को स्वस्थ बनाती है।13
परसनीप (चकुंदर): यह सफेद गाजर की भांति नजर आती है तथा फोलेट का स्त्रोत है। यह जन्मजात त्रुटियों और मसूड़ों के लिए अति उपयोगी है।
सावधानी: इसके पत्तों और फूलों का उपयोग नहीं करना चाहिए। इसमें टॉक्सिक रस होता है जिससे भारी जलन हो सकती है।14
3.3 मूली (मूली): यह रक्त की pH स्तर को सामान्य रखने में उपयोगी है, श्वसन नली को स्वच्छ बनाती है, कफ और सर्दी से रक्षा करती है। पीलिया रोग में लाभकारी है, मूत्र विकार और ऑस्टियो आर्थराइटिस में भी लाभकारी है। शरीर को हाइड्रेट बनाए रखती हैं, त्वचा के रूखेपन को दूर करती है, फोड़े, फुंसियों में भी लाभकारी है। इसके पत्तों का सेवन किया जा सकता है और बीजों को ल्यूकोडरमा से निजात पाने के लिए उपयोग में लिया जा सकता है।15
सावधानी: पाचन तंत्र में जलन पैदा कर सकती है गैस और डकार की समस्याएं हो सकती हैं। गाल स्टोन होने पर इसका उपयोग ना करें।15
3.4 शलजम / सेलेरियाक (शलगम): पेट के अल्सर को ठीक करती है, गले की खराश को ठीक करती है, पीलिया और हेपेटाइटिस में गुणकारी है। किडनी स्टोन को दूर करती है।16
रुतबागा: गोभी और शलगम का यह क्रॉस ब्रीड है। शलगम से थोड़ा बड़ा और मीठा होता है।
जीकामा: शलगम से अधिक मीठा और पौष्टिक होता है।.16
सावधानी: थायराइड की समस्या वाले इसका उपयोग ना करें।16
3.5 शकरकंद (शकरकंद): सामान्य आलू की तुलना में विटामिन ए में अधिक है, यह आँखों के लिए उत्कृष्ट है। स्टार्ची और मीठा, इसका मजा नमकीन और मीठे दोनों व्यंजनों में लिया जा सकता हैI17
सावधानी: गुर्दे की पथरी होने पर परहेज करें, अगर डायबिटिक हो तो संयम से लें।17
3.6 आलू (आलू): हर समय उपयोग में ली जाने वाली सब्जी है। छिलके सहित इसका उपयोग करने से यह अत्यंत लाभकारी है। इसको अधिक तेल में नहीं चलना चाहिए। यह स्नायु तंत्र को मजबूत बनाता है, हृदय को स्वस्थ रखता है, हड्डियों को मजबूत बनाता हैI खिलाड़ियों को धैर्य और प्रदर्शन की शक्ति प्रदान करता है।18
कसावा: आलू की अपेक्षा अधिक प्रोटीन और ऊर्जा का स्त्रोत है। इसमें अपोषक तत्व होते हैं अतः इसका उपयोग छीलकर ही करना चाहिए। पानी में डुबोकर रखना चाहिए। इसके लाभ प्राप्त करने के लिए इसको पकाना आवश्यक है।(कच्चा खाने पर टॉक्सिक प्रभाव पड़ता है।) 19
3.7 हाथी पैर यम (सूरन/जिमिकंद): इसकी त्वचा कठोर होती है। यह कफ को कम करने वाला है, श्वसन नली की सफाई कर देता है। बाइल की मात्रा को बढ़ाकर पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है। बढ़ती उम्र के बच्चों के लिए विशेष लाभदायक।20
सावधानी: एक बार कट जाने के बाद, त्वचा व गले में जलन पैदा कर सकता है, अतः इसको पानी के अंदर डुबोकर रखना चाहिए, इसको सिरके, नींबू या इमली के साथ उबालना चाहिएI20
3.8 टैरो रूट/कोलोकेसिया (अरबी):, विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों का खजाना है, इसमें फाइबर और प्रतिरोधी स्टार्च होता है। इसको व इसके पत्तों को पका कर खाना चाहिए।21
3.9 प्याज़(प्याज़): यह सबसे उत्तम डिटॉक्सिफायर है। यह खून के थक्के नहीं बनने देता और कीड़े मकोड़े के दंश का उपचार करता है। इसके अतिरिक्त मस्सों, ठंड के कारण हाथों और पैरों में खुजली, श्वसन की समस्याओं, सर्दी जुकाम और फ्लू में भी लाभकारी है। पीले, लाल और सफेद प्याज की तुलना में, विदालिया और शोलोट जैसे मीठे पोषक तत्वों का कम प्रतिशत है।22
सावधानी: यदि इसको खाने से सीने में जलन होती है या फिर पाचन तंत्र खराब होता है तो इसे नहीं खायेंI22
3.10 स्प्रिंग प्याज / स्कैलियन (प्याज पेट्टा): यह जवान प्याज होते हैं, इनमे फॉलेट की मात्रा अधिक होती है, विटामिन और कैल्शियम भी अधिक होता है इसको सजावट के लिए उपयोग किया जाता है। इनको कच्चा भी खाया जा सकता है। लीक के समान (हरे प्याज के पत्तों में गंध कम होती है और विटामिन ए अधिक होता है।) और चाइव्स (दूधिया, कम पोषक तत्वों के साथ, लेकिन चोलीन (choline) का एक उत्कृष्ट स्रोत जो शरीर के चयापचय और भ्रूण के विकास में अत्यंत लाभकारी होता है।) 23
4. स्टेम और फूल सब्जियां
4.1 कोहलबी (नॉकहोल): गांठ गोभी, एक अन्य प्रकार की गोभी। स्वाद में ब्रोकली के तने के जैसी लेकिन नरम और मीठी होती है। इसके तने के अलावा इसे संपूर्ण रूप से खाया जा सकता है। इसका एक कप हमारे दिनभर की विटामिन सी की 100% भरपाई कर देता है।24
4.2 शतावरी (शतावरी): यह ब्रोकोली की तुलना में विटामिन में कम है, लेकिन लोहे और तांबे का एक बेहतर स्रोत है। यह एक अत्यधिक मूत्र वर्धक है। यह सूजन को और मूत्र विकारों को दूर करता है और शांति प्रदान करने वाला होता है।25
4.3 पत्तागोभी (पत्तागोभी): हरी पत्ता गोभी को तल के खाने से अधिक स्वस्थ वर्धक होती हैं। लाल गोभी को सलाद के रूप में पसंद किया जाता है। इसमें 10 गुना विटामिन ए पाया जाता है और हरी पत्ता गोभी की तुलना में दोगुना लोह तत्व होता है लेकिन विटामिन के की मात्रा केवल आधी होती है।26
ब्रसेल्स स्प्राउट्स: यह आकार में थोड़े छोटे होते हैं और इसमें पोषक तत्व समान होते हैं। भूनने या तलने पर इसका स्वाद बढ़ जाता है। अधिक पकाने पर या उबालने पर यह बदबूदार हो जाती है।27
कोलार्ड साग (हाक) और बोक चॉय: हरा कोलार्ड, विटामिन से भरपूर होते हैं। शरीर से गंदगी को दूर करते हैं, हड्डियों को मजबूत बनाते हैं, आंखों की रोशनी को बढ़ाते हैं।28
आटिचोक: एक लीवर टॉनिक माना जाता है, इसकी पत्तियां अति पौष्टिक होती हैं।29
4.4 ब्रोकोली: कैंसर की रोकथाम के लिए यह सुपर फूड के रूप में जाना जाता है। हड्डियों को मजबूती प्रदान करने वाला होता है और हर प्रकार से स्वास्थ्यवर्धक है। ताजा खाने पर यह अत्यंत पोषण देने वाला होता है। भाप में पकाने से पहले हमें इसे धोना चाहिए।30
4.5 फूलगोभी (फूल गोबी): इसमें विटामिन और खनिज पदार्थ अत्यधिक मात्रा में होते हैं। याददाश्त बढ़ाने के लिए सर्वोत्तम है।31
सावधानी: किडनी या गठिया की समस्याओं में इसे उपयोग नहीं करना चाहिए। रक्त को पतला करने वाली दवाई खाने वाले भी इसे ना खाएं, यदि खाते हैं तो केवल अल्प मात्रा में।31
5. पत्तेदार साग
5.1 पालक (पलक): यह मैग्नीशियम के सर्वोत्तम स्रोतों में से एक है। जब पकाया जाता है, तो इसके पोषक तत्व बढ़ जाते हैं, लेकिन कुछ एंटीन्यूट्रिएंट्स के कारण इसमें मौजूद आयरन और कैल्शियम अवशोषित नहीं होते हैंI32
लेट्यूस (सलाद पाटा): इसमें पोषक तत्व कम होते हैं पर पानी की अधिकता होती है इसी वजह से यह शरीर को हाइड्रेट रखता हैI32
अरुगुला /रॉकेट: अधिक घनत्व वाले तत्वों से भरा होता है। बहुत ही स्वास्थ्यवर्धक होता है।33
जलकुंभी: यह ओमेगा 3 फैटी एसिड से युक्त होता है, हृदय के लिए लाभदायक है, यह एक बारहमासी पौधा है यह स्वयं उन स्थानों पर उग जाता है जहां सदैव पानी बहता रहता है। उपयोग में लाने से पूर्व इसको पानी से धोना आवश्यक है।34
सरसों का साग (सरसों का साग): , पालक के समान ही होता है लेकिन उसकी तुलना से अधिक चरपरा होता है।35
केल (करम साग): पोषक तत्वों में यह पालक के समान ही है। इसमें विटामिन प्रचुर मात्रा में होते हैं। कच्चा ही खाया जाता है। समूदी में यह भाप का पका होता है या फिर हल्के से तला जाता है।36
5.2 मोरिंगा/ड्रमस्टिक (सहजन): एक आश्चर्यजनक पेड़ है। दही के मुकाबले इसमें दोगुना प्रोटीन, केले के मुकाबले 3 गुना पोटैशियम, और गाजर से 4 गुना विटामिन ए और कैल्शियम की मात्रा गाय के दूध के मुकाबले होता है, संतरे के मुकाबले 7 गुना विटामिन सी होता है। परंपरागत रूप से यह खाना पकाने और औषधि बनाने के काम में आता है यह रक्त को शुद्ध करता है, सूजन को कम करता है, हार्मोन असंतुलन और कुपोषण को ठीक करता है, उम्र के प्रभाव को कम करता है, एनीमिया की रोकथाम करता है। रक्त में शर्करा को संतुलित करता है तथा त्वचा संबंधी रोगों को दूर करता है।37
सावधानी: जो दवाओं पर हैं, वे अपने चिकित्सक से परामर्श करें।37
5.3 मेथी (मेथी) की पत्तियां: इस में आयरन की मात्रा अधिक होती है, अन्य खनिज पदार्थ भी प्रचुर मात्रा में होते हैं। यह पाचन तंत्र को सुचारू बनाती है तथा मधुमेह में भी लाभकारी है। भोजन में मिलाने से यह उन्हें सुगंधित बनाती है।38
6. फल जैसी सब्जियां जैसे लौकी, स्क्वैश और फली
6.1 एवोकैडो/मक्खन फल: अत्यधिक पोटेशियम युक्त हृदय के लिए लाभप्रद। यह जीर्ण रोगों से सुरक्षा प्रदान करता है। एक बार काटने पर इस पर नींबू का रस निचोड़ने से यह ताजा बना रहता है।39
6.2 बेल/मीठी मिर्च (शिमला मिर्च): यह कई प्रकार के रंगों की होती है। यह विभिन्न प्रकार से उपयोग में ली जा सकती है। एक मध्यम आकार की मिर्च हमारी दैनिक आवश्यकताओं विटामिन ए और सी को पूरा कर देती है। यह सामान्य जुकाम को लेकर कैंसर तक में बहुत प्रभावी है। गर्भवती स्त्रियों के लिए बहुत उपयोगी है। इसको सलाद या किसी अन्य भोज्य पदार्थ के साथ मिश्रित किया जा सकता है।40
6.3 टमाटर (टमाटर): प्रतिदिन एक कच्चा टमाटर कोलोन कैंसर को रोक सकता है। इसके अलावा, यह फाइटोन्यूट्रिएंट लाइकोपीन के सबसे अच्छे स्रोतों में से एक है जो प्रतिरक्षा को बढ़ाता है और कैंसर के ट्यूमर के विकास को रोकता है। जब टमाटर पकाया जाता है और एवोकैडो, जैतून या नारियल का तेल, नट, और बीज जैसे वसा युक्त भोजन के साथ सेवन किया जाता है, तो लाइकोपीन अधिक जैव-उपलब्ध होता है।41
सावधानी: अमल प्रतिवाह तथा जोड़ों तथा मांसपेशियों में दर्द वाले रोगियों को इसका सेवन नहीं करना चाहियेI41
6.4 ककड़ी (खीरा): रसयुक्त, ठंडा और कुरकुरा सबसे अच्छा कच्चा खाए जाने वाला वनस्पति है। यह उपचारात्मक और मूत्र वर्धक है। आंखों के पांस की सूजन को कम करने वाला है, आयु के प्रभाव को कम करता है, रक्त को शुद्ध करके उसे छारीय बनाता है, निर्जलीकरण को रोकता है, कब्ज को दूर करता है तथा शरीर के ताप को अधिक बढ़ने नहीं देता है। आंखों पर इसके टुकड़ों को रखने से आंखों में ताजगी आती है।42
6.5 कद्दू (सीताफल/ कद्दू): यह जीवंत शीतकालीन स्क्वैश आंखों के लिए उत्कृष्ट है और मोटापे को रोकता है। इसके बीज नींद की गुणवत्ता को बढ़ा सकते हैंI43
जुकीनी (तुरई): उच्च पानी की मात्रा के साथ विटामिन सी से भरपूर, एक ग्रीष्मकालीन स्क्वैश पचाने में आसान हैI44
6.6 ऐश लौकी/शीतकालीन तरबूज/सफेद कद्दू (पेट्ठा): यह एक अद्वितीय औषधीय फल है। यह अधिकतर चीन और भारत में खाया जाता हैI वातावरण से यह घृणात्मक ऊर्जा को निष्कासित कर देता है। एक ग्लास इसका रस प्रातः काल पीने से शरीर को ठंडा रखता है और ऊर्जावान रखकर क्षमता को बढ़ाता है। नसों को शांत रखता है। इसके सेवन से फोड़े फुंसी, बवासीर और कब्ज दूर होते हैं।45
सावधानी: सांस की बीमारी के लिए अतिसंवेदनशील लोगों को इसे शहद या काली मिर्च के साथ मिलाना चाहिए।45
6.7 करेला/कडवा तरबूज (करेला): मधुमेह, गठिया, पीलिया और गुर्दे की पथरी का इलाज कर सकता है और मासिक धर्म को नियमित कर सकता है। इसके अलावा, मलेरिया, वायरस, एचआईवी/एड्स और कुष्ठ रोग का इलाज और रोकथाम कर सकता हैं, और रुमेटाइड गठिया सहित ऑटोइम्यून विकारों के प्रबंधन में मदद कर सकता है।46
सावधानी: गर्भवती स्त्रियों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए और जो लोग मधुमेह के लिए औषधियों का सेवन करते हैं उनको भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए।शल्य चिकित्सा के बाद पूर्ण स्वस्थ होने तक सेवन नहीं करना चाहिए। 46
6.8 बोतल लौकी/कैलाश (लौकी): पेट के स्वास्थ्य के लिए इसका सेवन अत्यंत लाभकारी है। यह सब्जी और मिठाई दोनों को बनाने में काम आती है। यदि यह कड़वी हो तो इसका सेवन नहीं करना चाहिए।47
6.9 इसी तरह के लाभ के साथ कुछ अन्य उत्कृष्ट लौकी:
आइवी लौकी/कोकीन (कुंदरू); भारतीय स्क्वैश/राउंड बेबी कद्दू (टिंडा); एनोरेक्सिया के लिए अच्छा माना जाने वाला गरीब आदमी की सब्जी के रूप में जाना जाने वाला लौकी (परवल); रिज लौकी (तोरई); और सांप लौकी (चिचिंडा) जो कि पित्त को ठीक कर सकता है। (खराब पाचन, पेट में दर्द, कब्ज और अत्यधिक पेट फूलना)I48-52
6.10 ऑबर्जिन/ बैंगन/बैंगन(बैंगुन): इसकी बैंगनी त्वचा में एक दुर्लभ एंटीऑक्सिडेंट Nasunin होता है जो मस्तिष्क कोशिका झिल्ली की रक्षा करता है53
सावधानी: कम लोहे के स्तर, गुर्दे की समस्या, गाउट या एलर्जी वाले लोगों के लिए उपयुक्त नहीं है। इसके पत्ते और कंद विषाक्त होते हैं और इनका सेवन नहीं करना चाहिए53
6.11 ओकरा/लेडीज फिंगर (भिंडी): ओमेगा-3 और ओमेग -6 फैटी एसिड से भरपूर, यह अत्यधिक पौष्टिक होती है, अंदर से चिपचिपी होती है। यह यादाश्त को बढ़ाने और सिर दर्द में लाभकारी है।54
6.12 ग्रीन/फ्रेंच बीन्स (फलियन): कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट,प्रोटीन और फाइबर से भरपूर लेकिन सोडियम में कम,यह एक पौष्टिक भोजन है,मधुमेह में लाभकारी हैIअध्ययनों से सूचनाके आधार पर यह एचआईवी को रोकनेमें समर्थ है।55
सावधानी: मूत्र की समस्या होने पर इसका उपयोग नहीं करना चाहिए।55
6.13 हरी मटर (मटर): प्रोटीन और फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है। लेकिन इसमें पोष्टिक रोधी तत्व होने के कारण पाचन तंत्र की गड़बड़ी हो सकती है, अतः हमेशा पका कर ही खाएं।56
6.14 हरी मिर्च (हरि मिर्च): भारतीय और थाई देशों की मुख्य सब्जी। विटामिन-सी, आयरन और कैपसैसिन से भरपूर, यह रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है और तालु को उत्तेजित करता है।57
6.15 स्वीट कॉर्न/मक्का (मक्का): एक स्टार्ट युक्त वनस्पति(वनस्पति रूप से एक फल, एक अनाज भी), यह अत्यधिक रेशेदार, पौष्टिक, लस मुक्त और फायदेमंद है, अगर इसका आनुवांशिक रूप से संशोधन नहीं किया जाता हैI58
सावधानी: यह पेट में जाकर फूल सकती है जिसके कारण पेट दर्द हो सकता है, यदि किसी का पाचन तंत्र संवेदनशील है।58
6.16 कुछ कच्चे फल जो कई प्रकार से स्वास्थ्यवर्धक होते हैं, सब्जियों की तरह: (कटहल) इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए और अच्छी नींद के लिए। (पपीता) पाचन तंत्र के लिए, त्वचा के लिए, संक्रमण से बचाव के लिए तथा मासिक धर्म के दर्द के लिएI पपीते की पत्तियों का उपयोग ज्वर को कम करने के लिए किया जाता है। (कच्चा केला) फूल और तने सहित, इस में अत्यधिक मात्रा में रेशा होता है। यह मस्तिष्क, किडनी और कई बीमारियों में लाभप्रद है।59-61
6.17 मशरूम (छत्रक): यह एक प्राकृतिक उपयोगी फंगस है (यद्यपि यह सब्जियों की तरह से खाया जाता है)I यह एक शक्तिशाली कैंसर रोधी है और इम्यूनिटी को बढ़ाने वाला है। विटामिन बी का स्त्रोत है। मस्तिष्क, हृदय और थायराइड में लाभप्रद है।62
सावधानी: इसे किसी अच्छे और परिचित स्थान से ही खरीदना चाहिए। जंगली मशरूम अत्यधिक टॉक्सिक होती है।62
सारांश: सब्जियां हमारे दैनिक जीवन का एक आवश्यक अंग होनी चाहिए लेकिन इसकी अधिकता पाचन तंत्र की परेशानियों को बढ़ा सकती है। परंतु इनका उपयोग संतुलित रूप में ही किया जाना चाहिए। सोच समझकर अपने शरीर की क्षमता के अनुसार ही इनका सेवन करना चाहिए।3-8
References and Links:
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3. Benefits: https://www.myupchar.com/en/healthy-foods/vegetables?utm_medium=firstpost&utm_source=indian-green-leafy-vegetables
4. https://www.eatforhealth.gov.au/food-essentials/five-food-groups/vegetables-and-legumes-beans
5. https://www.marthamckittricknutrition.com/10-benefits-of-eating-vegetables/
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7. Balanced eating: https://www.hsph.harvard.edu/nutritionsource/what-should-you-eat/vegetables-and-fruits/
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23. Spring onion: https://draxe.com/nutrition/scallions/
24. Kohlrabi/German turnip: https://draxe.com/nutrition/kohlrabi/
25. Asparagus: https://draxe.com/nutrition/asparagus-nutrition/
26. Cabbage red v. green: https://draxe.com/nutrition/red-cabbage/
27. Brussel sprouts: https://draxe.com/nutrition/brussels-sprouts-nutrition/
28. Collard greens: https://draxe.com/nutrition/collard-greens/
29. Artichoke: https://indianexpress.com/article/india/india-others/vegetable-of-gods-artichoke-and-its-untapped-benefits/
30. Broccoli: https://draxe.com/nutrition/broccoli-nutrition/
31. Cauliflower: https://draxe.com/nutrition/cauliflower/
32. Spinach & Lettuce: https://draxe.com/nutrition/spinach-nutrition/
33. Arugula: https://draxe.com/nutrition/arugula/
34. Watercress: https://draxe.com/nutrition/watercress/
35. Mustard greens: https://draxe.com/nutrition/mustard-greens-nutrition/
36. Kale: https://draxe.com/nutrition/health-benefits-of-kale/
37. Moringa: https://draxe.com/nutrition/moringa-benefits/; https://www.netmeds.com/health-library/post/drumstick-health-benefits-nutrition-uses-recipes-and-side-effects;https://www.medicalnewstoday.com/articles/319916#risks-with-existing-medications
38. Fenugreek leaves: https://www.firstpost.com/health/forget-kale-you-should-be-eating-these-10-indian-greens-instead-7884601.html
39. Fruit vegetables: Avocado: https://draxe.com/nutrition/avocado-benefits/;https://www.medicalnewstoday.com/articles/270406#diet
40. Bell pepper: https://draxe.com/nutrition/bell-pepper-nutrition/
41. Tomato: https://draxe.com/nutrition/tomato-nutrition/; http://saibaba.ws/teachings/foodforhealthy.htm
42. Cucumber: https://draxe.com/nutrition/cucumber-nutrition/
43. Pumpkin: https://www.healthline.com/nutrition/pumpkin; https://draxe.com/nutrition/pumpkin-seeds/;
44. Zucchini: https://www.healthline.com/nutrition/zucchini-benefits
45. Ash Gourd: https://isha.sadhguru.org/in/en/blog/article/ash-gourd-winter-melon-cool-vegetable-benefits-recipes
46. Bitter gourd(Karela): https://draxe.com/nutrition/bitter-melon/
47. Bottle gourd: https://www.nutrition-and-you.com/bottle-gourd.html; https://food.ndtv.com/food-drinks/7-incredible-benefits-of-drinking-of-bottle-gourd-lauki-juice-1452828
48. Ivy gourd/Kunduru: https://www.verywellhealth.com/the-benefits-of-ivy-gourd-89467;https://www.healthbenefitstimes.com/ivy-gourd/
49. Indian squash (Tinda): https://www.netmeds.com/health-library/post/tinda-indian-round-gourd-health-benefits-nutrition-uses-for-skin-hair-weight-loss-and-recipes
50. Pointed gourd (Parval): https://www.lybrate.com/topic/pointed-gourd-benefits-and-side-effects
51. Ridge gourd(turai): https://www.thehealthsite.com/fitness/health-benefits-of-ridge-gourd-or-tori-bs815-319005/; https://food.ndtv.com/food-drinks/make-your-boring-vegetables-yummy-3-tasty-yet-healthy-turai-ridge-gourd-dishes-to-try-2031443
52. Snake gourd (Chichinda): https://www.healthbenefitstimes.com/snake-gourd/
53. Eggplant/aubergine /brinjal: https://draxe.com/nutrition/eggplant-nutrition/;https://www.medicalnewstoday.com/articles/279359
54. Okra/ladies finger: https://draxe.com/nutrition/okra-nutrition/; https://www.netmeds.com/health-library/post/6-astonishing-health-benefits-of-okra-you-didnt-know
55. Green Beans: https://draxe.com/nutrition/green-beans-nutrition/; https://www.verywellfit.com/green-beans-nutrition-facts-calories-carbs-and-health-benefits-4169523;https://www.seedsofindia.com/category/Beans-Peas-and-Corn-17
56. Green Peas: https://draxe.com/nutrition/green-peas/; https://www.healthline.com/nutrition/green-peas-are-healthy#section7
57. Green chillies: https://www.lybrate.com/topic/green-chilli-benefits-and-side-effects
58. Sweet corn (Makka): https://draxe.com/nutrition/nutritional-value-of-corn/
59. Unripe Jackfruit: https://food.ndtv.com/food-drinks/7-important-reasons-to-include-jackfruit-kathhal-in-your-regular-diet-1783929
60. Unripe Papaya: https://www.medindia.net/dietandnutrition/health-benefits-of-unripe-green-papaya.htm
61. Plantain/raw banana/stalk: https://food.ndtv.com/ingredient/plantain-701208;https://www.ndtv.com/health/raw-bananas-are-good-for-diabetics-health-benefits-of-raw-bananas-you-must-know-1888722; https://www.thehealthsite.com/diseases-conditions/natural-remedies/amazing-health-benefits-of-banana-stem-kd0718-582035/
62. Mushroom: https://draxe.com/nutrition/mushroom-nutrition-benefits/
2. एक किस्सा – चिकित्सक का चमत्कारी अनुभव11601… भारत
संपूर्ण-श्रद्धा और विश्वास से सिर में लगी चोट ठीक हो जाती हैI
18 फरवरी 2020 को, शाम 5 बजे के आसपास, क्लिनिक की शुरुआत से पहले अपने घर के बरामदे को साफ करते समय, चिकित्सक फिसल कर पीठ के बल गिर गई। उसके रोने की आवाज़ सुनकर, उसकी बहनें दौड़ती हुई आईं और उन्होंने देखा कि वह खून से लथपथ नीचे गिरी हुई है और उसके मुख से, "साईराम, साईराम, साईराम ..." का उच्चारण लगातार 20 मिनट तक जारी रहा परन्तु वह अपने पूरे होश-हवास में नहीं थीI इसी दौरान 5 रोगी अंदर आ कर बैठे हुए थेI बहनों ने ध्यान से उसे व्हीलचेयर पर बैठाया और नजदीक के अस्पताल में ले जाने के लिए गाड़ी की व्यवस्था की।
यह सब चल ही रहा था कि अंदर बैठे पांच रोगी बाहर आएI रोगियों में से अपने अच्छे मित्र को देखकर चिकित्सक की याददाश्त वापस आ गई। अपनी स्थिति को देखते हुए उसने हॉस्पिटल जाने से इंकार कर दिया और अपने 108CC बॉक्स को ले आने के लिए कहा। अपनी रेमेडी बनाई*, एक खुराक खाई लेकिन उल्टी हो गई। स्वामी में पूर्ण विश्वास रखते हुए उसने दूसरी खुराक खाई और उसने नारियल के तेल में मिलाकर भी औषधि तैयार कर ली। जैसे ही इस औषधि को सिर पर लगाया गया खून रुक गया। इस हालत में भी, उसने 5 में से 3 रोगियों को जो बहुत दूर से आए थे, उनका उपचार किया। उनमें से एक महिला गर्भवती थी। दूसरे सभी जो चिकित्सक के घर के पास ही रहते थे, दूसरे दिन आने के लिए कहते हुए चले गए। दूसरे दिन, परिवार के सदस्यों के जोर देने पर उनकी बहन उन्हें श्री सत्य साईं अस्पताल में ले गई, वहां उन्होंने डांटते हुए कहा कि तुम्हें इन्हें तुरंत ही लेकर आना चाहिए था, यह सिर की चोट थी। नर्स ने घाव के आसपास के बालों को काट कर अलग किया जिससे कि घाव में टांके लगाए जा सके। ड्यूटी पर उपस्थित डॉक्टर ने देखा तो अनुभव किया कि घाव तो बहुत गहरा है परंतु वह ठीक होने लगा है और टांके लगाने की आवश्यकता नहीं है। उस डॉक्टर ने उन्हें वरिष्ठ न्यूरो सर्जन के पास और विश्लेषण के लिए भेज दिया। वरिष्ठ सर्जन ने कई परीक्षण करवाएं साथ ही सिटी स्कैन भी कराया। मेडिकल स्टाफ को बहुत आश्चर्य हुआ कि यह 3 इंच गहरा घाव बगैर टांकों के स्वत: ही ठीक हो गया है और अंदर कोई भी रक्त के थक्के नहीं है, ना ही किसी प्रकार का फ्रेकचर या ब्रेन इंजरी हैI सिर पर पट्टी बांधकर उन्हें घर भेज दिया गया। उन्हें किसी प्रकार की एलोपैथिक औषधि नहीं दी गईI ब्लड टेस्ट से मालूम हुआ कि रक्त में शर्करा की मात्रा अधिक है और रक्तचाप भी बढ़ा हुआ है (डॉक्टर ने सोचा कि शायद उनके नीचे गिरने के कारण ऐसा हुआ है), इसके लिए औषधियां दी गई परंतु दर्द के लिए उसे किसी औषधि की आवश्यकता नहीं थी। 1 सप्ताह तक इन औषधियों का सेवन करने के बाद उसने इन्हें बंद कर दिया परंतु वाईब्रिओनिक्स औषधि को एक माह तक लेती रही। इसके साथ ही स्वामी द्वारा सृजित हल्दी को वह घाव पर कभी-कभी लगा लेती थी। वह अब पूर्ण रूप से स्वस्थ है। उनका यह मानना है कि उनके जीवन का यह सबसे बड़ा चमत्कार है। स्वामी के प्रति नतमस्तक हैं स्वामी के प्रति और उनकी वाईब्रिओनिक्स के प्रति आभारी हैं।
*CC3.2 Bleeding disorders + CC3.7 Circulation + CC10.1 Emergencies + CC12.1 Adult tonic + CC15.1 Mental & Emotional tonic + CC18.5 Neuralgia + CC20.7 Fractures + CC21.11 Wounds & Abrasions
3. कोविड-19 अपडेट
13 अप्रैल 2020 से हमने निम्न कंबोज का उपयोग इस रोग से सुरक्षा के लिए उपयोग किया है:
CC4.1 Digestion tonic + CC4.8 Gastroenteritis + CC9.4 Children’s diseases + CC10.1 Emergencies + CC13.1 Kidney & Bladder tonic + CC15.1 Mental & Emotional tonic + CC19.3 Chest Infections chronic + CC19.6 Cough chronic + CC19.7 Throat chronic
उनके लिए जिनके पास 108CC बॉक्स नहीं है, लेकिन SRHVP मशीन है: NM6 Calming + NM76 Dyspnoea + NM113 Inflammation + BR4 Fear + BR14 Lung + SM26 Immunity + SM27 Infection + SM31 Lung & Chest + SM40 Throat + SR270 Apis Mel + SR271 Arnica 30C + SR272 Arsen Alb 30C + SR277 Bryonia 30C + SR291 Gelsemium 30C + SR298 Lachesis + SR301 Mercurius 30C + SR302 Nux Vom 30C + SR306 Phosphorus 30C + SR385 Eupatorium Perf + SR406 Sabadilla 30C + SR505 Lung
वायरस के म्युटेट होने के कारण हमारी अनुसंधान टीम ने इसको संशोधित किया है जो निम्न है:CC4.1 Digestion tonic + CC4.2 Liver & Gallbladder tonic + CC9.2 Infections acute + CC9.4 Children’s diseases + CC15.1 Mental & Emotional tonic + CC19.3 Chest Infections chronic + CC19.6 Cough chronic + CC19.7 Throat chronic
उनके लिए जिनके पास 108CC बॉक्स नहीं है, लेकिन SRHVP मशीन है: NM6 Calming + BR4 Fear + BR9 Digestion + BR10 Fever & Infection + BR14 Lung + SM26 Immunity + SM27 Infection + SM31 Lung & Chest + SM40 Throat + SR271 Arnica 30C + SR272 Arsen Alb 30C + SR291 Gelsemium 200C + SR302 Nux Vom 30C
दोनों ही केसों में खुराक पहले की तरह ही है। सुबह उठने पर बचाव की दृष्टि से OD; संभावित संक्रमण (हल्के लक्षण जैसे की हल्की खांसी) में TDSI कोविड-19 के निदान होने पर,रोगी के लिए एक खुराक हर घंटे 6 घंटे तक, इसके पश्चात 6TD; सुधार होने पर खुराक को QDS - TDS - BD – OD धीरे-धीरे कर देना चाहियेI किसी भी एलोपैथिक उपचार को जारी रखा जाना चाहिए और किसी भी समय हतोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए।
आरोग्य लाभ: जब कोई रोगी ठीक हो गया हो लेकिन कमजोरी महसूस करता है और थकान महसूस करता है तो उसे निम्न कोंबो दें जब तक कि वह पूर्ण रूप से स्वस्थ ना हो जाए:
CC4.1 Digestion tonic + CC11.3 Headaches + CC19.7 Throat chronic
उनके लिए जिनके पास 108CC बॉक्स नहीं है, लेकिन SRHVP मशीन है: NM75 Debility + BR9 Digestion + BR10 Fever & Infection + SM31 Lung & Chest + SM24 Glandular + SM40 Throat
दोनों के लिए खुराक: बिस्तर पर जाने से पहले रात में OD, जबकि जागने पर इम्युनिटी बूस्टर OD जारी रखना।
उन लोगों की सुविधा के लिए जिनके पास 13 अप्रैल 20 का पिछला कॉम्बो पहले से ही अल्कोहल में बना है, वे बस अपनी मौजूदा बोतल में निम्नलिखित जोड़ सकते हैं: CC4.2 Liver & Gallbladder tonic + CC9.2 Infections acute.
उनके लिए जिनके पास 108CC बॉक्स नहीं है, लेकिन SRHVP मशीन है: BR9 Digestion + BR10 Fever & Infection