साई व्हाइब्रियोनिक्स पत्रिका

" जब आप किसी हतोत्साहित, निराष या रोग ग्रस्त व्यक्ति को देखते हो, वहीं आपका सेवा क्षेत्र है " Sri Sathya Sai Baba
Hands Reaching Out

Vol 11 अंक 2
मार्च / अप्रैल 2020
सिंहावलोकन

डॉ० जीत के अग्रवाल की कलम से

अभी हाल ही में मनाए गए शिवरात्रि महोत्सव के अवसर पर डॉ जीत अग्रवाल ने सभी लोगों का ध्यान शिव सिद्धांत की ओर खींचा है जो सदैव सनातन है और हर मानव में उपस्थित है। बाबा ने अपने संदेश में कहा है कि हमें हर क्षण को आध्यात्मिक बनाने की आवश्यकता है। इसकी सार्थकता आज और भी महत्वपूर्ण हो गई है, नए कोरोना वायरस के कारण। आज पूरा विश्व इस करोना वायरस (COVID-19) के कारण मानसिक अशांति और भ्रम से घबरा रहा है और इसका सामना करने की योजनाएं बनाने में लगा हुआ है। सभी चिकित्सकों से आग्रह किया है कि वे वाइब्रॉनिक्स का व्यवसायकरण करें और ऐसी गतिशील संरचना तैयार करें जिसमें 9 प्रमुख क्रियाशील भाग हो जिसमें क्रियाशील संचालन की प्रक्रिया हो। इससे चिकित्सकों को एडमिन सेवा करने का अवसर प्राप्त होगा। अंत में उन्होंने सभी चिकित्सकों से प्रतिदिन धरती माता के लिए कुछ समय निकालने के लिए भी कहा है जो इस समय कोरोना वायरस COVID-19 से संक्रमित है।

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रोगी तथा रोग का विवरण

10 मामले साझा किए जाते हैं: दस्त, साँस लेने में कठिनाई; बृहदान्त्र में अल्सर के साथ कोलाइटिस; चक्कर के साथ धुंधली दृष्टि; पैर पर दर्दनाक फोड़ा; सर्दी की दाने; त्वचा संक्रमण; पेट में दर्द; अम्लता, खाद्य एलर्जी; अनिद्रा; और निकाय को हटाना।

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चिकित्सक की रुपरेखा

इस समाचार पत्र में 2 चिकित्सकों का परिचय दिया जा रहा है। एक योग्य संरचनात्मक इंजीनियर है और 1996 से स्वामी के संपर्क में है। वह यूके में साईं सेंटर, लीड्स में रहते हैं। वर्ष 2016 से चिकित्सक हैं 2018 से SVP है उन्होंने 130 रोगियों का उपचार किया है। इन रोगियों के कारण वे बहुत विनम्र हो गए हैं और उन्हें कई बार स्वामी का अनुग्रह प्राप्त हुआ है तथा वाइब्रॉनिक्स को बढ़ावा देने के लिए बहुत उत्सुक रहते हैं विशेषकर यूके में। दूसरे चिकित्सक SVP हैं नवंबर 2018 से। उनका परिचय 5 अप्रैल 2017 के समाचार से पहले दिया गया था जब उन्होंने चित आकर्षक यात्रा की शुरुआत वाइब्रॉनिक्स और स्वामी के साथ शुरू की थी। अब उन्होंने बड़े जिम्मेदार भरे कार्यों का भार वहन करना शुरू कर दिया है। स्पेनिश भाषा में समाचार पत्रों का अनुवाद करती हैं तथा स्पेनिश भाषा वाले देशों के चिकित्सकों के डेटाबेस को नवीनतम बनाती हैं और वाइब्रॉनिक्स के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य भी करती हैं,इन्होने 13 भाषाओं में एक परिचयात्मक वीडियो बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 10 वर्ष पूर्व जो आकर्षण वाइब्रॉनिक्स के प्रति था वह आज भी कायम है। वह अपने कार्यों को पूर्ण विश्वास तथा हृदय की संवेदना के साथ करके रोगियों के जीवन को प्रकाशित करती हैं।

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प्रश्नोत्तर

हमने 108CC बॉक्स तथा SRHVP मशीन के द्वारा कोरोना वायरस का उपचार सीखा है तथा उसकी खुराक के बारे में भी जानकारी प्राप्त की है। इमरजेंसी में रोगी को तत्काल एलोपैथिक उपचार की सलाह देने के लिए भी निर्देश प्राप्त हुए हैं। एलोपैथिक उपचार के साथ-साथ औषधि को 6TD खुराक में देने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। नोसोड बनाते समय हाथों में दस्ताने पहनने चाहिए तथा अन्य संबंधित नियमों का भी पालन करना चाहिए। तारों से घिरे पेंडेंट को चार्ज करने में आवश्यक सावधानियां रखें। सेवा करते समय अहम धीरे-धीरे हमारे अंदर प्रवेश करके कब्जा न कर ले, इस बात का ध्यान रखेंI निदान के अभाव में कैंसर का उपचार, थायराइड का उपचार कैसे किया जाए। रोगी के मुख में पहली पिल रखते समय किन सावधानियों तथा वाइब्रॉनिक्स उपचार लेने वालों का आदतन कपूर सूंघने,इन सब का विस्तृत ब्यौरा पढ़ें।

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दैवीय चिकित्सक का संदेश

स्वामी ने अपने संदेश में प्रेम सहित अनुरोध किया है कि हमें ताजे फलों का सेवन करना चाहिए तथा भोजन बनाते समय बहुत कम तेल का उपयोग करना चाहिए। स्वामी ने कहा है कि ईश्वर ने हमें यह शरीर सेवा और सहायता करने के लिए दिया है तथा हमें समय व्यर्थ में ही खाने-पीने में गवाना नहीं चाहिए क्योंकि मानवता की सेवा से बड़ा कोई कार्य नहीं है।

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उद्धघोषणाये

इस भाग में पढ़ें आगामी कार्यशालाओं का विवरण, भारत (दिल्ली और पुट्टपर्थी), USA रिचमंड VA, और UK लंदन में आगामी कार्यशालाएं और सेमिनार सूचीबद्ध हैं। AVP और SVP कार्यशालाएं केवल उन लोगों के लिए हैं जो प्रवेश प्रक्रिया और ई-कोर्स कर चुके हैं। रिफ्रेशर सेमिनार मौजूदा चिकित्सकों के लिए हैं।

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अतिरिक्त

स्वास्थ्य लेख में "नोवल कोरोनावायरस - रोकथाम और देखभाल" के बारे में बताया गया है, जैसे कि कोरोनो वायरस क्या है, इसके लक्षण, यह किस प्रकार फैलता है सावधानियां तथा बचावI वायरस की आशंका होने की स्थिति में तुरंत ही मेडिकल सहायता लेंI इसके अलावा, चेन्नई और बेंगलुरु में आयोजित रिफ्रेशर सेमिनार के बारे में बताया गया हैI

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