साई व्हाइब्रियोनिक्स पत्रिका

" जब आप किसी हतोत्साहित, निराष या रोग ग्रस्त व्यक्ति को देखते हो, वहीं आपका सेवा क्षेत्र है " Sri Sathya Sai Baba
Hands Reaching Out

दैवीय चिकित्सक का संदेश

Vol 11 अंक 2
मार्च / अप्रैल 2020


“केवल ताजा भोजन करो, बासी भोजन मत करो जो 1 दिन पूर्व बनाया गया हो। भोजन पकाने के लिए तेल एक आवश्यक सामग्री है। डॉक्टरों के मतानुसार अधिक तेल के सेवन से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है। लेकिन, कुछ हद तक, शरीर को कोलेस्ट्रोल की आवश्यकता भी होती है। अतः वह भोजन मत करो जिसमें तनिक भी तेल की मात्रा ना हो इसलिए तेल रहित भोजन का बहिष्कार करो। हमेशा संतुलित भोजन करो।

...Sathya Sai Baba, “Supreme Bliss Comes From Absolute Wisdom”, Divine Discourse, 1 September 1996 

http://sssbpt.info/ssspeaks/volume29/d960901.pdf 

 

“हमें सदैव दूसरों की सेवा के लिए तत्पर रहना चाहिए। ईश्वर ने हमें यह शरीर इस कार्य के लिए ही दिया है। यह  शरीर केवल खाने-पीने के लिए नहीं दिया गया है, मूल्यवान समय बर्बाद करने के लिए नहीं है। हमें इस सत्य का अनुभव करना चाहिए कि ईश्वर ने हमें यह शरीर दूसरों की सेवा करने के लिए दिया है, उनकी सहायता करने के लिए दिया है। मानवता के लिए सेवा से बढ़कर कोई अन्य कार्य नहीं है। सभी महान व्यक्तियों ने मानवता की सेवा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। इसलिए तुम्हें अभी से मानवता की सेवा कार्यों में अपना योगदान शुरू कर देना चाहिए। सेवा का महत्व भजनों और साधनाओं से अधिक होता है।"

...Sathya Sai Baba, “Service To Man Is Service To God” ”, Divine Discourse, 1 January 2004 

http://www.sssbpt.info/ssspeaks/volume36/sss37-01.pdf