अतिरिक्त
Vol 11 अंक 2
मार्च / अप्रैल 2020
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स्वास्थ्य सुझाव
COVID-19 – रोकथाम और देखभाल
“केवल मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है जो स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझता रहता है। मनुष्यों की अनेकों प्रकार की बीमारियां लगातार बढ़ रही हैं । इसका मुख्य कारण है कि ईश्वर ने मनुष्य के खाने के लिए जो चीजें बनाई है उन्हें वह उसी रूप में भोजन में नहीं खाता है।”... Sri Sathya Sai Baba1
1. कोरोना वायरस में नया क्या है?
कोरोना वायरस, वायरसों के बड़े समूह का वायरस है जो पशुओं और मनुष्यों के मध्य प्रेषित होता रहता है। उनमें से कुछ ऐसे वायरस है जिन्होंने मनुष्य को प्रभावित नहीं किया है। SARS-CoV(गंभीर तीक्ष्ण श्वसन लक्षण) वायरस का सबसे पहले 2003 में आक्रमण हुआ था जिसकी पहचान चीन में की गई थी यह कोरोना वायरस है जो बिल्लियों से मनुष्य में प्रेषित हुई है ।MERS-COV (मिडिल ईस्ट रेस्पिरेट्री सिंड्रोम) की पहचान 2012 में सऊदी अरब में की गई थी। यह वायरस ऊंट से मनुष्यों में प्रेषित हुआ था। यहां तक की सामान्य जुकाम भी इसी परिवार के कमजोर विषाणु के कारण होता है।22,3,4,5
बांई और नये कोरोना वायरस का चित्र है जिसे कंप्यूटर बायोलॉजिस्ट ने तैयार किया है2
दिसंबर 2019 में चीन में निमोनिया के बहुत सारे मामले हुए, जांच से पता चला कि यह किसी अज्ञात वायरस के कारण हुए हैं तथा प्रारंभ से इसे वर्ष 2019 का नया कोरोना वायरस (2019-nCoV) नाम दिया गया। यह एक तनाव का कारण बन गया यह पहले कभी मनुष्यों में देखा नहीं गया था। संयुक्त राष्ट्र संघ की स्वास्थ्य संस्था ने 11 फरवरी 2020 को घोषणा की कि चीन में जो घातक वायरस पाया गया है उसको “COVID-19” के नाम से जाना जाएगा तथा यह भी कहा गया कि यह एक घातक वायरस है और विश्व के लिए 'बहुत घातक' है और लेकिन इसको रोकना बहुत आवश्यक है। अभी तक इस वायरस के संबंध में जो कुछ भी ज्ञात है, उसमें परिवर्तन संभव है क्योंकि इस संबंध में अभी अनुसंधान चल रहे हैं।.3.4,5,6
विश्व के अनेकों संक्रमण विशेषज्ञों का मत है कि चीन से चला यह वायरस महामारी का रूप ले सकता है और संसार के अनेकों देशों में अपना असर दिखा सकता है “यदि सारे देशों में नहीं”। इस प्रकार की चिंता विश्व स्वास्थ्य संगठन की है। वैज्ञानिकों को यह मालूम नहीं है कि यह वायरस कितना घातक हो सकता है लेकिन यह एक आम सहमति है कि यह महामारी का वायरस मनुष्यों में आसानी से संचारित हो जाता है। इन्फ्लूएंजा की तरह ही फैल रहा है जबकि इसके साथी वायरसों SARS और MERS फैलने की गति बहुत धीमी थी।7
2. COVID-19 के लक्षण
प्रारंभ में इसके लक्षण सामान्य जुकाम और फ्लू की भांति होते हैं। बुखार, सूखी खांसी, सांस लेने की गति में कमी, सांस लेने में परेशानी और कुछ मामलों में पेट दर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान, अधिक कफ (बलगम) की शिकायत बलगम के साथ रक्त आना (हेमोटाईसिस) और डायरिया। कई मामलों में निमोनिया की शिकायत भी हो सकती है, तीव्र श्वसन सिंड्रोम गुर्दे का फेल होना और यहां तक की मृत्यु। केवल लक्षणों के आधार पर इस वायरस का पता नहीं लगाया जा सकता है। प्रयोगशालाओं में परीक्षणों के आधार पर ही यह पता लग सकता है कि व्यक्ति इस नए वायरस से ग्रसित है।3,4,5,8 पहले जिन व्यक्तियों को इस वायरस ने संक्रमित किया था उनको कोई भी लक्षण नहीं हुए थे। रिपोर्टों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि रोक को बढ़ने में 14 दिन का समय लगता है, यह समय 27 दिन का भी हो सकता है। यदि किसी को इसकी चिंता है तो उसे अपने बलगम की जांच किसी विशेषज्ञ से करा लेनी चाहिए जिससे यह ज्ञात हो सके कि उसके अंदर वायरस है अथवा नहीं है।8,9
3. COVID-19 किस प्रकार फैलता है?
यह पूरी तरह जानना तो अभी बाकी है। परन्तु यदि इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति से कोई व्यक्ति संपर्क में आता है तो यह वायरस दूसरे व्यक्ति को भी संक्रमित कर देता है। इतना ही नहीं बल्कि संक्रमित व्यक्ति की छींक के छींटे भी किसी व्यक्ति को छू जाए तो भी व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित हो जाता है। अतः संक्रमित व्यक्ति की नाक का पानी, थूक, लार या बलगम अन्य व्यक्ति को संक्रमित करने की क्षमता रखते हैं। अभी तक ऐसा कोई प्रमाण नहीं है कि यह वायु द्वारा फैलता है। यह संक्रमित स्थानों को छूने से भी फैलता है।3,4,5
4. बचाव के तरीके
व्यक्तिगत रूप से अच्छी स्वच्छता का पालन करें तथा सरल बचाव के तरीके अपनाएं, अर्थात्::3-5,8,10-14
- अपने हाथों को साबुन और बहते हुए (या गर्म पानी) से धोएं। यदि आपके हाथों पर कोई गंदगी नजर नहीं आ रही हो तो अल्कोहल आधारित द्रव्य से हाथों को साफ करें। धोने से हाथ पर चिपके वायरस दूर हो जाते हैं। हाथ पोंछनॆ के टॉवल साफ-सुथरे होने चाहिए या हाथ धोने के बाद उन्हें सुखाने के लिए, सिर्फ एक बार उपयोग में लिए जाने वाले तौलिये का उपयोग करें।
- अपने नाक और मुंह को फलेक्स्ड एल्बो या टिशू या कपड़े से ढके जब आप खांस रहे हो या छींक रहे हो। इनको उपयोग में लेने के बाद तुरंत ही ढ़क्कनदार बास्केट में डाल दें तथा हाथों को तुरंत ही धोलें जिससे कि आप जिस वस्तु को छुए तो संक्रमित न हो जाए।
- एक दूसरे से 1 मीटर (3 फीट) दूरी बनाए रखें यदि कोई व्यक्ति खांस रहा है या छींक रहा है। खांसते या छींकते समय निकलने वाली पानी की बूंदे दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकती हैं क्योंकि उनमें वायरस मौजूद रहता है । यदि तुम किसी संक्रमित व्यक्ति के अधिक निकट होते हो तो तुम श्वास के साथ वायरस को ग्रहण कर सकते हो। छूने से या हाथ मिलाने से भी वायरस एक स्थान से दूसरे स्थान तक पलायन कर जाते हैं। पशुओं से बिना आवश्यकता के संपर्क नहीं बनाएं। पशुओं को छूने के बाद हाथों को धो लें। पशुओं के द्वारा विसर्जित पदार्थों को न छुए क्योंकि वह भी संक्रमित हो सकते हैं। बाजार में मिलने वाले इन पदार्थों से भी दूरी बनाए रखें।
- अपने मुंह, आंख और नाक को न छुंए। हो सकता है कि आपके हाथों ने उन स्थानों को छुआ हो जो संक्रमित है। चेहरे के बाहर की चीजें जैसे कि मोबाइल, लैपटॉप व उसका माउस, लिफ्ट का बटन, उनके हैंडल्स, मेज़, कुर्सी यह वह स्थान है जो संक्रमित हो सकते हैं।
- यदि आप स्वस्थ महसूस नहीं कर रहे हैं तो घर पर ही रहिए, यात्राएं मत कीजिए । यदि जाना आवश्यक हो तो यात्रा में पहनने जाने वाले मास्क का उपयोग करें जिसका रंगीन भाग बाहर की ओर है। यदि आपको खांसी बुखार या श्वास लेने में परेशानी का अनुभव हो तो तुरंत ही मेडिकल सहायता लें।
- आप सहायता प्रदान करने वाले कार्यकर्ता हैं और उसी कक्ष में रहते हैं जिसमें संक्रमित व्यक्ति रहते हैं तो आपको मास्क का उपयोग अवश्य करना चाहिए । एक बार उपयोग में लेने के बाद सुरक्षित स्थान पर फेंक दें तथा हाथों को धोना ना भूले। अकेले मास्क से पूर्ण सुरक्षा नहीं होती है इसके साथ ही अन्य सुरक्षा साधनों का उपयोग भी करना आवश्यक है।8,10
- नाक में 2 बूंद तिल का तेल डालें। प्रातः काल में ऐसा करने से नासिका छिद्र चिकने हो जाते हैं तथा अवांछनीय गंदगी बाहर निष्कासित हो जाता है यह सूचना भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने दी है जो कि आयुर्वेद विशेषज्ञों द्वारा सुझाई गई है।"11
- बचाव लिए निम्न का उपयोग करें - Vit-C 3g को कई भागों में, विटामिन D3 2000 IUs, मैग्नीशियम 400 mg जिंक 20 mg, सेलिनियम 100mcg.14
5. वाइब्रॉनिक्स द्वारा उपचार
इस वायरस के बारे में अधिक जानकारी नहीं है। अभी तक इस वायरस से बचाव के लिए कोई भी औषधि या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। अभी तक वायरस से पीड़ित किसी व्यक्ति का उपचार वाइब्रॉनिक्स के द्वारा नहीं हुआ है। किसी भी व्यक्ति को उपचार देने से पूर्व उस व्यक्ति को सलाह दें कि उसे तुरंत ही एलोपैथिक उपचार के लिए जाना चाहिI केवल रोगी को सलाह देना ही काफी नहीं है, चिकित्सक को अपना भी ध्यान रखना चाहिए
जैसा कि यह वायरस एक अज्ञात इकाई है, नई जानकारी दैनिक रूप से प्रवाहित होती है। इसलिए हम अपने कॉम्बो को संशोधित करने जा रहे हैं, यह ध्यान में रखते हुए कि कुछ मरीज़ लक्षणों को बिल्कुल प्रदर्शित नहीं करते हैं और यदि वे करते हैं, तो शायद संक्रमित होने के कई दिनों बाद। हमने एक ही कॉम्बो बनाया है, रोकथाम और उपचार दोनों के लिए और केवल खुराक अलग है। नीचे बताए गए निवारक उपायों को रोगियों और उनके परिवारों को सीधे चिकित्सक द्वारा भेज दिया जा सकता है, जिन्हें डब्ल्यूएचओ और उनके स्थानीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा जारी किए गए प्रोटोकॉल और दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करने के लिए रोगियों पर जोर देना चाहिए। उपाय बोतल "इम्यूनिटी बूस्टर" को लेबल करना याद रखें। किसी भी परिस्थिति में इन उपायों को थोक में वितरित नहीं किया जाना चाहिए।
108CC का उपयोग करने बालों के लिए रोग निरोधक CC9.2 Infections acute + CC9.4 Children's diseases + CC13.1 Kidney tonic + CC19.3 Chest infections + CC19.6 Cough chronic + CC19.7 Throat chronic
SRHVP मशीन का उपयोग करने वालों के लिए NM6 Calming + NM76 Dyspnoea + NM113 Inflammation + BR4 Fear + BR14 Lung + SM26 Immunity + SM27 Infection + SM31 Lung & Chest + SM40 Throat + SR270 Apis Mel + SR271 Arnica 30C + SR272 Arsen Alb 30C + SR277 Bryonia 30C + SR291 Gelsemium 30C + SR298 Lachesis + SR301 Mercurius 30C + SR302 Nux Vom 30C + SR306 Phosphorus 30C + SR385 Eupatorium Perf + SR406 Sabadilla 30C + SR505 Lung.
यदि क्षेत्र में महामारी का प्रकोप नहीं है तो खुराक OD, यदि क्षेत्र में महामारी का प्रभाव है एवम् रोगी वृद्ध है, वह रोग की चपेट में जल्दी आ सकता है तो भी खुराक OD होगी। यदि वायुयान से यात्रा करनी हो तो यात्रा से 1 दिन पूर्व से ही औषधि का सेवन करना शुरू कर दें। यदि किसी व्यक्ति के बारे में शक हो कि वह इस वायरस से संक्रमित है तो उसे उपरोक्त औषधि 6TD की खुराक में दें तथा तुरंत ही मेडिकल सहायता लेने का सुझाव भी दे। यदि इस बात की पुष्टि हो जाती है कि उक्त व्यक्ति संक्रमित है तो भी वाइब्रो उपचार देते रहें यह उपचार एलोपैथिक उपचार के सहायतार्थ है।
COVID-19 वायरस के सामुदायिक प्रसार के खतरे को ध्यान में रखते हुए, अगले निर्देश तक, कोई भी वाइब्रेशनिक्स शिविर नहीं लगाए जाएंगे।
स्वर्ण सूत्र: अपनी जीवनशैली से अपनी इम्यूनिटी को उन्नत करें। भोजन, व्यायाम, धूप का सेवन तथा सब की सुरक्षा हेतु प्रार्थना करने से आप अपनी इम्यूनिटी को उन्नत कर सकते हैं। अपनी स्वयं की स्वच्छता तथा बचाव के उपाय अपनाएं, डरें नहीं।
References and Links:
- Health, Food, and Spiritual disciplines, Divine Discourse 8 October 1983, Sathya Sai Newsletter, USA, vol 8-4, Sathya Sai Baba Speaks on Food, Sri Sathya Sai Sadhana Trust Publication, December 2018, page55
- Painted picture of novel coronavirus: https://www.forbes.com/sites/evaamsen/2020/02/10/what-does-a-coronavirus-look-like/#3f2c5d753c7f
- World Health Organisation site: https://www.who.int/health-topics/coronavirus; https://who.int/emergencies/disease/novel-coronavirus-2019
- Q&As on coronavirus: https://www.who.int/news-room/q-a-detail/q-a-coronaviruses
- Official statement on virus in China: https://www.youtube.com/watch?v=mgc_K2x-GKA
- https://www.who.int/dg/speeches/detail/who-director-general-s-remarks-at-the-media-briefing-on-2019-ncov-on-11-february-2020
- Coronavirus pandemic: https://www.nytimes.com/2020/02/02/health/coronavirus-pandemic-china.html
- Symptoms: https://www.dw.com/en/coronavirus-cold-or-flu-symptoms-how-to-tell-the-difference/a-52233885
- Incubation period: https://www.dw.com/en/how-long-is-the-coronavirus-incubation-period/a-52569944
- Protective measures against the new virus: https://www.who.int/emergencies/diseases/novel-coronavirus-2019/advice-for-public
- How to use masks: https://www.who.int/emergencies/diseases/novel-coronavirus-2019/advice-for-public/when-and-how-to-use-masks
- AYUSH site https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1600895
- Measures conveyed through music: https://www.youtube.com/watch?v=mP-mCfo4-f8
- Preventive supplements: https://www.peakprosperity.com/forum-topic/supplement-support-against-coronavirus
2. रिफ्रेशर सेमीनार चेन्नई, भारत,18-19 जनवरी 2020
चेन्नई में दो दिवसीय रिफ्रेशर सेमिनार में तमिलनाडु के 14 चिकित्सकों ने भाग लिया (दो ने Zoom के माध्यम से)। यह सेमिनार चिकित्सक11561 में अपने निवास पर चेन्नई में आयोजित किया। कोर्स अध्यापक11422, के अतिरिक्त सेमिनार को एक वरिष्ठ अध्यापक10375 ने भी संबोधित किया,Zoom के माध्यम से ( मॉडल क्लीनिक पर) तथा श्रीमती हेम अग्रवाल ने रोग विवरण पर तथा डॉ॰ जीत अग्रवाल ने भी सेमिनार को संबोधित किया । इस सम्मेलन की प्रमुख विशेषताएं निम्न हैं :
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प्रत्येक प्रतिभागी ने अपने एक कठिन रोग का विवरण दिया जिस पर, कोर्स अध्यापक के निर्देशन में, विस्तार से विचार-विमर्श किया गया । इस सत्र के बाद एक मॉडल क्लीनिक का प्रदर्शन भी किया गया जिसमें जीर्ण रोग के उपचार के बारे में जानकारी दी गईI
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केस हिस्ट्री का महत्व तथा उसको प्रस्तुत करने का तरीका बताया गया जिससे कि वे प्रकाशनार्थ श्रेणी में आ जाएं। केस हिस्ट्री लिखने के लिए भी एक सत्र में अभ्यास कराया गया।
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डॉ. अग्रवाल ने समझाया कि मुश्किल केसों को किस प्रकार सुलझाया जा सकता है। उन्होंने चिकित्सकों को प्रोत्साहित किया कि वे सदैव स्वामी के साथ जुड़े रहे और उनके प्रति अटूट विश्वास बनाए रखें। स्वामी के प्रति समर्पित भाव से कार्य करें और इस बात का ध्यान रखें कि हम तो स्वामी के उपकरण मात्र है वे ही उपचारक हैं। यदि रोगी फिर भी स्वस्थ नहीं होता है तो यह ईश्वर की इच्छा है। उन्होंने बताया कि रोग का मुख्य कारण है दूषित जीवनशैली तथा इस बात पर बल दिया कि "अनासक्ति ही स्वयं चिकित्सा है"। इस हेतु नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों में परिवर्तित करने के लिए उन्होंने हमारे जीवन में व्याप्त स्वामी की स्मृतियों की ओर ध्यान दिलाया। वहां से प्रस्थान करने से पूर्व सभी चिकित्सकों ने अपने ज्ञान की वृद्धि की और विश्वास दिलाया कि वे इस सेवा को समर्पित भाव से करते रहेंगे।
3. रिफ्रेशर सेमीनार, बेंगलुरु, भारत, 8-9 फरवरी 2020
एक अत्यधिक विचार-विमर्श वाले दो दिवसीय रिफ्रेशर कोर्स का आयोजन एक वरिष्ठ चिकित्सक10375 द्वारा बंगलुरु में किया गया कर्नाटक के लगभग 34 चिकित्सकों ने इसमें भाग लिया। इसमें वाइटफील्ड वृंदावन में हुए उपचारों के आधार पर मॉडल क्लीनिक व रोगों के विवरण पर चर्चा हुई। बहुत से चिकित्सकों ने काफी समय पहले प्रशिक्षण लिया था अतः वे अपने ज्ञान वृद्धि के लिए इस सेमिनार में भाग ले रहे थे और अपने सेवा कार्य को करते रहने के लिए मानस बनाया था। इस अवसर के लिए एक संक्षिप्त मैनुअल भी बनाया गया था जिसमें AVP से संबंधित सभी जानकारियां दी गई थी। रोगी के उपचार के लिए विभिन्न दृष्टिकोणों का वर्णन किया गया था मुख्य रूप से इस बात पर बल दिया गया था कि वाइब्रॉनिक औषधि किस प्रकार से इम्यूनिटी को बढ़ाती है। प्रतिभागियों को रोग का विवरण लिखने और इसके द्वारा प्राप्त लाभों के बारे में भी विस्तार से बताया गया। उनके सफलतम उपचारों को किस प्रकार लिख कर रखना है जिससे कि उनको समाचार पत्रों में प्रकाशन करके समस्त चिकित्सकों के समक्ष प्रस्तुत किया जा सके।
कर्नाटक के SSSSO के राज्याध्यक्ष श्री नागेश दाकप्पा अपने व्यस्ततम क्षणों में से कुछ क्षण निकालकर सेमिनार में पधारे तो सभी चिकित्सकों को अपार प्रसन्नता की अनुभूति हुई, उन्हें यहां बुलाने के लिए विशेष आमंत्रण पत्र भिजवाया गया था। उन्होंने अपने भावुकता पूर्ण संदेश में बतलाया कि किस प्रकार स्वामी ने उन्हें बंगलुरु में वाइब्रॉनिक्स की प्रथम कार्यशाला आयोजित करने का संदेश दिया था। यह कार्यशाला वर्ष 2009 में आयोजित की गई थी तथा वृंदावन में एक क्लीनिक स्थापित करने का आग्रह किया गया था।
डॉ जीत अग्रवाल ने अपने संदेश में सभी चिकित्सकों को प्रेरणा देते हुए कहा कि स्वामी की एक बात पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस महान सेवा को अपने रूपांतरण हेतु करते रहो । वाइब्रॉनिक्स एक विशेष प्रकार की सेवा है क्योंकि यह विश्व धीरे-धीरे पूरक चिकित्सा की ओर अग्रसर हो रहा है जिसमें किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि हम डॉक्टर नहीं है और हमें रोगी के उपचार के लिए अधिक प्रयासों की आवश्यकता होती है।
दो चिकित्सकों ने अपने अनुभवों को सबके समक्ष प्रस्तुत किया । उन्होंने मुंह के कैंसर जो कि चौथे स्तर तक पहुंच गया था के उपचार के बारे में विस्तार से बतलाया 2 HIV के रोगियों और एक बच्चा जिसकी रीढ़ की हड्डी दो टुकड़ों में फट गई थी के सफलतम उपचार के बारे में भी जानकारी प्रदान की। सभी चिकित्सकों के 108CC बॉक्स को रिचार्ज किया गया। सभी चिकित्सकों ने अनुभव किया कि ना केवल उनके 108CC बॉक्स को रिचार्ज किया गया है बल्कि वे सभी निस्वार्थ सेवा के लिए भी रिचार्ज हो गए हैं!