अतिरिक्त
Vol 10 अंक 1
जनवरी / फरवरी 2019
1. स्वास्थ्य सुझाव
तन्दुरूस्ती एवं प्रसन्नता के लिये व्यायाम
‘‘स्वस्थ्य दिमाग के लिये मनुष्य को अच्छे स्वास्थ्य की आवश्यकता होती है, जिसमें अच्छे विचार भरे हों।
इस बात को स्वीकार कर लेना चाहिये कि खेलों और संगीत को इस प्रकार परिकल्पित किया गया है कि वे मनुष्य को प्रसन्नता और अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करने वाले होते हैं, लेकिन शारीरिक स्वास्थ्य ही काफी नहीं होता है। मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही आवश्यक होता है। ये दोनो स्थूल शरीर से संबंधित हैं परन्तु इनके अलावा हर व्यक्ति में एक सूक्ष्म शरीर भी होता है। हमें इस सूक्ष्म शरीर को भी भली भांति ध्यान रखना आवश्यक है। इस हेतु हमें आध्यात्मिक व्यायाम करने की आवश्यकता होती है जो हमें दिव्यता का अनुभव कराती है।1’’
1. व्यायाम क्या है?
व्यायाम एक भौतिक कार्य है जो हमारी दैनिक सक्रियता की अपेक्षा अधिक तीव्र और चुनौती पूर्ण होता है।2
2. व्यायाम की आवश्यकता क्यों?
इसका उद्देश्य है, शारीरिक रूप से चुस्त, मानसिक रूप से ताज़गी और फुर्तीला, मनोरंजक, प्रसन्न रहने वाला और स्वंय के साथ सामंजस्य बनाये रखने वाला होना है। इसका आयु, लिंग या शारीरिक गतिविधि से कोई संबंध नहीं है।3,4,5
3. व्यायाम से अनेको लाभ है!
- कोई भी व्यायाम जो पर्याप्त तीव्रता के साथ निश्चित समय तक निरंतरता के साथ किया जाता है वह शारीरिक भार, शरीर की चर्बी की प्रतिशतता, हृदय की सहनशीलता एवं शक्ति पर प्रभाव डालता है। व्यायाम से कैलोरी का क्षय होता और भार में कमी होती है। यह मस्तिष्क के रसायनों को उत्तेजित करता है और संज्ञानात्मक कार्यों और मूड़ को उन्नत करता है। यह रूधिर और टिश्यूज में ऑक्सीज़न की बढ़ोत्तरी करता है, पेशियों को शक्तिशाली बनाता है, हृदय और श्वसन तंत्र को सशक्त करता है और शारीरिक क्षमता में बढ़ोतरी करता है। मस्तिष्क में ऐन्डोरफिन्स का स्तर बढ़ने से चिंता और अवसाद को दूर करता है, मूड को अच्छा कर देता है, और अच्छा महसूस करने लगते हैं।3,4,5,6
- यदि शारीरिक क्रियायें परिवार और मित्रों के साथ की जाती हैं तो वह मनोरंजक होती है और अच्छी निद्रा में सहायक होती हैं। जो महिलायें नियमित रूप से व्यायाम करती हैं उनको गर्भधारण के दौरान तथा बच्चे को जन्म देने के पश्चात् उनको किसी भी प्रकार की उलझनों का सामना नहीं करना पड़ता है।3-5 6 वर्ष की आयु से बड़े बच्चों और किशोरों को व्यायाम से उतना ही लाभ मिलता है जितना कि व्यस्क लोगों की मिलता है।7 व्यायाम करने से जो व्यक्ति बिस्तर तक ही सीमित हो जाते हैं, उनकी उलझने भी कम हो जाती हैं तथा वे जल्दी स्वस्थ हो जाते हैं। व्यायाम से उन लोगों को भी फायदा होता है जो ICU में होते हैं, वे जल्दी स्वस्थ्य होकर शक्तिशाली और प्रसन्न हो जाते हैं।8,9 अपंग व्यक्ति अपनी सामर्थ्य के अनुसार व्यायाम करें तो वे अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त कर सकते हैं।10
- व्यायाम से बहुत समस्याओं और बिमारियों से बचाव व उनसे सबंधित व्यवस्था कर सकते हैं, विशेषकर हृदय संबंधी विकार, हृदयाघात, उपापचयी लक्षण, उच्च रक्त चाप, विभिन्न प्रकार के कैन्सर, गठिया एवं दुर्घटनायें। इससे जोड़ों में दर्द और सूजन कम हो जाती है।3-5
- मघुमेह के प्रबंधन में व्यायाम मील के पत्थर के समान है। व्यायाम करते रहने से मधुमेह का रोग जल्दी नहीं होता है, यह रक्त शर्करा का नियंत्रण करता है तथा मधुमेह से होने वाली जटिलताओं को नहीं होने देता है। कुछ मामलों में व्यायाम और खानपान पर नियंत्रण करने से, बिना औषधियों के, मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है।6
- अनुसंधानों से यह भी मालुम हुआ है कि व्यायाम करने से बुढ़ापा जल्दी नहीं आता है और कोषीय स्तर बढ़ती उम्र के प्रभाव में कमी होती है।11 हर व्यक्ति को नियमित रूप से निरंतर व्यायाम करते रहने से आश्चर्यजनक परिणाम प्राप्त होते हैं।
4. पैदल चलना सभी व्यायामों से सरल है!
- पैदल चलना तालबद्ध, गतिशील और ऐरोबिक (ऑक्सीज़न जीवी) क्रिया है बड़ी कंकालीय मांसपेशियों के लिये, यह आसान और सुरक्षित है। दुर्घटना की आशंका भी बहुत कम होती है। इसमें किसी भी प्रकार का बंधन नहीं होता है और हर आयु वर्ग के लिये उपयोगी है। हर कोई अपनी सामर्थ्य के अनुसार कितनी भी तीव्रता के साथ, बिना हाँफे हुये, चल सकता है।12-13
- तेज चलना व्यायाम के समान माना गया है, 1989 के ऐतिहासिक निर्णय के अनुसार, कूपर इंस्टीच्यूट ने 13000 व्यक्तियों, पुरूष और महिलाओं, पर अमेरिका में 8 वर्ष तक अध्ययन किया है।14 इससे यह पता चला है कि तेज़ चलना, दौड़ने के सामान हैं जो तनाव, कोलेस्ट्रोल और मधुमेह को कम करता है।4
- बहुत समय पहले से ही पैदल चलने को औषधि माना जाता रहा है।11 आराम से चलने से मूड ठीक होता है, मानसिक अवस्था में भी सुधार हो जाता है। अनुसंधानो से यह भी मालूम हुआ है कि प्रतिदिन 4000 कदम चलने से वृद्ध व्यक्तियों में संज्ञानात्मक क्रियाओं में वृद्धि होती है।15 प्रातःकाल में ताजी हवा में विचार मग्न होकर घूमना भी एक प्रकार का धीमा व्यायाम है और दिन की शुरूआत करने का शानदार तरीका है। प्रातःकाल खाली पेट नंगे पांव घूमना सबसे अच्छा होता है।
- भारत में 8 के अनन्त आकार में घूमना एक पुरानी पद्धति है इससे हम स्वस्थ्य रहते हैं और रोगों से भी मुक्त रहते है। 8 के आकार को बनाने के लिये दो गोले जो 6 फीट के व्यास के हों तथा उत्तर-दक्षिण दिशा में हो, को जोड़ दिया जाये। घूमने के लिये यह आकार खुले स्थान पर बनाया जा सकता है। स्वास्थ्य देखभाल करने वाले अध्यापक और चिकित्सक अनन्तता के पथ पर चलने के लिये पूरे विश्व में इस पद्धति का अनुसरण करने के लिये आग्रह करते हैं क्योंकि इससे व्यक्ति में कौशल का विकास होता हैं।16-20
5. उपयुक्त व्यायाम का चुनाव
- एक स्वस्थ्य व्यक्ति,एक मध्यम प्रकार की ऐरोबिक क्रियायें जैसे कि तेज़ चलना, दौड़ना, जोगिंग, रस्सी कूदना, साइकिल चलाना, नाचना, बागबानी करना या कोई खेल कर सकता है और करना चाहिये । यह प्रति दिन 20 से 25 मिनट तक करनी चाहिये। या फिर 10 मिनट की जोरदार ऐरोबिक्स जैसे कि वज़न उठाना या शरीर के वजन का व्यायाम, गुरूत्वाकर्षण बल के विपरीत अपने वजन का उपयोग करना।21 यह दोनो प्रकार का इष्टतम संयोजन हो सकता है (मध्यम और तीव्र) अपनी सामर्थ और व्यवसाय के अनुरूप तथा अपने शरीर की क्षमतानुसार।3-5
- मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों को मध्यम प्रकार के व्यायाम करने की सलाह दी जाती है प्रतिदिन आधा घंटे से एक घंटे तक।6 बच्चे और किशोरों को भी व्यायाम करना या खेलना चाहिये जो मध्यम से तीव्र गति वाला हो सकता है। यह शारीरिक क्षमता को चुनौती देने वाला होना चाहिये। इस दौरान उन्हें जल्दी-जल्दी सांस लेने रहना चाहिये जिससे कि उनका हृदय तंत्र और कंकाल तंत्र और मजबूत बन सके। प्रति दिन यह एक घंटे तक करना चाहिये, छोटे-छोटे टुकड़ों में या एक साथ।7
- खींचना, यद्यपि यह बहुत आसान क्रिया है, फिर भी यह एक प्रकार का व्यायाम है, यह उन लोगों के लिये उपयुक्त है जो व्यायाम के लिये समय नहीं निकाल पाते है या फिर अधिक देर तक बैठ कर काम नहीं कर पाते हैं। इस व्यायाम से शरीर में लचीलापन आता है, पोस्चर में सुधार होता है, तनाव तथा दर्द में कमी होती है। यह दिन में कई बार किया जा सकता है, थोड़े-थोड़े अन्तराल पर अपनी दिनचर्या के अनुसार, यहाँ तक कि किसी दिन व्यायाम नहीं किया गया हो। यह शरीर को पूरे दिन आराम देने वाला तथा चुस्त बनाने वाला है।
- यह अन्य व्यायामों के साथ भी किया जा सकता है, यह प्रतिदिन किये जाने वाले व्यायामों का एक अभिन्न अंग है। अन्य व्यायामों को करने के पूर्व इसे 3 से 5 मिनिट तक गतिशीलता पूर्वक करने से मांसपेशियाँ व्यायाम के लिये तैयार हो जाती हैं। गतिशीलता पूर्वक व्यायाम करना बहुत आसान होता है, हाथों और पाँवों को हिलाने से मांसपेशियाँ खिंच जाती हैं। इसको अंत में नहीं करना चाहिये। अंत में तो 3 से 5 मिनट तक इसे स्थिर अवस्था में करना चाहिये, प्रत्येक व्यायाम को आधा मिनट तक करना चाहिये। ऐसा माना जाता है कि इनको करने से चोट से बचाव होता है, मांसपेशियों की पीड़ा से बचा जा सकता है, चलने फिरने में सुधार होता है। यह किसी के मार्ग दर्शन में किया जाना चाहिये, योग आसान के अन्तर्गत आते हैं-मुद्रायें, खींचना तथा श्वसन की तकनीक जो शरीर, मन, आत्मा में एकता स्थापित करती है।21
- व्यायाम कितना करना चाहिये यह व्यक्ति पर निर्भर करता है, जो किसी के लिये कम है वह दूसरे के लिये अधिक हो सकता है। अच्छा यही होगा कि उस व्यायाम का चुनाव करो जिसे करते समय खुशी मिले और नित्य किया जा सके। प्रारंभ में इसे धीरे-धीरे और कोमलता के साथ करना चाहिये और इसकी तीव्रता को धीरे-धीरे ही बढ़ाना चाहिये, समय और बारम्बारता को भी धीरे-धीरे ही बढ़ाना चाहिये। जब शरीर वर्तमान व्यायाम के प्रति अनुकूल हो जाये तो तुम अधिक चुनौती पूर्ण व्यायाम का चयन कर सकते हो, इससे तुम्हारी दिलचस्पी बढ़ेगी और आनन्द उठा सकोगे। इसके लिये तुम्हें किसी फिटनेस एक्सपर्ट से सलाह ले लेनी चाहिये। जिन लोगों को कोई स्वास्थ्य संबंधी बिमारी हो तो उन्हें व्यायाम शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह मशविरा कर लेना चाहिये।2-6
- खुली ताजी हवा में व्यायाम करना चाहिये जहाँ माँ पृथ्वी और प्रकृति की सुन्दरता तुम्हारे स्तर को उन्नत बना देगी। शरीर और श्वास का ध्यान रखते हुये सावधानी पूर्वक व्यायाम करने से आन्तरिक ऊर्जा में रूपांतरित हो जाती है।1,22-25
6. व्यायाम के मार्ग में बाधाओं को पार करना
हो सकता है कि जिम जाने के लिये सामर्थ्य और सुविधायें उपलब्ध न हो या फिर समय और स्थान का अभाव हो जिससे कि नियमित रूप से व्यायाम किया जा सके। आलसीपन और रूचि का आभाव भी कारण हो सकता है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। कुछ भी न करने की अपेक्षा कुछ करना बेहतर होता है। दिन भर सक्रिय रह कर भी हम व्यायाम के लाभों के बीज बो सकते है। उदाहराणार्थ ऐलीवेटर के स्थान पर सीढ़ियों का उपयोग करना, वाहन के बजाये पैदल चलना, घर के कार्यों को करने के लिये मशीनों का उपयोग न करके स्वंय के हाथों से करें, आदि। निरंतरता और सामंजस्यता पूर्वक उत्साह के साथ करना ही इसकी कुंजी है।3-6,26
7. व्यायाम में सावधानियों हेतु सुझाव
- व्यायाम शुरू करने से पूर्व व्यक्ति को अच्छी तरह से जल का सेवन कर लेना चाहिये।26,27 एक सामान्य गल्ती जो कि की जाती है वह है मांसपेशियों को खींचने से पहले हम उसके लिये तैयारी नहीं करते हैं। बीमार होने पर व्यायाम न करना अच्छी बात है हमें सामर्थ्य से अधिक व्यायाम नहीं करना चाहिये।21
- जब मांसपेशियों तनाव में हो, जोड़ों में तनाव हो, या फिर हड्डी टूट गई हो तब व्यायाम नहीं करना चाहिये। शरीर के स्वस्थ होने पर ही व्यायाम करना चाहिये। बीमार होने पर भी व्यायाम न करना अच्छी बात है। रक्त में अधिक शर्करा होने या उच्च रक्त चाप होने पर भी व्यायाम नहीं करना चाहिये।6,21
- दैनिक रूप से व्यायाम शुरू करने से पहले हृदय तनाव परीक्षण करवा लेना चाहिये जिसमें तीव्र ऐरोबिक व्यायाम भी शामिल हो।2-6
चिकित्सक 108CC या SRHVP मशीन की मदद से उपयुक्त रेमेडी बना सकते हैं जो रक्त संचार तंत्र और कंकाल तंत्र को शक्ति प्रदान करें, क्लीसिंग और इमरजैन्सी कॉम्बोज़ भी परेशानी मुक्त व्यायाम में सहायक हैं।
References and Links:
- Sathya Sai Baba, The Journey from Physical Fitness to Mental Health, Source: Only God is your true friend, Discourse 6, My dear students, Volume 2 --https://sathyasaiwithstudents.blogspot.com/2014/01/the-journey-from-physical-fitness-to.html#.XBaQ-S2B3WU
- What is exercise: https://www.weightlossresources.co.uk/exercise/questions-answers/what-is-exercise.htm
- Benefits of exercise: https://www.mayoclinic.org/healthy-lifestyle/fitness/in-depth/exercise/art-20048389
- Benefits: https://www.medicalnewstoday.com/articles/153390.php
- Benefits: https://www.healthline.com/nutrition/10-benefits-of-exercise
- Importance of exercise: https://drmohans.com/exercise-for-diabetes/
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- https://www.psychologytoday.com/intl/blog/the-athletes-way/201703/mayo-clinic-study-identifies-how-exercise-staves-old-age
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- https://www.webmd.com/fitness-exercise/features/is-walking-enough#3
- https://www.medicalnewstoday.com/articles/317451.php
- Figure 8 walk – an ancient practice https://www.youtube.com/watch?v=N0hALqks-kA
- Infinity walking in 8 shape https://www.youtube.com/watch?v=pjKQeVFJVvk
- http://www.infinitywalk.org
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- https://www.practo.com/healthfeed/8-walking-a-simple-alternative-daily-routine-33100/post
- Body weight Exercises: https://www.youtube.com/watch?v=VkBxPdqczzo
- Stretching: https://www.healthline.com/health/benefits-of-stretching
- https://seattleyoganews.com/insight-health-habits-sadhguru/
- Thich Nhat Hanh, How to Walk, Parallax Press, California, 2015 edition
- Eckhart Tolle, The Power of Now – A Guide to Spiritual Enlightenment, 2001 edition, page 92-111
- Barriers to exercise: https://www.mayoclinic.org/healthy-lifestyle/fitness/in-depth/fitness/art-20045099
- https://www.bupa.co.uk/health-information/exercise-fitness/hydration-exercise
- https://isha.sadhguru.org/in/en/wisdom/article/shouldnt-drink-water-during-yoga
2. पुट्टपर्थी, भारत, में तीन कार्यशालायें, नवम्बर 2019
हमेशा की भांति नवम्बर माह AVPs और SVP की कार्यशालाओं के जोश से भरा हुआ था। इन कार्यशालाओं के साथ ही एक दो दिवसीय अतिरिक्त कार्यशाला 17 VPs तथा केरला, कर्नाटक के 2 AVPs के लिये भी आयोजित की गई थी। इनका आयोजन दो वरिष्ठ अध्यापकों10375&11422 ने किया। जोश से भरे इन कार्यक्रमों को डाॅ॰ जीत अग्रवाल और हेम अग्रवाल के प्रेरणादायक प्रवचनों ने और अधिक जोशीला बना दिया। डाॅ॰ अग्रवाल ने वाइब्रोनिक्स के जन्म और उसकी वत्र्तमान स्थिति पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बतलाया कि स्वामी ने किस प्रकार उनके हर कदम पर मार्गदर्शन किया जिससे कि वह आज इस स्थिति तक पहुँच गये है। उन्होंने इस बात पर भी विशेष जोर दिया कि किस प्रकार से चिकित्सकों ने पूर्ण समर्पण की भावना से उनको मिले इस अवसर को पूर्ण निष्ठा के साथ निभाया है। उन्होंने रोगी के पूर्ण विवरण को किस प्रकार रखा जाये। जिससे कि उससे संबंधित सभी जानकारियाँ आसानी से मिल जायें, के बारे में भी मार्ग दर्शन किया।
कुछ दिनों के गहन प्रशिक्षण के बाद AVPs और SVPs ने आवश्यक योग्यता प्राप्त कर ली। उराग्वे के एक अभ्यार्थी ने skype और WhatsApp के माध्यम से इस प्रशिक्षण में भाग लिया (e-मेल के माध्यम से परीक्षा भी), उसको ऐसा इसलिये करना पड़ा कि उसके पास एक शिशु और एक छोटा बच्चा था जिनकी देखभाल उसे करनी थी, इसीलिये वह पुट्टपर्थी आने में असमर्थ हो गई थी। उसको सीखने की इच्छा इतनी तीव्र थी कि उसने हर सत्र में भाग लिया। यह सत्र सुबह के शुरूआती घंटों में होते थे (अलग-अलग समय क्षेत्र के कारण)। सभी AVPs और SVPs ने इस विषय ‘‘इस अभ्यास ने किस प्रकार से उनका आंतरिक रूपांतरण किया है’’ पर अपनी अपनी प्रस्तुतियाँ दीं। प्रत्येक SVP ने यह शपथ ली कि वाइब्रोनिक्स के विस्तार हेतु उसे जो जिम्मेदारी सौंपी गई है उसे पूर्ण करेगें।
ओम् साईं राम