साई व्हाइब्रियोनिक्स पत्रिका

" जब आप किसी हतोत्साहित, निराष या रोग ग्रस्त व्यक्ति को देखते हो, वहीं आपका सेवा क्षेत्र है " Sri Sathya Sai Baba
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चिकित्सक की रुपरेखा 10596...भारत


चिकित्सक10596---भारत इतिहास विषय की स्नातक है, उन्होंने सिलाई में डिप्लोमा प्राप्त किया है। 5 वर्षों तक एक स्कूल में शिक्षिका का कार्य किया, बाद में 18 साल तक परीक्षा निरीक्षक का कार्य किया। 1999 में उनके घर के पास में नारायण सेवा हुई थी जिससे प्रेरित होकर वे साई संगठन से जुड़ गई। उसके बाद से सक्रिय रूप से साई संगठन के कार्यों को कर रही हैं। वह वर्ष में दो बार प्रशांति निलयम में सेवा के लिये जाती हैं। वह स्कूल के बच्चों और झोपड़ पट्टी में रहने वाली महिलाओं को सिलाई सिखाती हैं। ’’ग्राम सेवा’’ के अंतर्गत चलने वाली मोबाईल क्लिनिक में भी अपनी सेवायें देती हैं।

24 वर्ष की आयु में उन्होंने जड़ी बूटी वाले पौधों को उगाने में अपनी रूचि दर्शायी, फलस्वरूप उन्होंने अपने घर में ही इन पौधों को उगाया। इन पौधों से वह अपने परिवार के सदस्यों, पड़ौसियों और पशुओं का 40 वर्षों से उपचार कर रही हैं। उदाहरण स्वरूप बड़ी पिपली का वह तनु पेय बनाती हैं जिसका उपयोग, सर्दी, खाँसी, जोड़ों का दर्द जैसे रोगों के उपचार के लिये करती हैं। हठ जोड़ा के लेप से IBS और टूटी हड्डी का उपचार करती हैं। पाँच पत्तियों वाले नोची पेड़ के तने की भाप से मच्छरों को भगाने और अस्थमा का उपचार करती हैं। उनकी पौत्री का वायरल ज्वर पत्तियों की भाप से एक दिन में ही ठीक हो गया, साथ ही शरीर के सभी रेशेज़ भी ठीक हो गये। यदि उन्हें, आस पास के स्कूलों या समिति की बैठकों में,आमंत्रित किया जाता है तो वह अपने इन अनुभवों को बताती हैं।

वाइब्रोनिक्स के बारे में चिकित्सक को वर्ष 2009 में उस समय जानकारी मिली जब एक मेडिकल वैन उस ओर सेवा प्रदान कर रही थी। उन्होंने तुरंत ही एक चिकित्सक से अपने पुत्र के उपचार के लिये संपर्क किया जो श्वसन तंत्र के संक्रमण से ग्रस्त था। वाइब्रोनिक्स उपचार से वह शीघ्र ही स्वस्थ हो गया। इस घटना से वह बहुत अचंभित हुई। उसने तुरंत ही वाइब्रो प्रशिक्षण हेतु आवेदन कर दिया। धर्म क्षेत्र मुंबई में हुई कार्यशाला में उसने प्रशिक्षण प्राप्त किया और अप्रैल 2009 में वह AVP बन गई। 2013 में वह VP बन गई।

उसने वाइब्रो उपचार का अपने ऊपर वेरीकोस वेन्स का उपचार करके आरंभ किया। माह में एक बार पास के ही एक वृद्ध आश्रम में जाकर वहाँ के निवासियों को को सुख सुविधायें उपलब्ध कराती थी। चिकित्सक बनने के बाद वह वृद्ध निवासियोंको निम्न उपचार देने लगी : CC3.1 Heart tonic + CC4.1 Digestion tonic + CC4.2 Liver & Gallbladder tonic + CC12.1 Adult tonic + CC13.1 Kidney & Bladder tonic…TDS इस उपचार से वे आश्रमवासी स्फूर्तिवान और शांतमय हो गये थे। इस उपचार के द्वारा वृद्ध आश्रम के भोजन पानी में मिलावट का प्रभाव कम हो गया था।

वह अपने तीन AVP साथियों के साथ प्रत्येक गुरूवार और शनिवार को वैकल्पिक रूप से उपचार करने के लिये जाती हैं। दो सेवक उनके साथ रहते हैं बॉटल्स पर लेबल लगाते है और उनमें शुगर पिल्स भरते हैं। अब तक उन्होंने 11000 रोगियों का उपचार करके उन्हें आराम दिलाया है। इन रोगियों में से अधिकतर संख्या वंचितों की है। उन्होंने सफलतापूर्वक निम्न रोगों का उपचार किया है - वैरीकोस वेन्स, अस्थमा, गठिया तथा त्वचा संबंधी रोग जैसे कि दाद और सोरायसिस। अनिद्रा रोग के उपचार में उन्हें आशातीत सफलता प्राप्त हुई है, यह बिमारी मुंबई के व्यस्त जीवन में आम है।

उनके अनुसार टीम के रूप में कार्य करने से अत्यधिक प्रसन्नता का अनुभव होता है साथ ही सीखने को भी मिलता है, इससे आपसी एकता को बल मिलता है, आन्तरिक और बाह्य दोनों रूपों में। वह स्वामी के प्रति,इस सुनहरी सेवा के लिये अवसर देने हेतु, आभार व्यक्त करती है । वह जब रोगियों के प्रफुल्लित चेहरे देखती है तो उन्हें अत्यधिक आनन्द की प्राप्ति होती है।

वह समाचार पत्रों के माध्यम से सदैव अपने आपको अपडेट रखती है। अपने घरेलू कारणों से वह पिछले तीन वर्षों से पुट्टपर्थी की यात्रा नहीं कर सकी है लेकिन मुंबई होने वाले पुनश्चर्या पाठ्यक्रम में अवश्य सम्मलित होती है। हाल ही में हुये एक दिन के रिफ्रेशर सेमीनार में भाग लेने से वह बहुत प्रसन्न है जहाँ उसने यह सीखा कि रोगों से बचने के लिये CC12.1 Adult tonic तथा CC17.2 Cleansing को वैकल्पिक रूप से प्रत्येक माह में 1 वर्ष तक लेना चाहिये। उसने इसको स्वंय भी लेना शुरू कर दिया है तथा अपने रोगियों को भी देने लगी है।

वाइब्रो अभ्यास से उसके आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है और दिन प्रतिदिन की समस्याओं का समाधान जल्दबाजी में नहीं करती है। उसे विश्वास है कि इस अभ्यास से हृदय निर्मल हो जाता है जो दिव्यता की ओर अग्रसर करता है। वह यह चाहती है कि जो लोग कम स्थान में जीवन यापन करते है जैसे कि मुंबई उन्हें वाइब्रोनिक्स का प्रशिक्षण अवश्य ले लेना चाहिये, यह उनके अपने हित में ही होगा, इसके द्वारा वह अपने परिवार, पड़ोसियों, मित्रों और समाज को लाभ पहुँचा सकते हैं। वह वाइब्रोनिक्स के प्रति आभार प्रकट करती है जिससे उसका रूपांतरण हो सका, परिवार को प्रसन्नता मिल सकी जो यह समझते है कि मैं बहुत समझदार हो गई हूँ।

अनुसरण योग्य उपचार: