Vol 12 अंक 1
जनवरी/फरवरी 2021
मुद्रणीय संस्करण
संपूर्ण आवृत्ति की मुद्रित प्रति हेतु इस पृष्ठ की छपाई करें
डॉ जीत के अग्रवाल की कलम से
प्रिय चिकित्सको,
नव वर्ष की पूर्व संध्या पर लिखते हुए मुझे स्वामी के शब्द याद आ रहे हैं, उन्होंने कहा था, “हर क्षण को नया वर्ष समझो और उसी के अनुरूप कार्यरत रहो”I नया कार्य प्रारंभ करने के लिए तुम 12 माह तक इंतजार मत करो। हर क्षण तुम अपना रूपांतरण करते रहो। बुरे पुराने विचारों से छुटकारा पाएं, इसके लिये नए वर्ष के आगमन का इंतजार न करें। अपने जीवन को पवित्र बनाने के लिए सेवा कार्यों में जुटे रहो। अच्छे आचरण का पालन करेंI “सदैव मदद करो, कभी किसी को नुकसान मत पहुंचाओ”, इस ध्येय का पालन करो।...सत्य साईं बाबा, दिव्य संदेश, 1 जनवरी 1993,प्रशांति निलयम।
वर्ष 2020 का सूरज जल्द ही अस्त हो जाएगा और 2021 की सुबह आसन्न है। यद्यपि कोविड-19 महामारी ने दुनिया भर में कहर बरपाया है परंतु कुछ मामलों में इसने हमें लाभान्वित भी किया है। जहां तक विब्रियोनिक्स का संबंध है, इस वर्ष ने हमें कई सबक सिखाए हैं और हमें अवसर प्रदान किया है कि हम कैसे शिक्षा प्रदान करें और रोगियों का उपचार एवं देखभाल किस प्रकार से करें। वर्ष 2020 में हमने जो उपलब्धियां प्राप्त की है उनमें से कुछ का विवरण नीचे प्रस्तुत किया जा रहा है। यह उपलब्धियां हमारे लिए मील का पत्थर साबित हुईं हैं।
1. प्रशिक्षण तथा उन्नति हेतु हमने नए डिजिटल प्लेटफार्म का सफलतापूर्वक अभिग्रहण कर लिया है। इसमें नवीन प्रवेश प्रक्रिया, ऑनलाइन पाठ्यक्रम को सशक्त बनाने और सामग्री का निष्पादन करने में आसानी हो जाएगी। यह पहल वाईब्रिओनिक्स शिक्षा से संबंधित सामग्री को त्वरित गति से भेजने के लिए की गई है जिसको बनने वाले चिकित्सक आसानी से आत्मसात कर सकें। इस प्रक्रिया से उन लोगों को भी लाभ मिल सकेगा जो कार्यशाला में, लंबी दूरी और अधिक समय की यात्रा के कारण, उपस्थित नहीं हो पाते हैं।
2. उदाहरण के लिए हमने इस प्रकार से उपचार का तरीका बदला है कि रोगी को भौतिक रूप से उपस्थित होने की बजाय रोग का सभी विवरण फोन के माध्यम से पूरा कर लेते हैं तथा औषधि को व्यक्तिगत रूप से पहुंचा देते हैं या पोस्ट के द्वारा भिजवा देते हैं या फिर उपचार को हम ब्रॉडकास्ट कर देते हैं। मैं उन सभी को हृदय आभार प्रकट करता हूं जो इस कार्य को करने में 9 माह से प्रयासरत हैं।
3. अद्यतन वेबसाइट का शुभ आरंभ जिसमें सभी सूचनाओं को बढ़ा दिया गया है और महत्वपूर्ण पहलुओं का समावेश कर लिया गया हैI हमने पुनः लॉन्च के केवल पांच महीनों के अंदर ही लैंडिंग पृष्ठ पर 5,700 हिट दर्ज किए, जिसके परिणामस्वरूप चिकित्सकों की जानकारी से संबंधित पूछे जाने वाले प्रश्नों की संख्या में वृद्धि हुई है और AVP पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए भी संख्या में वृद्धि हुई है।
4. साईं वाईब्रिओनिक्स अंतरराष्ट्रीय संगठन (IASVP) में पंजीयन हेतु 64 नए चिकित्सकों ने आवेदन किया है। IASVP सदस्यों के लिए एक मानकीकृत विजिटिंग कार्ड का डिजाइन बनाया गया है जो सभी सदस्यों को प्राप्त हो गया है। वाईब्रिओनिक्स रेमेडीज को सभी रोगियों को निशुल्क बांटा जाता है उसके लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नगद या सामान के रूप में नहीं लिया जाता है। यदि कोई चिकित्सक इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उसका नाम डेटाबेस से ही हटा दिया जावेगा। SRHVP मशीन तथा 108 सीसी बॉक्स IASVP की धरोहर है और यह चिकित्सक को औषधि देने के लिए दी गई है। इन्हें किसी अन्य व्यक्तियों को ना तो बेचा जा सकता है और ना ही मुफ्त में दिया जा सकता है।
5. इम्यूनिटी बूस्टर औषधि का सफलतापूर्वक विकास किया गया है जिसको कोविड-19 के बचाव और उपचार के रूपों में उपयोग किया जा सकता है। इस महामारी के शुरू होते ही हमारी रिसर्च टीम ने इससे बचाव और उपचार हेतु कार्य करना शुरू कर दिया था। यह औषधि हजारों व्यक्तियों के लिए वरदान सिद्ध हुई है। इसके लिए मैं अखिल भारतीय अध्यक्ष श्री निमिष पांडेय का अत्यंत आभारी हूं जिन्होंने अप्रैल माह में सभी समितियों को संदेश पत्र दिया था जिसमे इस महामारी से बचाव के लिए सभी चिकित्सकों को आवश्यक सुविधाओं को देने के लिए कहा गया था। जिसके कारण ही हम इस औषधि का वितरण करने में सक्षम हुए। लॉकडाउन समय में भी हमने इस औषधि का वितरण किया है। अभी तक हमने इस औषधि का वितरण 270,000 व्यक्तियों को दिया है। आगे आने वाले वर्षों में हम क्षेत्रीय समन्वयकों के साथ सहयोग करके वाईब्रिओनिक्स उपचार के क्षेत्र को आगे बढ़ाने का प्रयास करते रहेंगे।
6. हम अपने संचालन मंच को और अधिक मजबूत और चुस्त बनाने के लिए प्रभावी मानक संचालन प्रक्रिया को लागू कर रहे हैं ।
इन उल्लेखनीय घटनाक्रमों के बाद भी हम चुपचाप बैठने वाले नहीं हैं। हमने आगामी वर्षों के लिए पहले से ही कई कार्यक्रम तय कर लिए हैं और उन पर अमल करना भी शुरू कर दिया है। बेंजामिन फ्रैंकलीन के अनुसार, “एक बार मृत्यु आ जाने पर सभी समय सोने के लिए ही है।” हमें हर वर्ष वाईब्रिओनिक्स के प्रचार व प्रसार के लिए पूर्ण उत्साह और समर्पण भाव से आगे बढ़ते रहना हैं।
वर्ष 2021 में हम जमीनी स्तर पर बहुत से कार्य करने की योजनाएं बना रहे हैं। इस दिशा में पहले कदम के रूप में, हम छोटे सामाजिक समूहों, स्कूलों, निजी कंपनियों और अन्य संगठनों में जागरूकता वार्ता के साथ "स्प्रेड द वर्ड" अभियान शुरू करने की योजना बना रहे हैंI एलोपैथिक डॉक्टरों के पास जाने वाली कंपनियों के पास जाकर एलोपैथी के साथ संयोजन के रूप में एक सहायक चिकित्सा के रूप में वाईब्रिओनिक्स का परिचय देना है और सुझाव देना है कि इसे एलोपैथिक औषधि के साथ लिया जा सकता है। हम मंदिरों और गुरुद्वारों जैसे पूजा स्थलों का भी रुख करेंगे, जो एलोपैथिक या होम्योपैथिक क्लीनिक आयोजित कर रहे हैं। हम ऐलोपैथिक डॉक्टरों द्वारा वाईब्रिओनिक्स के प्रभाव के अवलोकन की रिकॉर्डिंग पर भी ध्यान केंद्रित करेंगेI
मैं सभी चिकित्सकों से आग्रह करता हूं कि जो भी चिकित्सक इस प्रकार की सेवा करने के इच्छुक है वह उन संस्थानों और स्कूलों में दो लोग मिलकर या समूह में जाएं और इस बाबत ग्रुप एडमिन को [email protected] पर सूचना दें। पठन सामग्री या प्रस्तुतियों के रूप में सभी मार्गदर्शन और सहायता, हमारी व्यवस्थापक टीम द्वारा प्रदान की जाएगी। मैं आशा करता हूं कि हमारी इस पहल से सभी चिकित्सकों को अत्यन्त सेवा के अवसर प्राप्त होंगेI
किसी भी समुदाय की सेवा करने से वाईब्रिओनिक्स सेवा को बड़ा विस्तार मिलेगा। ऐसी ही एक परियोजना को खंड 11 अंक 5 में उजागर किया गया था, जिसमें क्रोएशिया के एक व्यवसायी ने स्थानीय सरकार से संपर्क किया और सामुदायिक स्वयंसेवकों की मदद से विब्रियोनिक्स उपचार के साथ लैवेंडर झाड़ियों को पुनर्जीवित किया।
इस वर्ष हमारा विशेष ध्यान ऐसी परियोजनाओं पर होगा और यह कार्य पास ही स्थित गौशालाओं, स्कूलों और स्थानीय बगीचों में किया जा सकता है।
हाल ही में हमने क्रिसमस का त्योहार मनाया है। मैं स्वामी के उन शब्दों को दोहराना उपयुक्त समझता हूँ जो उन्होंने जीसस के बारे में कहे थे। स्वामी ने कहा था कि जीसस ने अत्यधिक गरीबों की मदद की थी और अपने अनुयायियों को शिक्षा दी थी कि जब हम गरीबों, जरूरतमंदों, भूखे लोगों और बीमारों की सेवा करते हैं तो वह सेवा ईश्वर की होती है। बाबा ने कहा है कि “अपने अंदर के जीसस को जगाओ!” यही समय की आवश्यकता है। मैं सभी चिकित्सकों को विनम्र अनुरोध करता हूं कि जीसस के जीवन के गुणों को अपनाएं और मानवता से देवत्व तक की इस यात्रा को पूरी तरह से सभी बाधाओं और परीक्षणों को गले लगाते हुए आगे बढ़ें।
मुझे पूरी आशा है कि वर्ष 2021 हमारे लिए बहुत सी वाईब्रिओनिक्स सेवाएं करने का अवसर प्रदान करेगा। मैं सभी से आग्रह करता हूं कि “अपने दिन की शुरुआत प्रेम से करें, पूरे दिन प्रेम से रहें और दिन का अंत भी प्रेम से करें” इस प्रकार हम सभी अपने रोगियों तक दिव्य प्रकाश की किरणें भेजने में और प्रेमपूर्वक अपने ग्रह को आरोग्य और एक बेहतर स्थान बनाने में सक्षम हो सकेंगेI
साईं सेवा में रत
जीत के.अग्रवाल
एक पिल्ले का आघात 10741...India
2 से 4 सप्ताह का एक छोटा पिल्ला कांपता हुआ सड़क के किनारे पड़ा हुआ था। उसके शरीर पर घाव थे। उस पिल्ले को देखकर एक राहगीर को बहुत दुख हुआ। गली के आवारा बड़े कुत्ते उसे मार ही डालेंगे यह सोच कर उस राहगीर ने उसको बचाने के लिए सोचा। उसने उसे प्रशांति कहकर पुकारा यह सोच कर कि इस नाम से उसके स्वभाव में परिवर्तन हो जाएगा और उसका आत्मविश्वास भी बढ़ जाएगा। वह धार्मिक व्यक्ति उसको एक पशु चिकित्सक के पास ले गया। 1 माह के उपचार के बाद भी वह पिल्ला डर के मारे कुछ भी नहीं खाता था। अतः उस महिला ने उसे वाईब्रिओनिक्स उपचार देने का विचार कियाI 5 जून 2018 को उसने चिकित्सक से संपर्क किया जिसने निम्न औषधि दी:
#1. CC1.1 Animal tonic + CC10.1 Emergencies + CC12.2 Child tonic + CC15.1 Mental & Emotional tonic…6TD पानी मेंI
1 सप्ताह तक औषधि का सेवन करने के बाद प्रशांति ने खाना शुरू कर दिया, तब कहीं जाकर उस परिवार ने आह भरी। खुराक को 1 सप्ताह के लिए TDS कर दिया गया। चूंकि उसकी हालत में निरंतर सुधार हो रहा था अतः खुराक को BD कर दिया गया 1 सप्ताह के लिए, फिर एक सप्ताह के लिए OD कर दिया गया।
13 माह बाद, वह पिल्ला सब कुछ खाने लगा जो भी उसको दिखाई पड़ जाता था चाहे वह खाने की चीज हो या ना हो। इससे उसे गैस की समस्या हो गई। अतः उसे दूसरी औषधि दी गई :
#2. CC1.1 Animal tonic + CC4.1 Digestion tonic + CC4.2 Liver & Gallbladder tonic + CC4.10 Indigestion + CC15.1 Mental & Emotional tonic + CC15.4 Eating disorders…TDS.
1 सप्ताह बाद उसने कचरा खाना बंद कर दिया था। उसका पाचन तंत्र ठीक हो गया था अतः खुराक को BD कर दिया गया 1 सप्ताह के लिए इसके पश्चात 1 सप्ताह के लिए OD कर दिया गया फिर उपचार को बंद कर दिया गया।
सोरायसिस 10767...India
एक 64-वर्षीय पुरुष को दोनों पैरों में टखने के ऊपर खुजली और स्केलिंग की समस्या थी, त्वचा एकदम सूखी और काली हो गई थी। उसको डॉक्टर ने सोरायसिस बताया था और उसके लिए उसे औषधि दी थी। उस व्यक्ति ने औषधि का 2 वर्षों तक सेवन किया लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। 18 मई 2019 को उस व्यक्ति को एक मेडिकल कैंप में जाने का अवसर प्राप्त हुआ। उसने वहां वाईब्रो चिकित्सक से अपनी व्यथा का वर्णन किया। चिकित्सक ने उसे निम्न औषधि दी:
CC12.4 Autoimmune diseases + CC15.1 Mental & Emotional tonic + CC21.3 Skin allergies + CC21.10 Psoriasis...TDS तथा नारियल के तेल में मिलाकर बाह्य उपयोग के लिए। उस व्यक्ति ने एलोपैथिक उपचार को बंद कर दिया।
1 माह के बाद रोगी ने फोन पर बताया कि उसको 70% लाभ हो गया है। खुजली में कमी हो गई है, त्वचा धीरे-धीरे नरम हो रही थी और त्वचा का रंग भी पुराने रंग जैसा हो गया है। उसको पोस्ट से औषधि भेज दी गई। एक और माह के बाद लगभग वह पूर्ण स्वस्थ हो गया था। उसको इतनी प्रसन्नता हुई कि वह अपने घर से 300 किलोमीटर की यात्रा करके स्वामी को धन्यवाद करने के लिए आ गया। उसके दोनों पैरों का कालापन 80 प्रतिशत तक कम हो गया था और स्केलिंग में भी कमी आ गई थी। 2 माह बाद उसको पोस्ट द्वारा औषधि भेज दी गई । नवंबर में उसने बतलाया कि वह पूर्णतया ठीक हो गया है। अतः खुराक को 3 सप्ताह के लिए BD कर दिया गया उसके बाद खुराक को OD कर दिया गया। जनवरी में जब वह मिला तो उसने बतलाया कि वह पूर्ण स्वस्थ है और औषधि भी समाप्त हो गई है। 8 जनवरी 2020 को उपचार बंद कर दिया गया।
एसिड रिफ्लक्स, कब्ज़, फोबिया 11210...India
गत 2 वर्षों से एक 52-वर्षीय महिला एसिड रिफ्लक्स, कब्ज और फोबिया से ग्रस्त थी। वह प्रेशर कुकर की सीटी, बिजली का झटका या मोबाइल चार्जर से भी घबराती थी। एसिड रिफ्लक्स और कब्ज के लिए उसे एलोपैथिक औषधियां दी गई थी जिसे 6 माह तक लेना था। इससे कोई फायदा ना होने के कारण उसने इन्हें एक माह बाद बंद कर दिया था। इसके पश्चात वह होम्योपैथिक उपचार करने लगी थी, उसको भी उसने 4 माह तक लिया था, उससे भी लाभ ना होने से उसने वाइब्रॉनिक्स लेने का मानस बना लिया था।17 फरवरी 2020 को वह वाइब्रो चिकित्सक के पास पहुंची जिसने उसे निम्न औषधि दी:
CC4.2 Liver & Gallbladder tonic + CC4.4 Constipation + CC4.6 Diarrhoea + CC4.10 Indigestion + CC15.1 Mental & Emotional tonic…TDS
रोगी को अधिक पानी पीने की सलाह दी गई और खाना समय पर खाने की भी सलाह दी गई। अधिक मिर्च मसाले और तली हुई चीजों को ना खाने की भी सलाह दी गई। 3 सप्ताह बाद 9 मार्च को रोगी ने सूचना दी कि उसकी सभी समस्याएं समाप्त हो गई हैं। खुराक को OD कर दिया गया 2 सप्ताह के लिए और 25 मार्च को उपचार बंद कर दिया गया। दिसंबर 2020 तक उसे दोबारा शिकायत नहीं हुई थी।
स्तंभन दोष, कम शुक्राणुओं का होना 11217...India
एक 40-वर्षीय पुरुष और 35-वर्षीय महिला नर्स को 2012 में पहला बच्चा प्राप्त हुआ। वे 3-4 वर्षों से दुसरे बच्चे के लिए प्रयत्न कर रहे थे लेकिन सफलता नहीं मिली थीI उन्होंने जब परीक्षण करवाया तो मालूम हुआ कि पुरुष के स्पर्मकाउंट कम है साथ ही उसको लैंगिक कमजोरी भी हो गई थी। उन्होंने वाइब्रॉनिक्स उपचार लेने का मानस बनाया और 15 सितंबर 2016 को चिकित्सक के पास पहुंचे। उन्हें निम्न औषधि दी गई:
पति के लिए:
CC14.3 Male infertility…TDS
पत्नी के लिए:
CC8.1 Female tonic…TDS
10 अक्टूबर को पुरुष ने सूचना दी कि लैंगिक कमजोरी में उसे 20% का लाभ हुआ है। एक माह बाद, यह 50% हो गया था। एक और माह के बाद लाभ 80% हो गया था। चूंकि उसे लाभ हो रहा था अतः औषधि को उसी खुराक के रूप में ही लेता रहा। 9 अप्रैल 2017 को वह व्यक्ति बहुत खुश था, उसने चिकित्सक को बतलाया कि उसकी पत्नी गर्भवती हो गई है और अल्ट्रासाउंड से पता चला है कि भ्रूण बिल्कुल स्वस्थ है। अतः दोनों ने ही औषधि को बंद कर दिया था। 2 अक्टूबर 2017 को एक स्वस्थ बालक का जन्म हुआ। वह दंपत्ति बालक को लेकर आश्रम में स्वामी के प्रति आभार प्रकट करने के लिए गए।
संपादकीय टिप्पणी: सभी गर्भवती महिलाओं को CC8.2 Pregnancy tonic दिया जाना चाहिए, इससे गर्भपात का खतरा क्रम हो जाता हैI
गले में सिस्ट 11529...India
एक 78-वर्षीय महिला, 1 वर्ष से, अपने गले में कोई चीज को अटका हुआ महसूस करती थी। धीरे धीरे गले में रुकावट बढ़ती गई जिसके कारण उसकी आवाज खराब हो गई थी और बोलने में कठिनाई होती थी। इसके कारण वह अपनी प्रार्थना भी नहीं कर पाती थी और ना ही आपस में बातचीत कर पाती थी जिसकी वह बहुत शौकीन थी। मेडिकल टेस्ट से ज्ञात हुआ कि उसके गले में एक गांठ है। इसके लिए डॉक्टर ने शल्य क्रिया की सलाह दी परंतु उनको चेतावनी भी दी कि इससे उनकी आवाज बंद भी हो सकती है। ठीक होने की सीमा 50% से अधिक नहीं है। इस डर से रोगी बहुत घबरा गया और शल्यक्रिया के लिए मना कर दिया। उसने सब कुछ भाग्य पर छोड़ दिया। चिकित्सक उसकी पुत्री का मित्र था अतः उसने वाइब्रो उपचार कराने के लिए कहा। इस प्रस्ताव को उस रोगी ने भी स्वीकार कर लिया। 18 मार्च 2017 को चिकित्सक ने उसे निम्न औषधि दी:
#1. CC2.3 Tumours & Growths + CC12.1 Adult tonic + CC19.7 Throat chronic...6TD
3 सप्ताह बाद, 8 अप्रैल को रोगी ने 50% लाभ की सूचना दी। अब वह 10 मिनट तक लगातार बोलने लगी थी उसको औषधि #1 को निरंतर नियमित रूप से लेते रहने की हिदायत दी गई। धीरे-धीरे लाभ हो रहा था और एक माह पश्चात् 16 दिसम्बर को उसकी स्तिथि में 80% सुधार हो गया और अब वह 40 मिनट तक वार्तालाप कर सकती थी। अतः खुराक को QDS कर दिया गया। अब उसके जबड़े में भी दर्द होने लगा थाI अतः औषधि में निम्न कॉम्बो को मिलाया गया:
# 2. CC11.6 Tooth infections + #1...QDS
और 2 माह में, 17 फरवरी 2018 तक जबड़े का दर्द ठीक हो गया था और उसकी आवाज भी ठीक हो गई थी। वह इससे बहुत प्रसन्न थी। वह अब प्रतिदिन की प्रार्थना भी कर सकती थी। वाईब्रिओनिक्स उपचार शुरू करने के बाद वह कभी भी चिकित्सक से नहीं मिली थी। खुराक को अब TDS कर दिया गया और धीरे-धीरे कम करते हुए 31 जुलाई को OD कर दिया गयाI दिसम्बर 2020 तक उसे कोई भी परेशानी नहीं हुई थी। बचाव की दृष्टि से अभी भी OD के रूप में ले रही है।
चिकनगुनिया के बाद जोड़ों का दर्द 11627...India
एक 57-वर्षीय महिला को 2018 में चिकनगुनिया हुआ था जिसके लिए उन्होंने एलोपैथिक उपचार करवाया था 1 माह तक। इसके बाद उनकी उंगलियों,पांवो और घुटनों में 2 वर्ष तक दर्द बना रहा। इस दौरान उन्होंने आयुर्वेदिक उपचार 3 माह तक लिया लेकिन उनको कोई लाभ नहीं हुआ। 26 मई 2020 को जब वह चिकित्सक के पास पहुंची उस समय वह किसी भी प्रकार का उपचार नहीं ले रही थी।उसे निम्न औषधि दी गई:
CC3.7 Circulation + CC9.1 Recuperation + CC12.1 Adult tonic + CC15.1 Mental & Emotional tonic + CC18.5 Neuralgia + CC20.3 Arthritis + CC20.5 Spine + CC20.6 Osteoporosis + CC20.7 Fractures...6TD खाने के लिए और पानी में मिलाकर बाह्य उपयोग के लिए।
5 दिनों के बाद, उनके सभी दर्दों में 90% फायदा हो गया था। खुराक को TDS कर दिया गया। अगले 20 दिनों के बाद रोगी ने सूचना दी कि उसे 100% लाभ हो गया है और अब उसको दर्द बिल्कुल नहीं हो रहा है। खुराक को OD, 3TW, 2TW और OW, 2 माह में कम करते हुए 1 अगस्त 2020 को उपचार बंद कर दिया गया। रोगी पूर्ण स्वस्थ है। दिसंबर 2020 तक उसे कोई परेशानी नहीं हुई थी।
त्वचा की एलर्जी 11624...India
एक 38-वर्षीय युवक को 3 वर्षों से उँगलियों के पोरों पर और पांवों की उँगलियों पर खुजली चलती रहती थी। 15 दिनों में उन पर खुजली चलती थी जो तीन-चार दिन तक रहती थीI कभी-कभी खुजली इतनी तीव्र होती थी कि उनको कुचल देने की इच्छा होती थीI इसके अतिरिक्त, जब वह कभी बैंगन या गोंगुरा (रोज़ैल) खा लेता था तो खुजली बढ़ जाती थी और पीले-पीले उभार सारे शरीर पर हो जाते थेI चंदन युक्त साबुन से नहाने पर भी कमर के चारों ओर खुजली हो जाती थी। अतः 2 साल पूर्व उसने खुजली के डर से बैंगन और गोंगूरा खाना बंद कर दिया था। महामारी के डर से उसने लेटेक्स के दस्ताने पहनना करना शुरू कर दिया था परंतु उससे भी हाथों की उंगलियों पर खुजली हो जाती थी। हो सकता है कि यह बीमारी अनुवांशिकी हो, उसकी मां को भी ब्लीच से हाथों में खुजली हो जाती थी। बिना डॉक्टर की सलाह के, उसने स्टेरॉयड का सेवन भी किया था और एंटीबायोटिक्स क्रीम का उपयोग किया था, जब कभी भी उसको खुजली होती थी। उसने एंटी-हिस्टामिन गोलियों का भी सेवन किया था। उनके दुप्रभावों के बारे में चिन्तित होने पर, उसने 12 मार्च 2020 को चिकित्सक से सम्पर्क किया जिसने उसे निम्न औषधि दी:
CC4.10 Indigestion + CC12.1 Adult tonic + CC17.2 Cleansing + CC18.5 Neuralgia + CC21.3 Skin allergies…6TD
14 मार्च की सुबह को उसके चेहरे व सिर पर तीव्र खुजली हुई जो पुल आउट का संकेत था। उसको पहले ही पुल आउट के बारे में बता दिया गया था। उसने इसको सहन करते हुए औषधि को 6TD रूप में लेते रहने का निश्चय कर लिया। दोपहर में जब खुजली बढ़ गई तो उसने अपनी दाढ़ी और मूंछ साफ करवा ली। शाम होते होते उसकी स्थिति में सुधार होने लगा और खुजली लगभग समाप्त हो गई थी। 2 दिनों के पश्चात खुराक को TDS कर दिया गया।
1 सप्ताह बाद, युवक चंदन के साबुन का उपयोग करने लग गया और उसने बैंगन और गोंगूरा भी खाया। 1 अप्रैल को उसने सूचित किया कि पिछले दो हफ्तों से उसकी स्थिति में काफी सुधार हुआ है। परंतु कभी-कभी थोड़ी खुजली होती हैI वह अब बहुत प्रसन्न था कि वह अपनी पसंद की चीजे कहा सकता थाI 1 मई को खुराक को 2 सप्ताह के लिए BD कर दिया गया। 2 हफ्ते के बाद खुराक को OD करके 30 मई 2020 को उपचार बंद कर दिया गया। दिसम्बर 2020 तक उसे कोई परेशानी नहीं हुई थीI
रोगी का प्रशंसा पत्र:
वाईब्रिओनिक्स की मदद से मै पूर्णतया स्वस्थ हो गया हूँI मेरी एलर्जी ठीक हो गई है और मैने सामयिक स्टेरॉयड क्रीम और एंटीहिस्टामाइन टैबलेट का उपयोग बंद कर दिया है। मैं अब बैंगन जैसी सब्जियां खाता हूँ तो उससे अब एलर्जी नहीं होती है। मैं इस चमत्कारिक वाईब्रिओनिक्स औषधि देने के लिए चिकित्सक का बहुत आभारी हूँ, जिन्होंने मुझे इस असाध्य रोग से मुक्ति दिलाई है।
एसिडिटी के कारण पीठ दर्द 11508...India
इस 40-वर्षीय महिला को पिछले एक वर्ष से कमर के निचले भाग में गंभीर दर्द होता था। उसका मानना था कि यह दर्द हाइपर-एसिडिटी के कारण है। सप्ताह में कई बार शाम के भोजन के बाद उसके पेट में गैस की समस्या हो जाती है। फरवरी 2019 में एक चिकित्सक से परामर्श किया। उसको फिजियोथैरेपी और बाह्य उपयोग के लिए एक तेल दिया गया था जिसका उसने 3 माह तक उपयोग किया था और उसको पूर्ण आराम मिल गया था। उपचार बंद करने के एक माह बाद उसको वही तकलीफ दोबारा हो गई। एक माह में उसकी तकलीफ इतनी अधिक हो गई कि वह अपना दैनिक कार्य भी नहीं कर पाती थी। 15 जुलाई 2019 को जब उसने वाइब्रो चिकित्सक से संपर्क किया तो उसने अपने दर्द का मूल्यांकन 10/10 किया। उसको चिकित्सक ने निम्न औषधि दी:
#1. CC4.10 Indigestion...TDS
3 दिन बाद ही उसको गैस और कमर दर्द में 40% लाभ हो गया था। दूसरे माह में 70% लाभ हो गया था। 21 सितंबर को उसने सूचना दी कि वह 80% ठीक हो गई है अतः औषधि #1 की खुराक को BD कर दिया गया लेकिन एक हफ्ते में उसका पेट पूरी तरह से साफ ना होने के कारण उसे दूसरी औषधि दी गई:
#2. CC4.4 Constipation…TDS
2 सप्ताह में ही 6 अक्टूबर को उसका पेट पूरी तरह से साफ हो गया था। #2 की खुराक को BD कर दिया गया 2 सप्ताह के लिए। पेट फूलने और कमर दर्द में 90% लाभ हो जाने से औषधि एक की खुराक को OD कर दिया। 9 नवंबर को उसने पूर्ण स्वस्थ हो जाने की सूचना दी अतः 23 नवंबर 2019 को उपचार बंद कर दिया गया।अक्टूबर 2020 तक उसे दोबारा गैस्ट्रिक की तकलीफ नहीं हुई और वह निश्चिन्त हो गईI
आवाज का बंद हो जाना 03570...Canada
एक 54-वर्षीय महिला 5 वर्षों से अमल प्रतिवाह (एसिड रिफ्लक्स) के कारण परेशान थीI जिसके कारण बोलते-बोलते उसकी आवाज़ बन्द हो जाती थीI यहाँ तक कि वार्तालाप के दौरान बीच में ही उसकी आवाज़ बन्द हो जाती थीI पहले यह घटना माह में एक बार होती थी जो बढ़कर सप्ताह में दो-तीन बार हो गई थी। इस कारण उसके काम में बाधा पड़ती थी। उसको अधिक समय तक फोन पर वार्तालाप करना होता था। डॉक्टर ने उसे एंटासिड-पैंटोप्राजोल मैग्नीशियम (antacid - pantoprazole magnesium) लेने के लिए कहाI शुरू में इस औषधि को OD के रूप में लेना था परंतु बाद में आवश्यकता होने पर ही लेना था। वह अब इसे दिन में चार बार ले रही थी। इससे उसको आराम तो मिल रहा था परन्तु यह अस्थाई ही होता थाI जनवरी 2019 को वह वाइब्रो चिकित्सक से मिली उसने यह भी बताया कि कभी-कभी उसके मुख से पारदर्शी श्लेष्म जैसा एसिड निकलता हैI चिकित्सक ने उसे निम्न औषधि दी:
CC4.10 Indigestion + CC13.1 Kidney & Bladder tonic + CC15.1 Mental & Emotional tonic…QDS
CC13.1 को रोगी को एसिडोसिस होने की संभावना के कारण मिलाया गया था। चिकित्सक ने रोगी को कुछ जीवन शैली में परिवर्तन करने के लिए भी कहा जैसे कि चाय कम पीना या फिर उसके स्थान पर शहद के साथ काली चाय। अधिक पत्तेदार सब्जियों और सलाद का उपयोग करना तथा नियमित रूप से नींद लेना।
3 सप्ताह बाद 3 फरवरी को रोगी ने बताया कि म्यूकस आना बंद हो गया है। उसे 50% लाभ हुआ है।
एंटासिड भी अब दो या तीन बार ही लेनी पड़ती है। 19 अप्रैल तक लाभ 70% तक हो गया था और आवाज बंद होने की गति भी कम हो गई है और अब उसने एंटासिड लेना बंद कर दिया है। उसके बाद वह नियमित रूप से दोनों रोगों के बारे में बताती रहती है। 11 अगस्त 2019 को उसने बताया कि अब आवाज बंद नहीं होती है। इसके बाद उसने चिकित्सक से कोई संपर्क नहीं किया लेकिन 11 जुलाई 2020 को वह एक नई समस्या को लेकर आई। उसने प्रसन्नता पूर्वक बतलाया कि उसकी औषधि सितंबर 2019 में समाप्त हो गई थी। दिसंबर 2020 तक उसे कोई तकलीफ नहीं हुई थी।
कमर दर्द नस के सूखने से 03596...USA
एक 65-वर्षीय महिला के पीठ के दाहिने भाग में गर्दन से लेकर कंधों से होता हुआ कमर तक तेज दर्द होता था। पहली बार यह दर्द मई 2020 में हुआ था। 2 माह बाद कोविड के कारण लॉकडाउन होने से घर से काम करना शुरू किया लेकिन और 2 माह के अंदर यह दर्द बहुत बढ़ गया था। वह मांसपेशियों को आराम देने की औषधियों का उपयोग कर रही थी साथ ही दर्द निवारक गोलियों का भी सेवन करती थी। उसे पूरे समय हीटिंग पैड की आवश्यकता रहती थी। दर्द से आराम पाने के लिए स्ट्रैचिंग भी करती थी। सोते समय वह तकिए को सहारे के लिए उपयोग करती थी। अगस्त माह के आरंभ में दर्द बहुत अधिक बढ़ गया था अतः उसने डॉक्टर से परामर्श किया। डॉक्टर ने बताया कि दर्द का कारण गलत ढंग से कार्य करने की वजह से है। रसोई घर की मेज़ से घंटो तक कंप्यूटर पर काम करने के कारण यह सब हुआ है। उन्होंने ibuprofen (एक NSAID), दवा लेने के लिए कहा। गर्दन और कंधे की फिजियोथैरेपी कराने की भी सलाह दी। इस उपचार से उसको कोई खास फायदा नहीं हुआI अतः 3 सप्ताह के बाद, वह वाइब्रो चिकित्सक के पास 27 अगस्त 2020 को गई। वह अभी तेज दर्द से पीड़ित थी और कोविड-19, राजनीतिक और सामाजिक अशांति के कारण भावनात्मक रूप से तनाव में थी। चिकित्सक ने उसे निम्न औषधि दी:
CC15.1 Mental & Emotional tonic + CC15.2 Psychiatric disorders + CC18.5 Neuralgia + CC20.3 Arthritis…एक खुराक हर 10 मिनट के अंतराल पर 2 घंटे तक उसके बाद TDS
3 दिन के बाद रोगी को एहसास हुआ कि अब उसकी पीठ में आराम है और दर्द भी कम हो गया है। वह हर समय ‘रेमेडी युक्त जल’ का सेवन करती रहती थी, उसे तुरंत ही आराम हो जाता था। अगले 6 दिन बाद 5 सितंबर को उसको ना तो दर्द निवारक गोली की आवश्यकता महसूस हुई और ना ही किसी अन्य सामान की। बस वह पीठ को सहारा देने के लिए तकिए का उपयोग कर रही थी। उसका दर्द पूरी तरह से ठीक हो गया था और वह औषधि को TDS के रूप में ले रही थी जिसको उसने एक और सप्ताह तक लिया। 12 सितंबर को उसको खुराक को OD करने के लिए कहा और जब तक वह घर से काम करती है तब तक औषधि को OD के रूप में सेवन करते रहने के लिए कहा गया। 20 दिसंबर 2020 तक वह बिल्कुल ठीक थी और घर से ही कार्य कर रही थी।
धूप से एलर्जी 11620...India
एक 46-वर्षीय महिला को अक्टूबर 2009 में चेहरे पर खुजली मचनी शुरू हो गई। यह घटना उसके हरपीज से ठीक हो जाने के कुछ महीनों के बाद की है। एक माह बाद खुजली अत्यधिक तीव्र हो गई थी और सूजन भी आ गई थी लेकिन यह तभी हुआ जब वह कई घंटों तक धूप में बाहर गई थी। तब से, थोड़ा सा धूप में जाने से ही वह खुजली और सूजन दोनों से पीड़ित थीI इससे उसकी त्वचा भी काली पड़ गई थी। उसने आयुर्वेदिक उपचार भी लिया परंतु कोई लाभ नहीं हुआ। जनवरी 2010 में त्वचा की बायोप्सी से मालूम हुआ कि इसका कारण धूप से एलर्जी है। उसको स्टेरॉइड क्रीम और कुछ गोलियां दी गई तथा बिना सुरक्षा के घर से बाहर जाने के लिए मना कर दिया गया। डॉक्टर ने यह भी कहा कि इसका उपचार नहीं है। अतः उसको जीवन भर स्टेरॉयड का सेवन करना पड़ेगा। इससे उसको अस्थाई लाभ ही हुआI उसने दवाई का उपयोग मार्च 2019 तक किया क्योंकि और कोई विकल्प नहीं था। हालांकि, समय के साथ, उसकी स्थिति खराब हो गई, जब भी सूजन हो जाती तो वह अपनी आँखें नहीं खोल सकती थी। साथ ही, उसके हाथों की त्वचा बहुत पतली हो गई और छिलने लगी। 9 फरवरी 2020 उसने वाइब्रो उपचार का निर्णय किया और वह उनके पास गई। चिकित्सक ने उसे निम्न औषधि दी।
#1. CC8.1 Female tonic + CC15.1 Mental & Emotional tonic + CC21.3 Skin allergies…TDS पानी मेंI
दो माह में ही 29 मार्च तक खुजली में 60% तक की कमी हो गई थी। अगले माह में 26 अप्रैल को उसने सूचना दी कि खुजली पूरी तरह से ठीक हो गई है और सूजन भी कम हो गई है। ग्रीष्म ऋतु आने वाली थी अतः उसने औषधि को TDS रूप में ही लेते रहने की इच्छा व्यक्त की। 6 जून को चिकित्सक ने त्वचा के प्राकृतिक रंग को वापिस लाने के लिए और त्वचा के नीचे किसी भी प्रकार के संक्रमण को खत्म करने के लिए, चिकित्सक ने एक औषधि और उसमे मिला दी:
#2. CC21.2 Skin infections + #1…TDS
5 जुलाई को #2 की खुराक को घटा कर OD कर दिया गया और धीरे-धीरे दो महीने की अवधि में खुराक को OW कर दिया और 6 सितम्बर को औषधि बंद कर दी गयीI रोगी बहुत प्रसन्न थी कि उसकी त्वचा का रंग सामान्य हो गया हैI दिसम्बर 2020 तक उसे कोई तकलीफ नहीं हुई थीI
रोगी का प्रशंसा पत्र:
धूप से एलर्जी होने के कारण, मेरे चेहरे पर अति तीव्र खुजली होती थी और सूजन भी हो गई थीI त्वचा का रंग काला हो गया था, किसी से मिलते समय शर्म आती थी। डॉक्टर ने कहा कि कोई इलाज नहीं है, लेकिन जीवन भर के लिए स्टेरॉयड को जारी रखने की आवश्यकता है। हर गणेश चतुर्थी पर, मुझे त्वचा पर खुजली हो रही थी (शायद फूलों के कारण), लेकिन इस साल मैंने बिना किसी त्वचा की समस्या के खुशी के साथ त्योहार मनाया। मैं इलाज के लिए बहुत आभारी हूं और स्वामी को इस अद्भुत उपचार के लिए धन्यवादI
ADHDऔर ऑटिज्म 03518...Canada
3 जनवरी 2020 को, एक 5-वर्षीय लड़की की माँ ने अपनी बेटी के लिए अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिव डिसऑर्डर (ADHD) के निदान के लिए चिकित्सक से सम्पर्क कियाI उस बच्ची को बोलने में भी परेशानी थीI वह अतिसक्रिय थी, लगातार इधर-उधर भाग रही थी और मना करने पर चिढचिढ़ी हो जाती थीI दिन भर, वह चारों ओर घूमती या पत्थरबाजी करती या ऊपर-नीचे होती रहती थी। वह बात करने के लिए आवाज़ें निकालती थी लेकिन सरल शब्दों को भी ठीक से बोल नहीं पाती थी। उसे हर समय 24/7 डायपर पहनाना पड़ता था। माता-पिता के लिए बच्चे का संभालना बहुत ही मुश्किल था और वह उसे सामाजिक समारोहों में नहीं ले जाता थे।
उसका पेट फूला सा रहता था क्योंकि उसकी पाचन क्रिया ठीक नहीं थी जिसके कारण उसे कभी कब्ज़ हो जाती थी और कभी दस्त होने लगते थेI वह हर शाम को अपना पेट पकड़ कर दर्द से रोती थी। उसे ठीक से नींद भी नहीं आती थी। तीन साल पहले, एक प्राकृतिक चिकित्सक ने नींद और पाचन एंजाइमों के लिए मेलाटोनिन दिया जिससे कुछ राहत मिली और और अभी भी लगातार ले रहीं हैं।उसे कोई भी एलोपैथिक दवाएं नहीं दी गईं। वह एक विशेष आवश्यक कार्यक्रम के अंतर्गत स्पीच थैरेपी ले रही है। 1 से 10 के पैमाने पर, उसकी सक्रियता और व्यवहार की रेटिंग 8 थी जो अत्याधिक थी।
चिकित्सक ने बच्चे के साथ 21 बार ओम के दैनिक जप करने की सलाह दी और लगातार घर में गायत्री मंत्र को भी बजाते रहने के लिए कहा और निम्न औषधि दी:
CC12.2 Child tonic + CC15.5 ADD & Autism...TDS
मां ने उपचार शुरू करने के लिए एक शुभ दिन 26 फरवरी 2020 को चुना। इस समय तक उसके चक्कर लगाने में 20% तक की कमी हो गई थी। उसकी मां का यह कहना था कि प्रतिदिन ओंकार और गायत्री मंत्र के कारण ही ऐसा हुआ है। एक सप्ताह में ही उस बच्ची को भोजन के बाद दुर्गंधयुक्त दस्त आने लगे लेकिन दर्द की ओर से कोई शिकायत नहीं थी। अब वह बिस्तर पर इधर-उधर लुड़कने लगी थी। यह एक नया व्यवहार था। चिकित्सक ने अनुमान लगाया कि यह पुल-आउट के कारण हो सकता है परंतु औषधि की खुराक में कोई परिवर्तन नहीं किया गया। नींद की समस्या अभी बनी हुई थी।
अप्रैल के अंत तक उसके व्यवहार और अति सक्रियता में परिवर्तन हुआ अब स्केल पर उसका नंबर 6 हो गया था। जो भी निर्देश दिए जाते थे उन्हें ध्यान से सुनती थी। सामान्य तौर पर खाने लगी थी। एक और माह बाद, बिस्तर पर लुढ़कना, ऊपर चढ़ना, चक्कर काटना यह सभी आदतें बंद हो गई थी। पेट की गड़बड़ी ठीक हो गई थी। अब वह साढ़े 7 घंटे की नींद भी लेने लगी थी। पहली बार वह अन्य बच्चों के साथ खेलने लगी थी। वह खुद खेल शुरू करती थी। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। उसने बाइसिकल चलाने और पेंटिंग में रुचि दिखाई। रंगों का चुनाव वह स्वयं करने लगी थी। उसके अभिभावक इस परिवर्तन से बहुत खुश थे और अब वह उसे शौचालय जाने की आदत डालने का प्रयास कर रहे थे।
जून के अंत तक उनका प्रयास सफल रहा था, वह शौचालय में जाने लगी थी और दिन भर डायपर पहने रहने की परेशानी से मुक्ति मिल गई थी। इस बात से थैरेपिस्ट भी बहुत प्रसन्न था क्योंकि बच्चे के विकास में शौचालय जाने की ट्रेनिंग बहुत महत्व रखती है।
सितंबर माह से वह स्कूल जाने लगी थी। वहां उसका व्यवहार बहुत अच्छा था। अपने आप ही शौचालय जाने लगी थी। उसकी मां ने चिकित्सक को बतलाया कि सक्रियता का स्तर अब 3 हो गया है। 2 दिसंबर 2020 तक, उस उम्र के बच्चों के सक्रियता स्तर पर वह आ गई थी। वह क्लास में ध्यान पूर्वक पढ़ाई करती है यहां तक की ऑनलाइन क्लास पर भी वह पूरा ध्यान देने लगी है। वह औषधि उसी खुराक के साथ नियमित रूप से ले रही है।
माँ का प्रशंसा पत्र:
अप्रैल 2017 में हमारी बच्ची का सामाजिक संचार विकार के रूप में निदान किया गया थाI उस समय उसकी आयु मात्र 2 वर्ष की थी। वह प्रत्येक सप्ताह, स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजी (SLP) और ऑक्यूपेशनल थेरेपी (OT) में 2 घंटे बिताती थी। इसके अतिरिक्त वह पाचन तंत्र और नींद के लिए नेचरोपैथ का उपचार ले रही थी। फरवरी के अंत में उसने साईं वाईब्रिओनिक्स का उपचार शुरू किया था। हमने उसके विकास करते हुए स्थिति को भली-भांति देखा है और उसके विकास से संतुष्ट हैंI हमने उसे शौचालय का उपयोग करने का तरीका बताया जिसको उसने बहुत जल्दी सीख लिया। मई 2020 से, अब वह स्वयं ही शौचालय जाती हैं। डायपर से मुक्ति मिल गई है। वह ग्रेड वन में पढ़ती है। ऑनलाइन क्लास में बड़ी तन्मयता से बैठती है तथा पूरा होमवर्क कर लेती है। वह अपनी कक्षा की छात्राओं और अन्य व्यक्तियों से भली भांति व्यवहार करती है। उसके थेरेपिस्ट उसके विकास से बहुत प्रसन्न है। दिसंबर में हम परिवार सहित क्रिसमस मनाने गए थे। रात्रि की 12 घंटों की यात्रा में मेरी बच्ची ने बिल्कुल भी परेशान नहीं किया था। बच्ची के विकास से हम लोग अत्यधिक उत्साहित हैं और उसको हम वाइब्रॉनिक्स औषधि देते रहेंगे। हमें आशा है कि वह इसी प्रकार निरंतर विकास करती रहेगी।
चिकित्सक की रुपरेखा 10776 & 12051...India
वैलनेस सेंटर SSSIHMS व्हाइटफील्ड में वाईब्रिओनिक्स क्लिनिक
वेलनेस सेंटर, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, व्हाइटफील्ड में कुछ चिकित्सकों का परिचय देते समय हमें प्रसन्नता हो रही है जो वाइब्रो सेवा के प्रति समर्पित है, अपनी सेवाएं उक्त केंद्र पर बारी-बारी से दे रहे हैं। वाईब्रिओनिक्स उक्त केंद्र का अभिन्न अंग बन गया है। इस केंद्र की स्थापना 23 फरवरी 2017 को हुई थी और वहां पांच समर्पित चिकित्सक बारी-बारी से सेवाएं दे रहे हैं। वह सप्ताह में वहां 3 दिन सेवाएं देते हैं। शुरू में वहां रोगियों की संख्या कम थी परंतु मुहँ ज़बानी एक दुसरे को बताने से वहां रोगियों की संख्या अब बहुत अधिक हो गई है। हॉस्पिटल के चिकित्सक भी कई रोगियों को उक्त केंद्र पर चिकित्सा करने की अनुशंसा करते रहते हैं। इससे लोग वैकल्पिक चिकित्सा की ओर अग्रसर हो रहें हैंI.
चिकित्सक10776 2009 में बेंगलुरु में पहली कार्यशाला आयोजित करने के बाद से कर्नाटक के समन्वयक रहे हैंI उन्होंने कर्नाटक में कई प्रशिक्षण और रिफ्रेशर कार्यशालाओं के आयोजन में मुख्य मार्गदर्शक के रूप में कार्य किया तथा वेलनेस सेंटर में वाइब्रोनिक्स क्लिनिक की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
चिकित्सक 12051 का परिचय पहले वॉल्यूम 9 अंक 2 मार्च-अप्रैल 2018 में दिया जा चुका है। उनका कार्यक्षेत्र पहले की अपेक्षा कई गुना बढ़ गया है इसीलिए इनका परिचय फिर से दिया जा रहा है। वह कर्नाटक में सभी वर्चुअल कार्यशालाओं का संचालन कर रही हैं। यह कार्य वह महामारी के शुरू होने से मार्च 2020 से कर रही हैं। वाईब्रिओनिक्स क्लीनिक की सभी गतिविधियों की प्रभारी है। नीचे दिए गए परिचयों का उन्होंने ही संकलन किया है।
चिकित्सक की रुपरेखा 10741...India
चिकित्सक 10741, 10741 ने बीए की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद 5 वर्षों तक दिव्यजीवन समाज के संयुक्त सचिव के पद पर कार्य किया है लेकिन अब वह एक ग्रहणी हैं। अपनी 12 वर्ष की किशोरावस्था में उन्होंने स्वामी को 1956 में पहली बार देखा था जब वह अपने माता-पिता के साथ थी, जो स्वामी की दिव्यता पर विश्वास करते थे।। स्वामी का संदेश सुनकर वह मंत्र मुग्ध हो गई थी। 1969 में विवाह के पश्चात, वह मुंबई चली गई वहां उनकी सास ने उन्हें बहुत प्रोत्साहन दिया। वह सत्य साईं संगठन में सक्रिय रुप से भजन गायिका के रूप में सम्मिलित हो गई। बाद में वह बाल विकास समन्वयक बन गई। इसके साथ ही वह महिला विंग की विभिन्न गतिविधियों जैसे कि बाल विकास, आध्यात्मिक और सेवा की गतिविधियों का संचालन का कार्य करने लगी। इससे उनको शांति की प्राप्ति हुई और आत्मविश्वास भी बढ़ गया। 1975 में उन्हें पुट्टपर्थी आने के लिए दिव्य संदेश प्राप्त हुआ। 1997 में जब वह बेंगलुरु गई तब भी उनकी सेवा का कार्य चलता रहा था। वहां जाने से उन्हें वृंदावन भजन समूह में भजन गाने का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ।
यह चिकित्सक अपने आपको आभारी मानती है कि उसे वाईब्रिओनिक्स सेवा करने के लिए उचित निर्देश मिलते रहे थे। वह 2009 में AVP और उसके 1 वर्ष बाद VP बन गई थी। नियमित रूप से होने वाले रिफ्रेशर कोर्स को वह आवश्यक समझती है इससे चिकित्सकों का आत्मविश्वास बढ़ता है। उन्होंने अपनी समिति सदस्यों का बाल विकास के बच्चों और उनके अभिभावकों का उपचार किया है। इसके अतिरिक्त उन्होंने अपने परिवारिक सदस्यों व मित्रों का भी उपचार किया है। वर्ष 2011 से 2014 तक, व्हाइटफील्ड के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल महिला सेवा दल के सदस्यों का भी उपचार करने का अवसर प्राप्त हुआ है। उन्होंने जिन रोगों का उपचार किया है वह है पाचन तंत्र की समस्याएं, तीव्र छाती में संक्रमण, उष्णकटिबंधीय रोग, श्वसन संबंधी एलर्जी, कंकाल/मांसपेशी/जोड़ों की समस्याएँ और त्वचा संबंधी कई बिमारियों का सफलतापूर्वक इलाज किया। बहुत सी महिलाएं अपने परिवार के सदस्यों के लिए भी औषधि ले जाती थीं।
इन्होंने अपनी सेवाओं को उस स्कूल तक बढ़ा दिया है जिसमें बाबा के छात्र नियमित रूप से चिकित्सा शिविर आयोजित करते हैं, यह स्कूल वृंदावन आश्रम के पास ही है। उनको जो रोगी उपचार के लिए दिए जाते हैं वे न्यूरोलॉजिकल समस्याओं से होते हैं जैसे कि एपिलेप्सी, ब्रेन डिसऑर्डर, वर्टिगो और न्यूरेलजिया। सफलता की दर काफी उच्च है और खास करके एपिलेप्सी रोग की सफलता की दर 90- 95% थी। वर्ष 2017 में, जब वैलनेस क्लिनिक की स्थापना हुई थी तब उन्होंने वहां पर चार माह तक सेवा की थी। इसके पश्चात, वहां तक प्रतिदिन जाना बहुत मुश्किल होने के कारण, वह अब केवल आवश्यकता होने पर ही वहां जाती हैं।
उनका कहना है कि वाईब्रिओनिक्स सेवा से उनकी आध्यात्मिक यात्रा में बढ़ोतरी हुई है। वह अपने रूपांतरण में तीन स्तरों पर परिवर्तनों का अनुभव करती है, भौतिक स्वास्थ्य, मानसिक संतुष्टि और आध्यात्मिक संतुलन। वह इस सेवा को विशेष सेवा मानती है क्योंकि किसी भी रोगी को औषधि देते समय वह हृदय से स्वामी से रोगी को स्वस्थ बनाने के लिए प्रार्थना करती है। इस प्रकार निस्वार्थ सेवा करते हुए, बार-बार नामस्मरण से सकारात्मक भाव जागृत हो उठते हैंIजैसे कि स्वामी कहते हैं, “दिल में राम, हाथ में काम”, जिसका अर्थ है, “सिर जंगल में और हाथ समाज में”I
अनुकरणीय उपचार :
चिकित्सक की रुपरेखा 10767...India
चिकित्सक 10767, इन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त करने के पश्चात मुख्य स्टील प्लांट में कार्य किया है। किसी सहयोगी से प्रोत्साहित होकर, वह स्वामी के संपर्क मे वर्ष 1970 में आएI जल्दी ही उन्हें स्वामी के दर्शनों का लाभ प्राप्त हो गया। दर्शन लाभ व्हाइट फील्ड में हुआ था। तब से, वे स्थानीय साईं संगठन की सेवा गतिविधियों में कार्य करने लगे जैसे कि भजन, स्टडी सर्कल, नारायण सेवा और साप्ताहिक मेडिकल कैंप। इन सब गतिविधियों में भाग लेने से मानव जीवन का महत्व समझ में आने लगा था।
वर्ष 2005 में, इन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली और बेंगलुरु चले गए। जल्दी ही वहां बाबा के आश्रम वृंदावन में कुछ विशेष जिम्मेदारियां सौंप दी गई। अगस्त 2009 में, एक परिपत्र के द्वारा उन्हें साईं वाईब्रिओनिक्स के प्रशिक्षण के बारे में सूचना प्राप्त हुई। इस वैकल्पिक उपचार के बारे में कुछ भी नहीं जानते हुए भी उन्होंने अपनी आंतरिक आग्रह के कारण इस प्रशिक्षण के लेने का मानस बना लिया और वह AVP बन गए। सप्ताह में 3 दिन तक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल,जनरल हॉस्पिटल और वृंदावन आश्रम में सेवादल के सदस्य के रूप में, उन्हें साथी सेवादलों के इलाज का अवसर मिला।
उपचार की प्रभावशीलता को देखते हुए, कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों के सेवादलों ने उन्हें अपने संबंधित समितियों में वाईब्रो शिविर आयोजित करने के लिए आमंत्रित किया। चिकित्सक इन शिवरों में सेवा करने में इतने व्यस्त हो गये कि एक शिविर में उन्होंने 110 रोगियों का इलाज किया और वह आधी रात को घर लौटे। 11 दिनों तक चलने वाले एक अन्य शिविर में, उन्होंने कुल 398 रोगियों को देखा। आज भी, कई रोगी उनसे लगातार संपर्क करते रहते हैं और वह उन्हें डाक द्वारा औषधि भेजते हैं। वेलनेस क्लिनिक की शुरुआत से ही यह अपनी सेवा प्रदान कर रहें हैंI कई बार वह इतने भावुक हो गये जब उन्होंने कई रोगियों का इस उपचार में दृढ विश्वास देखा और वह स्वामी के प्रति पूरणतया समर्पित हैंI वह एक केस के बारे में बताते है जो 2-वर्ष के एक बच्चे का था जिसके पूरे शरीर पर दाने हो रहे थेI जब उन्होंने निर्देश दिया कि पुलआउट के कारण यदि खुजली बढ़ जाए तो खुराक को कम कर दें, तो बच्चे के पिता ने तुरंत जवाब दिया "नहीं साहब, यह बहुत अच्छी दवा है, मुझे पता है।" अपनी कृतज्ञता जाहिर करते हुए, कई रोगी उनके पैरों को छूना चाहते हैं और कुछ नियमित रूप से रोगियों को उनके पास भेजते हैं। इससे उन्हें अत्यन्त जिम्मेदारी का एहसास होता है और प्रेरणा मिलती है कि वह सभी रोगियों के साथ अत्यंत सावधानी से व्यवहार करें। वह वाईब्रिओनिक्स समाचार पत्र का कन्नड़ में अनुवाद करने का कार्य भी करते हैं।
उनका कहना है कि अधिकांश मरीज़ स्वस्थ जीवन शैली का पालन नहीं करते हैं, इसलिए वह उन्हें आहार और पानी पीने के बारे में अपने सुझाव देते हैं और उन्हें नियमित व्यायाम करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। चिकित्सक अनुभव करते हैं कि वह भाग्यशाली हैं कि उन्हें इस सेवा का अवसर प्राप्त हुआI जब रोगी मुस्कराते हुए पुनः अपनी औषधि को लेने आते हैं तो उन्हें बहुत प्रसन्नता मिलती हैI यह अच्छी तरह से जानते हुए कि स्वामी ही सभी उपचार करते हैं, वह सभी चिकित्सकों को परम निवेदन करते है कि वह पूरी तरह से स्वामी को समर्पित हो कर पूरी ईमानदारी के साथ अपने रोगियों की सेवा करें।
अनुकरणीय उपचार:
चिकित्सक की रुपरेखा 11210...India
चिकित्सक 11210 भौतिक शास्त्र में स्नातकोत्तर किया हुआ है। 30 वर्षों तक केंद्रीय विद्यालय संगठन, जो कि केंद्रीय सरकार का अग्रणी शिक्षा संगठन है, में कार्य कर चुकी है। इनके माता-पिता साठ के दशक से सत्य साईं बाबा के अनन्य भक्त रहे हैं। यह चिकित्सक उस समय किशोरावस्था में ही थीI वह उसी समय से समिति की गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेने लगी थी विशेषकर सेवा गतिविधियों में बहुत सक्रिय रहती थी। गांव के मेडिकल कैंप में सेवादल के कार्यों को देख कर उनके मन में भी इसी प्रकार की सेवा करने की इच्छा जागृत होती थी जिससे वे ग्रामीणों के जीवन को उन्नति की ओर अग्रसर कर सकें। लेकिन फिर वह यह सोचती थी कि यह तो केवल मात्र एक स्वपन ही है क्योंकि वह मेडिकल की छात्रा नहीं थी। वर्ष 2010 में ईश्वर ने उनको एक अवसर प्रदान किया, वृंदावन, व्हाइटफ़ील्ड में वाईब्रिओनिक्स के प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए। उन्होंने उस का भरपूर लाभ उठाकर AVP का प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया और चिकित्सक बन गई। 2 वर्ष बाद वह VP बन गई। इस प्रकार उन्होंने अपने स्वपन को साकार कर लिया।
उन्होंने अपनी समिति में उपचार करना शुरू कर दिया तत्पश्चात वृंदावन आश्रम से भी उपचार शुरू कर दिया यह सोच कर कि स्वामी ही उपचार करने वाले हैं मुझे तो मात्र एक उपकरण बनाया हुआ है। वह नियमित रूप से 10 वर्षों से उपचार कर रही है, इसके अतिरिक्त सभी मेडिकल शिवरों में भी भाग लेती है। उन्होंने व्हाइटफील्ड वैलनेस केंद्र पर भी अपनी सेवाएं प्रदान की है। वहां उन्होंने केंद्र के शुरू होने पर ही कार्य करना शुरू कर दिया था। जुलाई 2019 से, हर सोमवार के दिन, उनको चिकित्सक11597 नियमित रूप से मदद प्रदान कर रहे हैं। इस चिकित्सक का परिचय वॉल्यूम 11 अंक 6 नवम्बर-दिसम्बर 2020 में पहले दिया जा चुका है।
चिकित्सक ने त्वचा की पुरानी बीमारियों जैसे कि सोरायसिस, ल्यूकोडर्मा, एक्जिमा और नाखूनों में फंगल संक्रमण का सफलतापूर्वक इलाज किया है। उन्होंने एक महिला के उपचार का उदाहरण प्रस्तुत किया है जो 10 वर्षों से पूरे शरीर पर सोरायसिस के कारण परेशान थी। चिकित्सक ने उसे CC12.4 Autoimmune diseases + CC15.1 Mental & Emotional tonic + CC21.10 Psoriasis खाने के लिये रेमेडीज दी। उपचार को तीव्र बनाने के लिए उन्होंने पेट्रोलियम जेली और नारियल के तेल में उक्त कॉम्बोस को मिलाकर शरीर पर मलने के लिए भी दिया। रोगी ने बताया कि यद्यपि रोग के ठीक होने की गति तो धीमी है परंतु 6 महीने में ही, दोनों हाथों और पैरों पर, त्वचा का अपना पुराना रंग लौटने लगा है। इससे रोगी का उत्साह बढ़ गया और उसने उपचार जारी रखाI और पांच माह उपचार लेने के उपरान्त वह पूरी तरह स्वस्थ हो गई थी। इस उपचार को वह ईश्वरीय उपहार समझती है।
चिकित्सक ने इसके अतिरिक्त अस्थमा और शराब तथा सिगरेट पीने वाले लोगों की आदतों का भी सफलतापूर्वक उपचार किया है। माइग्रेन, स्तनों में गांठ, कान में संक्रमण और गैंग्रीन जैसी बिमारियों का भी सफलतापूर्वक इलाज किया है।
लंबे समय तक वाईब्रिओनिक्स उपचार करने से उनको रोगियों से संपर्क बनाए रखने का महत्व समझ में आने लगा है। चिकित्सकों को उनकी सलाह है कि रोगी से रोग के बारे में बताई गई बातों को बहुत ही ध्यान पूर्वक सुने और फ़ोन पर उनके लिए उपस्थित रहे जिससे कि रोगी आवश्यकता पड़ने पर आपसे संपर्क कर सके। उनको स्वामी के द्वारा बताए गए त्रिकोण, ईश्वर, रोगी और चिकित्सक, का सदैव भान रहता है। रोगियों के साथ उनके प्रेम भरे स्वभाव का बहुत असर होता है। उन रोगियों को देखकर, जो मानसिक और भावनात्मक रूप से कमजोर हैं, वह अपनी पूर्ण क्षमता और विनम्र भाव से उनकी सेवा करने में तत्पर रहती हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात जो उन्होंने बताई वह यह है कि “उपचार के समय आपके मन में अहम् का भाव लेश मात्र भी नहीं होना चाहिए। केवल स्वामी ही चिकित्सक को मार्गदर्शन देते हैं और वही रोगी का उपचार भी करते हैं।”
अनुकरणीय उपचार :
चिकित्सक की रुपरेखा 11217...India
चिकित्सक 11217 एक स्नातक है और पूर्व एंटरप्रेन्योर है वह स्वामी के संपर्क में अपने बचपन से ही आने के लिए भाग्यशाली है। वाइब्रॉनिक्स के बारे में उन्हें वर्ष 2009 में सूचना मिली जब उनके डॉक्टर ने बताया कि उनको ट्राईग्लिसराइड का स्तर बहुत अधिक 450 mg/dL हैI जबकि सामान्य स्तर <150 mg/dL होता है और उन्हें एलोपैथिक औषधि दी जिससे कि उनका लिपिड प्रोफाइल नियमित हो जाए। उसी दिन शाम को भजनों के बाद उनकी मुलाकात एक चिकित्सक से हो गई तभी उन्होंने निश्चय कर लिया कि वाईब्रिओनिक्स उपचार करा लेना चाहिए। उन्हें CC4.2 Liver & Gallbladder tonic...TDS दिया गया। 1 माह के बाद उन्होंने वापस चेकअप कराया तो स्तर 220 mg/dL हो गया
वर्ष 2010 में वृंदावन आश्रम में सेवा दल के रूप में कार्य कर रहे थे तो उन्हें AVP प्रशिक्षण में प्रवेश लेने का अवसर प्राप्त हुआ जो वहीं आश्रम में होने वाला था। कोर्स को सफलतापूर्वक करने के पश्चात पूरा समूह 108 सीसी बॉक्स और प्रमाण पत्र के साथ स्वामी के दर्शन के लिए प्रशांति निलयम गया। ट्रेन से लौटते समय एक सहभागी ने अपनी पुरानी बीमारी के लिए औषधि की मांग की। इस प्रकार उनकी चिकित्सा ट्रेन में ही शुरू हो गई।
उन्होंने अपने निवास, स्थानीय भजन केंद्रों और चिकित्सा शिविरों में रोगियों का इलाज करना शुरू किया और प्रतिदिन दो से तीन रोगियों को उपचार देने लग गए थे। जिला सेवा समन्वयक होने के नाते, वे जब भी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में सेवा दल की ड्यूटी देते थे तो वह 108 सीसी बॉक्स को अपने साथ रखते थे। वर्ष 2011 से 2013 तक उन्होंने व्हाइटफील्ड के सेवा दलों का उपचार किया। वर्ष 2013 में उन्होंने SSSSO डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर पर प्रदर्शनी लगाई जिसमें वाईब्रिओनिक्स उपचार के बारे में विस्तार से बताया गया था। प्रदर्शनी को बड़ी संख्या में लोगों ने देखा था। लेकिन उनकी चिकित्सा में बढ़ोतरी वर्ष 2014 में हुई जब वृंदावन में एक माह का साधना शिविर लगा था जिसमे वाईब्रिओनिक्स उपचार को भी शामिल किया गयाI रोगियों और आश्रम के कार्यकर्ताओं द्वारा इस उपचार को बहुत समर्थन मिला और इस प्रकार आश्रम में ही वाईब्रिओनिक्स क्लिनिक की स्थापना हो गई। यह केंद्र सातों दिन खुला रहता है और वहां पर हजारों रोगियों का उपचार किया जा चुका है। प्रतिदिन 10 से 15 रोगियों का उपचार वहां होता है। सप्ताहांत में, दो अन्य चिकित्सक भी उनकी मदद के लिए वहां जाते हैंI
चिकित्सक को अपने कार्य में अत्यधिक सफलता प्राप्त हुई है। लगभग 60% रोगी ऐसे हैं जिन्हें पूर्ण स्वास्थ्य लाभ हुआ है। एक मामले में, आश्रम के ही एक सेवादल के सदस्य की बेटी बहुत ही आक्रामक व्यवहार वाली थी। उसके पिता ने उसका पिछले तीन वर्षों में बहुत उपचार करा लिया था परंतु उस लड़की के व्यवहार में कोई अंतर नहीं पड़ा था। पिछले 6 माह के दौरान तो हालात और अधिक बिगड़ गए थे। वह अपनी मां को गालियां भी देने लगी थी। उसके अभिभावक परेशान होकर चिकित्सक के पास गए उन्होंने उसको CC15.1 Mental & Emotional tonic + CC15.2 Psychiatric disorders + CC18.1 Brain disabilities औषधि दी। इस औषधि से उसके व्यवहार में धीरे-धीरे परिवर्तन आने लगा और 3 माह के उपचार के बाद वह अपनी सेवा ड्यूटी पर वापस जाने लगी। एक अन्य मामले में किसी ट्रस्टी के महिला रिश्तेदार अल्जाइमर रोग से ग्रसित हो गई। इसके कारण बेचैन हो गई बिना किसी कारण के इधर-उधर घूमती रहती थीI डेढ़ वर्ष तक उसका उपचार चला लेकिन कोई लाभ नही हुआI ऐसी स्तिधि में वाईब्रिओनिक्स उपचार ही काम आयाI उसे CC18.2 Alzheimer's disease दिया गयाI थोड़े समय बाद ही रोगी की बेचैनी शांत हो गई, वह विचारों का आदान-प्रदान भी करने लगी थी तथा इधर-उधर घूमने की अपेक्षा घर पर ही रहने लगी थीI इस प्रकार के एक अन्य मामले में एक लड़के की मस्तिष्क की शल्य क्रिया एक गांठ निकालने के लिए हुई थी लेकिन उसका ज्वर कम नहीं हो रहा थाI अतः चिकित्सकों ने आशा छोड़ दी थी। चिंतित अभिभावक आश्रम में आए वहां उन्हें CC9.4 Children's diseases औषधि दी गई। इस औषधि की केवल दो खुराक से ही ज्वर उतर गया।
चिकित्सक का कहना है कि मनुष्य के अलावा सभी जीवित प्राणी प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर रहते हैं। वह अपना जीवन पूरा जीते हैं और किसी भी प्रकार की औषधि का सेवन नहीं करते हैं ना ही शल्य क्रिया पर निर्भर करते हैं। अन्य जीव-जंतुओं की भांति ही मनुष्य का शरीर है जिसमें स्वयं के उपचार करने की क्षमता और स्व-प्रजनन तंत्र हैI चूकिं हम प्रकृति के नियमों का पालन नहीं करते हैं अतः हम विभिन्न प्रकार के रोगों से ग्रसित हो जाते हैं। वाईब्रिओनिक्स शरीर में संतुलन बनाने का प्रयास करती हैI चिकित्सक अनुभव करते हैं कि यह औषधि तीनों स्तरों पर शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन बनाकर स्वस्थ करती है। इन तीनों स्तरों के अलावा वातावरण पर भी प्रभाव पड़ता है और वह स्वामी के आभारी है कि उन्होंने उसे इस सेवा में योगदान देने के लिए सक्षम बनाया हैI
अनुकरणीय उपचार :
चिकित्सक की रुपरेखा 11529...India
चिकित्सक 11529एक ग्रहणी है। इन्होंने हिंदी विषय से स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की है। इन्होंने स्वामी के प्रथम बार दर्शन 2006 में किए जबकि उनकी दो पुत्रियां साईं आध्यात्मिक शिक्षा (SSE) ग्रहण कर रही थी कैलिफोर्निया में। एक पेशेवर कुचिपुड़ी नर्तकी होने के नाते, उन्हें 2007 में बच्चों को ईश्वरम्मा दिवस प्रस्तुति के लिए एक नृत्य सिखाने के लिए आमंत्रित किया गया था। इसके पश्चात वह नियमित रूप से साईं केंद्र पर जाने लगी और वहां की गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेने लगी। वर्ष 2010 में बंगलुरु में आ जाने पर उन्होंने जनरल व सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, व्हाइटफील्ड के सेवादल में काम करना शुरू कर दिया था।
उनके पति द्वारा प्रोत्साहित किए जाने पर उन्होंने 2013 में वाईब्रिओनिक्स की कार्यशाला में प्रवेश ले लिया। इनके पति को एक वरिष्ठ चिकित्सक ने वाइब्रॉनिक्स के बारे में जानकारी दी थी। चिकित्सक को शुरू से ही वाईब्रिओनिक्स के प्रभाव के बारे में कोई संदेह नहीं था। वह स्वयं ही अपनी पहली रोगी थी। उन्होंने सबसे पहले अपना उपचार किया, वह स्लिप डिस्क C4-C6 से परेशान थी। जो उन्हें 20 वर्ष पहले दुर्घटनावश हो गई थी। हर सुबह उठना उनके लिए एक मुसीबत का कार्य था क्योंकि उठने पर पीठ तथा गर्दन में भयंकर दर्द होता था। केवल 2 दिन CC20.5 Spine का सेवन करने से दर्द गायब हो गया था। तभी से उनके सभी परिवार वाले केवल वाईब्रो उपचार लेते हैं और एलोपैथिक औषधियों को बिल्कुल नकार दिया है।
अगस्त 2013 से चिकित्सक नियमित रूप से शनिवार को साईं गीतांजलि में उपचार हेतु जाती हैं। इस सेवा के दौरान उन्हें बहुत संतुष्टि मिलती है, जब वह 10 से 20 वर्षों से पीड़ित रोगियों को स्वस्थ होते हुए देखती है। उनके बहुत से करीबी रिश्तेदार और मित्रों को भी इस उपचार से लाभ प्राप्त हुआ है। उनके ब्रदर-इन-लॉ जो 20 वर्षों से एपिलेप्सी से पीड़ित थे, वे भी इस उपचार से लाभान्वित हो गए।
जब उनको वैलनेस केंद्र पर उपचार के लिए बुलाया गया तो वह बहुत उत्साहित हो गई थी। आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उन्होंने VP का 2017 में प्रशिक्षण पूरा कर लिया था और IASVP की सदस्य बन गई। केंद्र पर रोगियों की संख्या बढ़ने लगी थी। वह ऐसे रोगियों को बुलाती थी जिन्हें हृदय के फेल होने की संभावना होती थी जिसके लिए कोई उपचार नहीं है। उन सभी को वाईब्रिओनिक्स उपचार से लाभ मिलता था। वह अपनी शीशियों को दुबारा भरवाने की पेशकश करती थे। वे बहुत से लोगों को जो दूर रहते थे पोस्ट के माध्यम से औषधियां भेजती थी। अब तक उन्होंने 1500 रोगियों का उपचार कर लिया है। उन्होंने विभिन्न रोगों का उपचार किया है उनमें से कुछ रोग जिनमें उन्हें पूर्णतया सफलता मिली है, वह हैं - गठिया, जोड़ों का दर्द, हर्पिस । वह यह मानती है कि यह अन्य रोगों के साथ भी संभव है यदि रोगी निर्देशों का कड़ाई के साथ पालन करें।
चिकित्सक स्वामी के प्रति बहुत आभारी हैं कि उन्होंने लोगों को स्वस्थ बनाने का उन्हें अवसर प्रदान किया। वह महसूस करती हैं कि इससे उनका आंतरिक रूपांतरण हुआ । वह कम उत्तेजित होती हैं मानसिक तौर पर शांत रहती हैं और समस्याओं से घबराती नहीं है बल्कि यह सोचती हैं कि स्वामी उनको मजबूत बनाने के लिए परीक्षा ले रहे हैं। चिकित्सकों को उनकी सलाह है कि वाईब्रिओनिक्स में पूरा विश्वास रखें ।अपने कार्य को अच्छी तरह करें और परिणाम को स्वामी पर छोड़ दें।
अनुकरणीय उपचार :
प्रश्नोत्तर
प्रश्न1. हम सबको बहुत आशा है कि कोविड वैक्सीन जल्दी ही उपलब्ध हो जाएगी। एक बार वैक्सीन ले लेने के बाद क्या मुझे कोविड की रोकथाम के लिए IB वाइब्रो रेमेडी को लेना बंद कर देना चाहिए?
उत्तर. नहीं, तुम्हें इसे बंद नहीं करना चाहिए। वैक्सीन के 95% से अधिक प्रभावी होने की उम्मीद नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी यही दृष्टिकोण है। इसके अतिरिक्त वायरस के नए-नए रूप उभर रहे हैं, इस प्रकार की अनिश्चितताओं के अंतर्गत हम यह सलाह देते हैं कि तुम्हें IB को लेते रहना चाहिए जिससे कि तुम्हारी इम्यूनिटी कम ना हो जाए; स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन भी करते रहिए।
___________________________________________________________________
प्रश्न2. एक परिवार जो अत्यन्त जोखिम वाले क्षेत्र में रहता है उन्होंने मुझे ब्रॉडकास्टिंग के मार्फत IB उपचार देने के लिए अनुरोध किया है। क्या मैं, रेमेडी वेल में परिवार के सामूहिक फोटो को रखकर, ऐसा कर सकता हूं?
उत्तर. सर्वोत्तम परिणामों के लिए आपको प्रत्येक व्यक्ति को अलग से ब्रॉडकास्ट करना चाहिए लेकिन आप बार-बार उसी शीशी का उपयोग कर सकते हैं। (वॉल्यूम 7 # 1 वॉल्यूम 7 # 2 और वॉल्यूम 11 # 4 में संबंधित प्रश्नों को देखें)I
___________________________________________________________________
प्रश्न3. किसी व्यक्ति का बोन ग्राफ्ट किया हुआ हो तो उसको कौन सी रेमेडी दी जा सकती है?
उत्तर. बोन ग्राफ्ट एक शल्य क्रिया है जिसमें बीमार या त्रुटि वाली हड्डी को एक स्वस्थ हड्डी से बदल दिया जाता है। अधिकतर यह हड्डी बीमार व्यक्ति की हड्डियों में से ली जाती है लेकिन कभी-कभी काडेवेरिक बोन का भी उपयोग कर दिया जाता हैI उसके लिए हम निम्न रेमेडीज की अनुशंसा करते हैं: CC10.1 Emergencies + CC20.1 SMJ tonic + CC20.7 Fractures; यदि SRHVP मशीन का उपयोग किया जाता है तब NM3 Bone I + NM25 Shock + SM28 Injury + SR271 Arnica 30C + SR361 Acetic Acid 6X + SR457 Bone;TDS ग्राफ्ट से दो दिन पहले शुरू करें और ग्राफ्ट होने के बाद 6TD, एक सप्ताह के लिए, इसके पश्चात TDS जब तक ठीक न हो जाएI
___________________________________________________________________
प्रश्न4. जब हमें बड़ी मात्रा में पानी में रेमेडी (उदाहरण के लिए, मवेशियों या खेतों के लिए) की आवश्यकता होती है, तो हमने सीखा है कि हम पहले एक लीटर रेमेडी तैयार करते हैं, जिसमें 100 मिलीलीटर रेमेडी वाले पानी में 900 मिलीलीटर पानी मिलाते हैं और फिर प्रार्थना करते समय अच्छी तरह मिलाते हैं; फिर इस एक लीटर में 9 लीटर पानी मिलाकर दस लीटर तैयार करते हैं। यह प्रक्रिया तब तक दोहराई जा सकती है जब तक हम आवश्यक मात्रा तक नहीं पहुंच जाते। क्या इस तरह बार-बार करने से अंतिम रेमेडी कमजोर नहीं हो जाएगी?
उत्तर. वाईब्रिओनिक्स उपचार में कोई भौतिक पदार्थ नहीं होता है, जो पतला होने पर कमजोर हो जाता है; इसलिए कमजोर पड़ने जैसे भौतिक दुनिया के नियम इसमें लागु नहीं होते हैं। उपचार में वाईब्रेशन के विचारों की ऊर्जावान दुनिया के नियमों का पालन होता हैं (जिससे, प्रार्थना, विश्वास और प्रेम संबंधित हैं), इसलिए बार-बार वाईब्रिओनिक्स को पानी में मिलाने से उसकी प्रभावशीलता कम नहीं होगी।
___________________________________________________________________
प्रश्न5. अंग प्रत्यारोपण के एक रोगी को शरीर द्वारा अस्वीकृति की संभावना को कम करने के लिए क्या उपाय दिया जा सकता है?
उत्तर. ट्रांसप्लांट से एक सप्ताह पहले निम्न रेमेडी TDS के रूप में दी जा सकती है, ट्रांसप्लांट के बाद खुराक को बढ़ाकर 6TD कर दें एक सप्ताह के लिए और जब शरीर उस नए अंग के साथ सहज हो जाए तो फिर खुराक को कम करके TDS कर देI
यदि 108CC का उपयोग कर रहें हैं तो CC10.1 Emergencies + CC12.1 Adult tonic + CC15.1 Mental & Emotional tonic + उससे सम्बंधित अंग का tonic जैसे कि किडनी प्रत्यारोपण के मामले में CC13.1 Kidney & Bladder tonic
यदि SRHVP का उपयोग कर रहें है तो NM25 Shock + SM2 Divine Protection + SM4 Stabilising + SM5 Peace & Love Align. + SM41 Uplift + SR266 Adrenalin + SR271 Arnica 30C + SR295 Hypericum 30C + SR318 Thuja 30C + SR353 Ledum 30C + SR361 Acetic Acid 6X + सम्बंधित अंग के लिए कार्ड, उदाहरण के लिए, OM15 Kidney or SR501 Kidney किडनी प्रत्यारोपण के मामले में।
दैवीय सन्देश
“जब तुम यह धारणा बना लेते हो कि तुम शरीर हो, तो शरीर तुम से अधिक भोजन मांगता है, अच्छी देखभाल और अधिक आराम। वर्तमान में उपयोग में लिए जाने वाले भोजन आवश्यकता से अधिक होते हैं, मनुष्य इससे कम भोजन पर अधिक स्वस्थ रह सकता है। हमारा अधिकांश समय और पैसा स्वाद के लिए और दिखावे पर खर्च होता है। इसको छोड़ा जा सकता है। इसके फलस्वरूप हमारे स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। मिठाई और ठंडाई बहुत भारी होते हैंI “औसत दर्जे का भोजन करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है।” व्यंजन केवल अपने तमोगुणों को प्रदर्शित करते हैं। (जड़ता और अकर्मण्यता की गुणवत्ता)I जिंदा रहने के लिए खाओ इस बात पर विश्वास मत करो कि तुम खाने के लिए जिंदा हो।”
…Sathya Sai Baba, “The four blemishes” Discourse http://www.sssbpt.info/ssspeaks/volume14/sss14-15.pdf
“व्यक्ति जो दुखों से पीड़ित है, व्यक्ति जो दुखों में डूबा हुआ है, व्यक्ति जो मजबूर है, वही तुम्हारे वास्तविक मित्र होने चाहिए। तुमको ऐसे व्यक्तियों की मदद करनी चाहिए। इसको तुम्हें अपना मुख्य कार्य समझना चाहिए।”
…Sathya Sai Baba, “Service To Man Is Service To The Lord” Summer Showers 1973 http://www.sssbpt.info/summershowers/ss1973/ss1973-08.pdf
घोषणाएं
आगामी कार्यशालाएं*
- यूएसए: वर्चुअल AVP रिफ्रेशर** (परिवर्तित)13-14 जनवरी 2021, दो आधे दिन, (विवरण प्रतिभागियों को सूचित किया जाएगा) [email protected] पर सुसान से संपर्क करेंI
- यूएसए: वर्चुअल एवीपी वर्कशॉप ** साप्ताहिक सत्र अप्रैल-जून 2021 [email protected] पर सुसान से संपर्क करेंI
- भारत पुट्टपर्थी: वर्चुअल एवीपी कार्यशाला साप्ताहिक सत्र 9 जनवरी-7 मार्च 2021, 13-14 मार्च 2021 को पुट्टपर्थी में एक व्यावहारिक कार्यशाला के साथ समापन (विवरण प्रतिभागियों को सूचित किया जाएगा), [email protected] पर ललिता से संपर्क करें या 8500-676-092 पर टेलीफोन द्वारा मालूम करेंI
- भारत पुट्टपर्थी: एवीपी वर्कशॉप** 25-31 जुलाई 2021 को ललिता से [email protected] पर संपर्क करें या 8500-676-092 पर टेलीफोन द्वारा मालूम करेंI
- भारत पुट्टपर्थी: एवीपी वर्कशॉप** 25 नवंबर -1 दिसंबर 2021 को ललिता से [email protected] पर संपर्क करें या 8500-676-092 टेलीफोन द्वारा मालूम करेंI
- भारत पुट्टपर्थी: एसवीपी कार्यशाला** 3-7 दिसंबर 2021 को हेम से [email protected] पर संपर्क करें
* एवीपी और एसवीपी कार्यशालाएं केवल उन लोगों के लिए हैं जो प्रवेश प्रक्रिया और ई-कोर्स से गुजर चुके हैं। रिफ्रेशर सेमिनार मौजूदा चिकित्सकों के लिए हैं।
**परिवर्तन के अधीन
अतिरिक्त
1. स्वास्थ्य सुझाव
अपने खाने पकाने के तेल का सावधानीपूर्वक चयन करें“आज हर व्यक्ति संतुलित जीवन के हर पहलू का उपहास उड़ाता है इससे उसके स्वास्थ्य और जीवन शैली पर बुरा असर पड़ता है...इस बात पर विशेष ध्यान देने की अवश्यकता है कि हम जो भी आहार ग्रहण करते हैं उसमें वसा की मात्रा अधिक नहीं होनी चाहिएI अधिक वसा ना केवल भौतिक स्वास्थ्य को हानि पहुंचाने वाली होती है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाती है...अधिक मात्रा में वसा के सेवन से हृदय-संबंधी बीमारियां जन्म लेती हैं।"... Sri Sathya Sai Baba1
1.खाने पकाने के तेल की प्रकृति :
खाना पकाने का तेल वसा होता है जिसे पौधों से (मेवा, बीज, फल, जैतून, अनाज, या फलियां) एक यांत्रिक या रासायनिक प्रक्रिया के माध्यम से निकाला जाता है। यह तब शुद्ध, परिष्कृत, या रासायनिक रूप से स्वाद, बनावट और शेल्फ जीवन को बेहतर बनाने के लिए बदल दिया जाता है। वसा संतृप्त वसा, ट्रांस-वसा (हाइड्रोजनीकृत), मोनो और पॉलीअनसेचुरेटेड वसा, सामूहिक रूप से फैटी एसिड से बने होते हैं। संतृप्त और ट्रांस-वसा का हृदय रोग से संबंध होता है।ओमेगा 3 दिल के लिए अच्छा होता है, मस्तिष्क और आंखों को लाभ पहुंचाने वाला होता है। ओमेगा 6 ऊर्जा के लिए आवश्यक होता है दिल, मस्तिष्क और आंखों के लिए ओमेगा -3 और ऊर्जा के लिए ओमेगा -6 शरीर द्वारा उत्पादित आवश्यक पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड नहीं हैं। ओमेगा-9 एक स्वस्थ मोनोअनसैचुरेटेड वसा है, जो शरीर द्वारा उत्पादित किया जा सकता है।2-9
1.1 फैटी एसिड की आवश्यकता: फैटी एसिड शरीर को आवश्यक विटामिन A, D, E और K को अवशोषित करने के लिए प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने, महत्वपूर्ण हार्मोन का उत्पादन करने, सेल के विकास का समर्थन करने, अंगों की रक्षा करने, आंखों, हड्डियों, त्वचा और बालों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। शरीर को ऊर्जा प्रदान करके उसे गर्म रखते हैं। एक या दो चम्मच तेल सलाद में डालने से वह अधिक पौष्टिक हो जाता है, ऐसा अनुसंधानों की मान्यता है। अधिकतर तेलों में ह्रदय के लिए उपयुक्त व सूजन रोधी पोली और मोनो असंतृप्त वसा होते हैं, उनमें संतृप्त वसा बहुत कम होते है। हमारे दैनिक आहार में इनकी आवश्यकता मात्रा का अनुपात 1:1 या 4:1 ओमेगा-6 और ओमेगा-3 का होना चाहिए। ओमेगा-6 सभी तेलों में प्रचुर मात्रा में होता है परंतु ओमेगा-3 बहुत कम मात्रा में होता है। ओमेगा-6 की प्रचुर मात्रा से ओमेगा-3 का अवशोषण अवरुद्ध हो जाता है। अतः हमें कुछ पौष्टिक पदार्थों का सेवन करना आवश्यक हो जाता है जिनसे हमें विटामिन B6 और B7 प्राप्त हो सके और कुछ लवण जैसे कि मैग्नीशियम और जिंक जिनकी उपस्थिति से इसके अवशोषण में मदद मिलती है।7 अतः वसा को अलग से नहीं देखा जाना चाहिए, यह भी हमारे आहार का एक अंग है।2-9
1.2 तेलों का स्मोक पॉइंट: स्मोक पॉइंट (धुआँ बिंदु) वह तापमान होता है जिस पर कोई तेल धुआं देने लगता है या जलने लगता है। सभी परिष्कृत वनस्पति तेलों में 200C से 270C के बीच उच्च धुआं बिंदु होता है। अधिकतर अपरिशुद्ध तेलों का स्मोक पॉइंट कम होता है और यह कम तापक्रम पर खाना बनाने के योग्य होते हैं।9 स्मोक प्वाइंट तक पहुंचने पर सभी तेलों की सरंचना अलग हो जाती है और वह अपने पोषक तत्वों और गंध को त्याग देते हैं। वह फ्री रेडिकल्स बनाने लग जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। घर पर जिस तापक्रम पर भोजन पकाया जाता है वह बहुत कम होता है। उबलना/भांप में पकाना 100C, प्रेशर कुकिंग 120C, तलना 120C, डीप फ्राई 160-190C।10
1.3 कोल्ड-प्रेस्ड तेल फायदेमंद हैं: ठंडी विधि से छाने गए तेल प्रकृति के अनुकूल होते हैं और वे स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं, विशेषकर ऑर्गेनिक। ये तेल निकालते समय अपने प्राकृतिक गुणों का त्याग नहीं करते हैं, जहां तक हो सके इन्हें गरम नहीं करना चाहिए। ये सलाद, सॉस और स्मूदी में उपयोग में लिए जा सकते हैं। यद्यपि इनमें से कुछ का तलने में उपयोग किया जाता है।
1.4 सेवन: कोई भी तेल, जिसे स्वस्थ या अन्यथा माना जाता है, अनिवार्य रूप से वसा (9 कैलोरी/g) है। हमें कितने तेल की आवश्यकता होती है, यह लिंग, शारीरिक गतिविधियां, आयु पर निर्भर करता है। इसके अतिरिक्त यदि हम अन्य प्रकार का वसायुक्त पदार्थ सेवन करते हैं तो इसको निरंतर कम रखना चाहिए 25 से 30% कुल कैलोरी जो हम ग्रहण करते हैं। इस सीमा में संतृप्त फैटी अमल की मात्रा 10% और ट्रांस फैट की मात्रा 1% से अधिक नहीं होनी चाहिए।12
1.5 भंडारण : सभी तेल ताप के प्रति संवेदनशील होते हैं, प्रकाश व ऑक्सीजन की उपस्थिति का भी प्रभाव पड़ता है। धूप से इन में उपस्थित विटामिन E नष्ट हो जाता है। तेलों को ठंडे, सूखे और अंधकार स्थान पर रखना चाहिए इससे उनकी गुणवत्ता और स्वाद बने रहते हैं। गर्म स्थान या स्टोव के पास इन्हें नहीं रखना चाहिए। समय गुजरने के साथ ही तेलों का ऑक्सीकरण हो जाता है और उनमें फ्री रेडिकल बन जाते हैं जो कि बीमारियों के लिए जिम्मेदार होते हैं।यदि किसी तेल में अरुचिकर गंध आती है तो उसको उपयोग ना करें।3,4,5,
100 से अधिक खाना पकाने के तेल हैं।13 यह अध्ययन 23 प्रमुख तेलों को शामिल करता है जिसमें घी एकमात्र अपवाद है जो कि पौधे की उत्पत्ति का नहीं है। सलाद, स्मूदी, डिप्स, स्प्रेड आदि के लिए तेल का उपयोग कोल्ड प्रेस्ड और अनरिफाइंड ऑयल को संदर्भित करता है।
2. आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला खाना पकाने का तेल (जिनमें ओमेगा-6 प्रचुर मात्रा में होता है और जिन्हें ताप पर पकाया जाता है):
2.1 बादाम का तेल: इसमें प्रचुर मात्र में विटामिन E पाया जाता हैI यदि गर्म चम्मच में इसको निकाल कर दिया जाए तो यह आसानी से अवशोषित हो जाता है। कम ताप पर इसे खाना पकाने के लिए उपयोग में लिया जा सकता है। यद्यपि इसका उपयोग सलाद को अधिक पौष्टिकयुक्त बनाने के लिए अधिक होता है। यह तेल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखता है। कैंसर और मधुमेह से बचाव करता है। कोलोन और रेक्टम को स्वस्थ रखता है, कान के दर्द में लाभप्रद है। आंखों के नीचे काले धब्बों को दूर करता है और दाद और सोरायसिस के लिए प्राकृतिक उपचारक है।14
2.2 एवोकैडो तेल:फूल के गूदे से इसे तैयार किया जाता हैI यह खाना पकाने के लिए सबसे अच्छा तेल हैI इसका स्मोक पॉइंट अधिक होता हैI तलने के लिए, फ्राई करने के लिए, बेकिंग या ग्रिलिंग के लिए भी बहुत अच्छा है। सलाद, स्मूदीज, डिप्स के लिए यह आदर्श है। अनुसंधानों के अनुसार यह मधुमेह को नियंत्रित करने वाला, कैटरेक्ट को रोकने वाला, मैकुलर डिजनरेशन को रोकने वाला और सोरायसिस जैसे त्वचा संबंधी समस्याओं को राहत पहुंचाने वाला होता है। इसका उपयोग पाचन तंत्र की समस्याओं, न्यूरोलॉजिकल से संबंधित परेशानियां, ऑटोइम्यून समस्याओं और त्वचा संबंधी चोटों में उपचारक के रूप में काम करता है। फ्रांस में इसे दवा के रूप में काम में लिया जाता है क्योंकि यह गठिया रोग में अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुआ है।15
सावधानी: जो लोग खून को पतला करने की दवा का सेवन करते हैं उन्हें डॉक्टर से सलाह ले कर लेना चाहिए।15
2.3 बटर ऑयल (घी): एक स्वास्थ्यवर्धक वसा है जिसे मक्खन को गर्म करके प्राप्त किया जाता है, इसमें वसा में घुलनशील विटामिन अधिक मात्रा में होते हैं। घास खाने वाली गायों के दूध से बनाया गये घी में अच्छा अनुपात होता है (1.5:1) बनस्पत अन्य तेलों केI घी में पकाए गए भोजन स्वास्थ्य की दृष्टि से अधिक अच्छे होते हैं, वे जल्दी पच जाते हैं, हड्डियों को मजबूत बनाते हैं, त्वचा में निखार लाने वाले होते हैं।9,16,17
2.4 कैनोला/रेपसीड तेल: यह 2: 1 के उत्कृष्ट अनुपात के साथ जैतून के तेल की तरह मोनोअनसैचुरेटेड वसा में अधिक है, संतृप्त वसा में कम है। इसका खाना पकाने में अत्यधिक उपयोग होता है। यह सस्ता और अधिक मात्रा में उपलब्ध हो जाता है।18
चेतावनी: इसका प्रोसेसिंग अधिक होता हैI आंशिक रूप से हाइड्रोजेनेटेड होता है और अनुवांशिक रूप से संशोधित होता है।18
2.5 नारियल का तेल: यह अत्यधिक ऊष्मा प्रतिरोधी होता है; अध्ययनों से पता चला है कि 185C पर यदि इसे लगातार 8 घंटे तक भी तलने के काम में लिया जाता है तब भी इसकी गुणवत्ता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। एवोकाडो तेल की तरह, यह तलने के लिए अन्य तेलों की तुलना में बेहतर माना जाता है। यह एक असाधारण तेल है जिसके पक्ष में सबूत भी उपलब्ध है, यह स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभप्रद है। इसमें औषधीय गुण है। यद्यपि यह डर बना रहता है कि इसकी चेन में 90% संतृप्त वसा होती है लेकिन इसकी आधी वसा लोरिक अम्ल से बनी होती है जो कई प्रकार के रोगों से लड़ने की क्षमता रखती है।19 इसके लाभ और चेतावनी के लिए पहले के समाचार20 पत्र पढ़े।
2.6 मकई का तेल: अत्यधिक परिशुद्ध किया हुआ वनस्पति तेल है। यह आसानी से उपलब्ध हो जाता है तथा इसका उपयोग तलने के लिए किया जाता है, इसमें तला गया पदार्थ कुरकुरा रहता है।21
चेतावनी: इसको अत्यधिक अनुवांशिकी तौर पर संशोधित किया जाता हैI21
2.7 कॉटन सीड आयल: यह आवश्यक रूप से परिशुद्ध किया जाता हैI इसका उपयोग संसाधित खाध्य पदार्थों को पकाने और तलने में,इसकी कीमत और सुगंध के कारण किया जाता है। जलने से जो घाव हो जाते हैं उस पर यह औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है।22
चेतावनी: इसमें अत्यधिक संतृप्त वसा होती हैI22
2.8 सरसों का तेल : इसे भारत का ओलिव आयल कहा जाता हैI इसे आचार को सुरक्षित रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता हैI संतृप्त वसा में तुलनात्मक रूप से कम है, इसमें अनुकूलतम ओमेगा-3, ओमेगा-6 और ओमेगा-9 का मिश्रण होता है। इसमें विटामिन ई भी अधिक मात्रा में होता है। इसके उपयोग से इम्युनिटी बढ़ती है। नाखूनों को स्वास्थ्य बनाने, फटी एड़ियों को ठीक करने और दांतों की सुरक्षा के लिए उपयोग किया जाता है। प्रायः मालिश के लिए इसका उपयोग किया जाता है। वाष्प में इसकी दो बूंदे डाल देने से नाक खुल जाती है।23
2.9 जैतून का तेल: इसे जैतून के पेड़ के फल से बनाया जाता हैI यह सदियों से दुनिया के सबसे स्वस्थ, सबसे लंबे समय तक रहने वाले लोगों के आहार का हिस्सा है।शुद्ध ऑलिव ऑयल में सूजन प्रतिरोधी योगिक पाए जाते हैं इसके अतिरिक्त इनमें एंटी-ऑक्सीडेंट और अनेकों पोषक तत्व होते हैं। यह मस्तिष्क के स्वास्थ्य को ठीक रखता है, मूड-डिसऑर्डर और अवसाद को दूर करता है तथा स्तन कैंसर की संभावना को कम करने वाला होता है। इसको इस्तेमाल करने का सबसे अच्छा तरीका है कि तैयार सब्जी के ऊपर इसका छिड़काव किया जाए। इसको सलाद आदि पर भी उपयोग किया जा सकता है। यह ना केवल त्वचा और बालों के लिए उपयोगी है बल्कि चिकनाई को हटाने व लकड़ी पर पॉलिश करने में भी काम आता है।24-27
2.10 पाम ऑयल: यह अनेको प्रकार के व्यंजनों को बनाने के काम में आता है। औषधि के रूप में, यह जहर के प्रभाव को समाप्त करने के काम आता है। गोनोरिया के उपचार में उपयोग किया जाता है। यह प्राकृतिक दस्तावर है, मूत्रवर्धक है, सिरदर्द व त्वचा के संक्रमण को भी ठीक करता है।28
चेतावनी: अत्यधिक परिशुद्ध किया जाता है!28
2.11 मूंगफली/मूंगफली का तेल: इसको तलने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और यह जल्दी खराब नहीं होता है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट अधिक मात्रा में होते हैं और विटामिन-E भी अधिक होता हैI यह हृदय, मस्तिष्क, आंखों और रक्त शर्करा नियंत्रित करने के लिए अच्छा होता है। सामान्य रूप से सुरक्षित है।29
चेतावनी: कभी-कभी आनुवंशिक रूप से संशोधित और आंशिक रूप से हाइड्रोजनीकृत भी किया जाता हैI29
2.12. राईस ब्रान ऑयल: दक्षिण एशिया में इसका अधिक उपयोग होता है। इसमें मोनो असंतृप्त वसा अत्यधिक होता है और इससे अनेकों स्वास्थ्य लाभ होते हैं।30
2.13 कुसुम तेल: उच्च ताप पर खाना बनाने के लिए श्रेष्ठ है, जैसे कि भूनना, पकाना और तलना। यह कब्ज को दूर करता हैI31
2.14 तिल/गिंगेली तेल: सदियों से इसका उपयोग भोजन बनाने में किया जाता हैI इसका स्वाद उत्कृष्ट होता हैI इसे तलने, अचार बनाने और सलाद में प्रयोग किया जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, यह रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है तथा हृदय के लिए भी अच्छा होता है।32,33
2.15 सोयाबीन तेल: यह विटामिन K का एक अच्छा स्रोत हैI रक्त के थक्के स्वस्थ रहते हैं और इससे हड्डियां भी मजबूत होती हैं। असंतृप्त वसा के गुणों से भरपूर है।34
चेतावनीः इसमें नुकसानदायक ट्रांस-फैटी एसिड हो सकते हैंI34
2.16 सूरजमुखी तेल: कई प्रकार के सूरजमुखी के फूल उपलब्ध हैं, उनके गुण भी अलग-अलग हैं जिनके फायदे और नुकसान दोनों होते हैं। इनमें वसा के मिश्रण का अनुपात की अलग-अलग होता है। मध्य-ओलिक और उच्च ओलिक स्वास्थ्यवर्धक होते हैं और कम ताप पर खाना पकाने के लिए उपयुक्त होते हैंI35
चेतावनीः उच्च तापमान पर विषाक्त यौगिक जारी कर सकते हैं, अतः इसको तलने के लिए अच्छा नहीं माना जाता है यद्यपि इसका स्मोक पॉइंट उच्च होता हैI35
2.17 वनस्पति तेल मिश्रण: चूंकि कोई भी तेल पूर्णरूप से लाभदायक नहीं है, अतः अनुसन्धान के अनुसार फैटी एसिड के अनुपात एवं समग्र सूक्ष्म पोषक तत्व प्राप्त करने के लिए, निश्चित मात्रा में मिला कर बनाये गये तेलों को एक अच्छा विकल्प माना गया हैI36
चेतावनीः बहुत से तेल अत्यधिक शुद्ध किये जाते हैं और आसानी से ओक्सिकृत हो सकते हैंI36
3. वे तेल जिनमें ओमेगा-3 अधिक मात्रा में होता है(अनुपात के क्रम में सूचीबद्ध) खाना पकाने के लिए उपयुक्त नहीं है: केवल सलाद, मसाला, स्मूदी, ठंडे सूप, शेक, दही, दलिया, आदि पर ऊपर से डालने के लिए उपयुक्त है, पूर्व के समाचार पत्र भी पढ़ेI8
3.1 अलसी/अलसी (लिंसीड) का तेल (1: 4 अनुपात): प्रकृति का सबसे अधिक अच्छा ओमेगा-3 का स्त्रोत है,तेल में लगभग 50% से 60% तक होता हैI मस्तिष्क और हृदय को स्वस्थ रखता है, डीटॉक्सिफाई करता है और कब्ज को दूर करने वाला, डायरिया में भी लाभप्रद है। सेल्यूलाइट को बनाने और उसको दूर करने वाला होता है (अधिकतर यह जांघों और कूल्हों पर जमा हो जाता है) और शोग्रेन सिंड्रोम के उपचार में उपयुक्त होता है (यह रोग इम्यून सिस्टम की गडबडी से होता है इसमें मुह और आँखें सूख जाती हैं)37 (पेरीला सीड तेल 8,38 में 65% ओमेगा-3 होता है परन्तु इसका नुकसान यह है कि यह एंटी कोगुलैन्ट होता है तथा इसमें पलमोनरी टाक्सीसिटी होती है)I
चेतावनीः (फ्लेक्स ऑयल) गर्भवती महिलाएं, मधुमेह से पीड़ित और जो रक्त को पतला करने की औषधि लेते हैं, उन्हें डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिएI37
3.2 चिया सीड ऑयल (1: 3 अनुपात): इसमें ओमेगा-3 अधिक होने के कारण इसको ऑलिव ऑयल के साथ मिलाकर उपयोग करने से अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं।39
3.3 हेम्पसीड आयल (2:5:1)Hempseed oil (2.5:1 ratio): इसमें काफी मात्रा में एन्टी-ऑक्सीडेंट, खनिज पदार्थ और क्लोरोफिल पाये जाते हैंI40,41
3.4 अखरोट का तेल (5: 1 अनुपात):3.4 Walnut oil (5:1 ratio):यह मस्तिष्क और रक्त-शर्करा के नियंत्रण के लिए बहुत अच्छा है I42
3.5 गेहूं के बीज का तेल/विटामिन ई तेल (7: 1 अनुपात): बस एक चम्मच विटामिन ई को लेने से दिन भर की आवश्यकता पूरी हो जाती है, इसके निरंतर उपयोग से धब्बे दूर हो जाते हैं।43
3.6 कद्दू के बीज/पेपिटा तेल जिसमे ओमेगा -3 कम मात्रा में होता है: इसको अच्छे स्वास्थ्य के मूक चैंपियन के रूप में जाना जाता है। बालों के झड़ने से रोकता है, रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम करता है, ब्लैडर की सक्रियता को कम करता है, हृदय के स्वास्थ्य की रक्षा करता है। प्रोस्टेट और कैंसर के मरीजों के लिए लाभदायक है। कैंसर से बचाव भी करता है।44
नोट: मछली के तेल का उपयोग एक पूरक के रूप में होता है, इसमें ओमेगा-3 का अनुपात सबसे अधिक है और और यह इसका अच्छा स्त्रोत होता है।9
4. याद रखने के बिंदु Points to remember
★ खरीदते समय सावधानी: बाजार में जो तेल मिलते हैं वह अत्यधिक शुद्ध किए हुए तेलों के मिश्रण होते हैं जिनमें वनस्पति तेलों के गुण नष्ट हो जाते हैं। कुछ का हाइड्रोजेनेशन किया जाता है जिससे कि उसकी गंध बढ़ जाए और जीवन-अवधि बढ़ जाए लेकिन इससे उनमें ट्रांस फैट की मात्रा बढ़ जाती है जिससे रक्त शर्करा बढ़ जाती है तथा हृदयाघात का खतरा भी बढ़ जाता है। तेल को सदैव गहरे रंग की बोतल में खरीदना चाहिए।2,4,24
★ अपने आम खाना पकाने के तेल को बदलते रहें और ओमेगा-3 समृद्ध तेलों और आहार को पूरक के रूप में उपयोग करें।3,4
★ जब बाहरी रूप से उपयोग करना हो तो किसी भी संभावित एलर्जी से बचने के लिए त्वचा के छोटे हिस्से पर स्वयं एक परिक्षण कर लेना अच्छा होगा, हालांकि लगभग सभी तेल त्वचा और बालों के लिए अच्छे हैं। नारियल, तिल या जैतून के तेल को मुँह अथवा दांतों में घुमाने से दंत स्वास्थ्य में लाभ होता हैं।45
★ तेल की खपत कम करें: कम तेल का उपयोग करें और एक स्प्रे बोतल में तेल और पानी की बराबर मात्रा मिलाकर घर में बने कुकिंग स्प्रे का उपयोग करके पैन को चिपचिपाहट से मुक्त रखें।46
★ नालियों को बंद होने से बचाएं : जिस बर्तन में खाना पकाया गया हो पहले उस बर्तन में से तेल को साफ कर लें, बचे हुए तेल को नाली में न फेंकेI47
References and Links:
- Sathya Sai Baba Speaks on Food, the heart, and the mind, 21 January 1994; http://www.sssbpt.info/ssspeaks/volume27/sss27-03.pdf
- Know about oils: https://draxe.com/nutrition/vegetable-oil/; https://draxe.com/nutrition/omega-3-foods/
- Nature of oils, storing, & nutrition: https://www.nutrition.org.uk/attachments/113_Culinary%20oils%20and%20their%20health%20effects.pdf
- Composition of fats & whole diet: https://health.clevelandcliniuc.org/how-to-choose-and-use-healthy-cooking-oils/
- Moderate fat essential: https://www.heart.org/en/healthy-living/healthy-eating/eat-smart/fats/dietary-fats
- Oil makes veg nutritious: https://sciencedaily.com/releases/2017/10/171009124026.htm
- Guide to Omega fats 3, 6, & 9: https://www.healthline.com/nutrition/omega-3-6-9-overview; https://healthline.com/nutrition/3-types-of-omega-3#TOC_HDR_6
- Sources of Omega-3: https://www.theplantway.com/plant-based-omega-3/; https://draxe.com/nutrition/vegan-omega-3/; https://news.vibrionics.org/en/articles/164
- Fatty acid ratio of oils: https://en.wikipedia.org/wiki/Fatty_acid_ratio_in_food
- Cooking temp. & Smoke points of oils: https://www.exploratorium.edu/food/pressure-cooking; https://en.wikipedia.org/wiki/Pressure_cooking; https://en.wikipedia.org/wiki/Deep_frying; https://en.wikipedia.org/wiki/Smoke_point;
- Benefit from cold-pressed oils: https://food.ndtv.com/food-drinks/guide-to-cold-pressed-oils-would-you-replace-them-with-cooking-oils-1772859; https://www.netmeds.com/health-library/post/go-for-cold-pressed-oils-for-amazing-health-benefits
- How much fat intake is good!: https://www.who.int/news-room/fact-sheets/detail/healthy-diet
- Edible oils list: https://en.wikipedia.org/wiki/list_of_vegetable_oils
- Almond oil: https://draxe.com/nutrition/almond-oil/; https://healthline.com/nutrition/almond-oil
- Avocado oil: https://draxe.com/nutrition/avocado-oil/; https://www.healthline.com/nutrition/9-avocado-oil-benefits
- Butter oil (Ghee): https://draxe.com/nutrition/ghee-benefits/; https://www.ecpi.edu/blog/culinary-nutrition-9-health-benefits-ghee
- Nutritious butter oil from grass-fed cow milk: https://www.healthline.com/nutrition/grass-fed-butter#TOC_TITLE_HDR_2
- Canola oil : https://www.hsph.harvard.edu/nutritionsource/2015/04/13/ask-the-expert-concerns-about-canola-oil/; https://draxe.com/nutrition/canola-oil-gm/; https://www.healthline.com/nutrition/is-canola-oil-healthy; https://www.healthline.com/nutrition/rapeseed-oil#benefits
- Coconut oil: https://healthline.com/nutrition/healthiest-oil-for-deep-frying#coconut-oil
- Coconut oil article ref: https://news.vibrionics.org/en/articles/239; https://news.vibrionics.org/en/articles/92
- Corn oil: https://www.healthline.com/nutrition/corn-oil; https://www.organicfacts.net/health-benefits/oils/corn-oil.html
- Cottonseed oil: https://www.healthline.com/health/cottonseed-oil; https://draxe.com/nutrition/cottonseed-oil/; https://www.organicfacts.net/health-benefits/oils/cottonseed-oil.html
- Mustard Oil: https://www.healthline.com/nutrition/mustard-oil-benefits; https://draxe.com/nutrition/mustard-oil/; https://food.ndtv.com/health/8-incredible-mustard-oil-benefits-that-make-it-so-popular-1631993; https://timesofindia.indiatimes.com/15-amazing-facts-and-uses-of-mustard-oil/articleshow/55067780.cms
- Olive oil : https://draxe.com/nutrition/olive-oil-benefits/; https://www.healthline.com/nutrition/11-proven-benefits-of-olive-oil#TOC_TITLE_HDR_2
- Many benefits of olive oil: https://food.ndtv.com/food-drinks/olive-oil-amazing-benefits-of-olive-oil-for-health-hair-skin-its-wonderful-uses-1736506
- How to nourish the body with olive oil: https://www.oliveoilsfromspain.org/olive-oil-news/olive-oil-benefits/
- Stability of olive oil: https://www.healthline.com/nutrition/is-olive-oil-good-for-cooking
- Palm oil: https://www.healthline.com/nutrition/palm-oil; https://draxe.com/nutrition/red-palm-oil/
- Peanut oil Benefits and caution: https://draxe.com/nutrition/peanut-oil/; https://www.healthline.com/nutrition/is-peanut-oil-healthy
- Rice bran oil: https://www.healthline.com/nutrition/rice-bran-oil; https://draxe.com/nutrition/rice-bran-oil-versatile-healthy-fat-or-inflammatory-cooking-oil/
- Safflower oil: https://draxe.com/nutrition/safflower-oil/; https://www.healthline.com/health/safflower-oil-healthy-cooking-oil; https://www.medindia.net/dietandnutrition/11-health-benefits-of-safflower-oil.htm
- Benefits of sesame oil: https://draxe.co(m/nutrition/sesame-oil/; https://food.ndtv.com/food-drinks/7-sesame-oil-benefits-an-antioxidant-natural-spf-stress-buster-more-1237049
- Toasted sesame oil Vs. sesame oil: https://healthyeating.sfgate.com/toasted-sesame-oil-vs-sesame-oil-11158.html
- Soybean oil: https://www.healthline.com/health/soybean-oil; https://draxe.com/nutrition/soybean-oil/
- Sunflower oil: https://draxe.com/nutrition/sunflower-oil/; https://www.healthline.com/nutrition/is-sunflower-oil-healthy
- Vegetable oil (Blends): https://draxe.com/nutrition/vegetable-oil/; https://easyfitnessidea.com/benefits-of-blended-oils/
- Flaxseed/linseed oil: https://draxe.com/nutrition/flaxseed-oil-benefits/; https://www.healthline.com/nutrition/flaxseed-oil-benefits
- Perilla oil: https://www.healthline.com/health/food-nutrition/healthy-cooking-oil-perilla-oil
- Chia: https://www.healthline.com/nutrition/chia-seed-oil; https://todaysdietitian.com/newarchives/images/0215-2.pdf
- Hempseed oil: https://draxe.com/nutrition/hemp-oil-benefits-uses/; https://www.medicalnewstoday.com/articles/324450
- How to use hemp oil for skin: https://www.healthline.com/health/hemp-oil-for-skin#uses
- Walnut oil: https://www.healthline.com/nutrition/walnut-oil; https://draxe.com/nutrition/healthy-cooking-oils/
- Wheat germ oil: https://draxe.com/nutrition/wheat-germ/; https://food.ndtv.com/food-drinks/6-incredible-benefits-of-wheat-germ-oil-1638519; https://www.verywellfit.com/wheat-germ-oil-nutrition-facts-4165648
- Pumpkin seed oil: https://www.verywellhealth.com/pumpkin-seed-oil-health-benefits-4686960; https://www.healthline.com/health/pumpkin-seed-oil#1; https://draxe.com/nutrition/pumpkin-seed-oil/
- Oil Pulling for dental & general health: https://draxe.com/beauty/oil-pulling-coconut-oil/
- Spray oil: https://www.onegoodthingbyjillee.com/homemade-cooking-spray/
- Prevent clogging of drains: https://333help.com/blog/clean-clear-maintain-drain-5-easy-steps/; https://dummies.com/home-garden/plumbing/clogs/how-to-prevent-clogs-in-your-drai
2. प्रेरक उपाख्यान
a. तीर्थयात्रा संजीवनी11529…भारत
जुलाई 2019 में 170 तीर्थयात्री जिनकी आयु 15-65 वर्ष के बीच में थी काठमांडू नेपाल में एकत्रित हुए, हिमालय पर चढ़ाई करने के लिए। उनका उद्देश्य था कि वे मानसरोवर झील और कैलाश पर्वत पर जाएं। डायमॉक्स, एक एलोपैथिक औषधि है जो ऊंचाई पर जाने से होने वाली बीमारी और दस्त के लिए एक सुरक्षित औषधि है जो इन लक्षणों के आधार पर सेवन की जाती है। इस यात्रा में चिकित्सक के परिवार के व्यक्ति भी थे परंतु चिकित्सक स्वयं नहीं थी। वे सभी व्यक्ति दस्त की शिकायत से परेशान हो गए थे। उस समूह के यात्री डायमॉक्स का सेवन नहीं करना चाहते थे क्योंकि उसके दुष्प्रभाव सभी लोग जानते थे। वर्ष 2012 में चिकित्सक स्वयं ही तीर्थ यात्रा पर गई थी अतः उसे मालूम था कि यात्रियों को किस औषधि की आवश्यकता पड़ सकती है। अतः उसने निम्न रेमेडी बनाकर उनके साथ रख दी थी।
CC3.7 Circulation + CC4.1 Digestion tonic + CC4.6 Diarrhoea + CC4.10 Indigestion + CC9.2 Infections acute + CC12.1 Adult tonic + CC15.1 Mental & Emotional tonic + CC17.1 Travel sickness + CC20.3 Arthritis + CC20.4 Muscles & Supportive tissue + CC20.5 Spine...TDS से 6TD जैसे भी आवश्यकता हो व्यक्तिगत तौर परI
इस औषधि ने 75 सदस्यों के समूह पर पूर्ण रूप से प्रभाव डाला इनमें चार एलोपैथिक डॉक्टर्स भी थे जिन्होंने वाइब्रॉनिक्स औषधि का सेवन करने की इच्छा जताई थी। उन्होंने पूरी यात्रा बिना किसी परेशानी के पूरी की। अन्य लोग जिन्होंने वाइब्रो औषधि की अपेक्षा डायमॉक्स का सेवन करना अधिक उचित समझा था वह सभी उल्टी, दस्त, सर्दी-जुकाम और सांस लेने में तकलीफ से रूबरू होते रहे। वापस आने पर यात्रियों ने चिकित्सक के प्रति आभार जतायाI
b. एक बुजुर्ग बिल्ली का कायाकल्प 00660…USA
सिंबा एक 20-वर्षीय प्यारी विनम्र मूल की मर्मलेड बिल्ली है। जो कि एक जंगली खलिहान बिल्ली से पैदा हुई थी और वर्ष 1999 में कचरे में से एक दयालु मानव "माँ" को मिली जब यह छोटी सी थी, उसका पालन-पोषण बहुत ही प्यार और दुलार के साथ किया गया था और अब वह उम्र दराज हो गई थी। सिंबा अगस्त 2019 में बीमार हो गई। उसकी भूख कम हो गई थी, वजन कम हो गया था, उसके बाल झड़ गए थे, वह अंदर ही रहती थी। बाहर जाने में उसे अच्छा नहीं लगता था। डॉक्टर ने बतलाया कि उसकी किडनी फेल हो गई है। यह एक ऐसा रोग है जिसका कोई उपचार नहीं है। हमारी सभी आशाएं धूमिल हो गई थी। एक्यूपंक्चर को भी आजमाया परंतु कोई लाभ नहीं हुआ। सिंबा के शरीर में पानी की कमी ना हो पाए इसके लिए उसको पोटेशियम और सलाइन के प्रतिदिन 8 इंजेक्शन, उसकी गर्दन के पीछे, लगाए जाते थेI उसकी सेवा सही ढंग से हो इसके लिए सिंबा की मां ने खुद ही चिकित्सक से मिलने का निर्णय ले लिया। इस हेतु चिकित्सक ने पेंडुलम के माध्यम से स्वामी से पूछा और स्वामी ने सहर्ष उसको सहमति प्रदान कर दी। फिर उसने 18 जनवरी 2020 को निम्न रेमेडी तैयार की: NM2 Blood + NM7 CB7 + NM59 Pain + NM75 Debility + NM86 Immunity + OM5 Circulation + BR11 Kidney + SM2 Divine Protection + SR325 Rescue…6TD पानी में और आईड्रापर की मदद से यह औषधि उसके मुंह में डाल दी जाती थी।
सिम्बा को औषधि लेने के तुरंत बाद ही भूख लगने लगी और उसके स्वास्थ्य में निरंतर सुधार होने के कारण, एक सप्ताह के पश्चात् खुराक को TDS कर दिया गया। 10 दिन के उपचार के बाद, सिंबा पीछे के बरामदे में घूमने लगी थी। 1 माह के उपचार के बाद, वह बूढी बिल्ली अपने सामान्य वजन की हो गई थी। उसको जो इंजेक्शन दिए जाते थे उनको भी कम करके सप्ताह में केवल 2 बार दिया जाने लगा था। उसके बाल झड़ना बंद हो गए थे, वह अब मुलायम और चमकीले हो गए थे। उसका पुरानी जवानी का रूप फिर से आ गया था। वह अक्सर पीछे धूप में टहलने के लिए जाने लगी थी चिड़ियों और गिलहरी की चहचाहट के मध्य। वह अपनी मां के पीछे-पीछे घर में घूमती रहती थी और संतुष्टिपूर्वक घुरघुराती थी और रात को उसके साथ लिपटकर सो जाती थी। अगस्त के अंत तक, खुराक को कम करके OD कर दिया गया था और वह उसी खुराक पर दिसम्बर 2020 तक चल रही थी।
हाल ही में डॉक्टर के पास जाने पर, सिंबा को देखकर वह आश्चर्यचकित हो गये उसके साथ ही उसके स्टाफ वाले भी चकित थे। सिंबा की मां और चिकित्सक दोनों ही जानते थे कि इस उल्लेखनीय आरोग्य लाभ के पीछे किसका हाथ है। सिंबा की मालकिन पूरी इमानदारी से बताती हैं कि “मैं बाबा के प्रति बहुत धन्यवाद ज्ञापित करती हूं कि उन्होंने उपचार की इतनी सरल विधि हम सबको विशेषकर सभी चार-पैर वाले और पंख वाले प्राणियों के लिये उपलब्ध है।”
3. रेलवे स्टेशन पुट्टपर्थी में स्वास्थ्य शिविर 21-23 नवंबर 2020 तक
संख्यात्मकता से गुणात्मकता का परिवर्तन
वर्ष 2009 से प्रशांति निलयम रेलवे स्टेशन, वाईब्रिओनिक्स उपचार का सुव्यवस्थित केंद्र बन गया है। 21-23 नवंबर तक स्वामी का जन्मदिन मनाने के लिए आने वाले भक्तों के लिए यह शिविर आयोजित किया जाता है। सामान्यतया वहां एक एलोपैथिक कैंप का भी आयोजन किया जाता है। लेकिन इस महामारी के दौर में वहां केवल साईं वाईब्रिओनिक्स शिविर ही आयोजित हुआ था क्योंकि जहां पहले हजारों भक्त आते थे वहां अब केवल सो भक्त ही आए थे। चिकित्सक युगल02444 & 01228 ने वहां दो दिनों तक लगभग 500 बोतल रेमेडी की बांटी।
कोविड की रोकथाम के लिए स्वामी के संरक्षण और उनके IB पर भरोसा करते हुए, इस युगल ने जरा भी हिचकिचाहट प्रदर्शित नहीं की और भाग लेने वाले सभी लोगों को अपनी अनुभवी सेवा प्रदान की। भक्तों की संख्या कम होने के कारण वे व्यक्तिगत रूप से अधिक ध्यान दे पाए। जिनको जीर्ण समस्याएं थी उनको इस उपचार के बारे में अधिक जानकारी दे सके। 368 रोगियों और उनके परिवारजनों के लिए औषधि प्रदान की गई। अधिक समय तक उपचार करते रहने के लिए अतिरिक्त औषधि भी उपलब्ध कराई गई। कुछ भक्तों को चोटों के लिए भी उपचार दिया गया। मास्क लगाए रहने व आपस में दूरी बनाए रखने के लिए भी निर्देश दिएI
4. श्रद्धांजलियां
बड़े दुख के साथ मैं यह समाचार दे रहा हूँ कि हमारे दो समर्पित चिकित्सक नवंबर माह में, श्री दुधाराम एन समर्थ10330 आयु 76 वर्ष, पूर्व डीपी गढ़चिरौली महाराष्ट्र, स्वामी के चरणों में लीन हो गए। सदैव मुस्कुराते रहने वाले प्रेरणादायक, सक्रिय और ईमानदार नेता थे। श्री शिवदासन एम जी11238 आयु 66 वर्ष, एर्नाकुलम केरल में SSSSO के डिस्ट्रिक्ट इंचार्ज थे। वह SSSVIP कार्यक्रम के तहत वाईब्रिओनिक्स कैंप आयोजित करने के लिए समन्वयक थे। दोनों ही अंतिम समय तक वाईब्रिओनिक्स की सेवा करते रहे। वाईब्रिओनिक्स परिवार उनकी सेवाओं के लिए उन्हें सदैव याद करता रहेगा।