साई व्हाइब्रियोनिक्स पत्रिका

" जब आप किसी हतोत्साहित, निराष या रोग ग्रस्त व्यक्ति को देखते हो, वहीं आपका सेवा क्षेत्र है " Sri Sathya Sai Baba
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ADHDऔर ऑटिज्म 03518...Canada


3 जनवरी 2020 को, एक 5-वर्षीय लड़की की माँ ने अपनी बेटी के लिए अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिव डिसऑर्डर (ADHD) के निदान के लिए चिकित्सक से सम्पर्क कियाI उस बच्ची को बोलने में भी परेशानी थीI वह अतिसक्रिय थी, लगातार इधर-उधर भाग रही थी और मना करने पर चिढचिढ़ी हो जाती थीI दिन भर, वह चारों ओर घूमती या पत्थरबाजी करती या ऊपर-नीचे होती रहती थी। वह बात करने के लिए आवाज़ें निकालती थी लेकिन सरल शब्दों को भी ठीक से बोल नहीं पाती थी। उसे हर समय 24/7 डायपर पहनाना पड़ता था। माता-पिता के लिए बच्चे का संभालना बहुत ही मुश्किल था और वह उसे सामाजिक समारोहों में नहीं ले जाता थे।

उसका पेट फूला सा रहता था क्योंकि उसकी पाचन क्रिया ठीक नहीं थी जिसके कारण उसे कभी कब्ज़ हो जाती थी और कभी दस्त होने लगते थेI वह हर शाम को अपना पेट पकड़ कर दर्द से रोती थी। उसे ठीक से नींद भी नहीं आती थी। तीन साल पहले, एक प्राकृतिक चिकित्सक ने नींद और पाचन एंजाइमों के लिए मेलाटोनिन दिया जिससे कुछ राहत मिली और और अभी भी लगातार ले रहीं हैं।उसे कोई भी एलोपैथिक दवाएं नहीं दी गईं। वह एक विशेष आवश्यक कार्यक्रम के अंतर्गत स्पीच थैरेपी ले रही है। 1 से 10 के पैमाने पर, उसकी सक्रियता और व्यवहार की रेटिंग 8 थी जो अत्याधिक थी।

चिकित्सक ने बच्चे के साथ 21 बार ओम के दैनिक जप करने की सलाह दी और लगातार घर में गायत्री मंत्र को भी बजाते रहने के लिए कहा और निम्न औषधि दी:

CC12.2 Child tonic + CC15.5 ADD & Autism...TDS

मां ने उपचार शुरू करने के लिए एक शुभ दिन 26 फरवरी 2020 को चुना। इस समय तक उसके चक्कर लगाने में 20% तक की कमी हो गई थी। उसकी मां का यह कहना था कि प्रतिदिन ओंकार और गायत्री मंत्र के कारण ही ऐसा हुआ है। एक सप्ताह में ही उस बच्ची को भोजन के बाद दुर्गंधयुक्त दस्त आने लगे लेकिन दर्द की ओर से कोई शिकायत नहीं थी। अब वह बिस्तर पर इधर-उधर लुड़कने लगी थी। यह एक नया व्यवहार था। चिकित्सक ने अनुमान लगाया कि यह पुल-आउट के कारण हो सकता है परंतु औषधि की खुराक में कोई परिवर्तन नहीं किया गया। नींद की समस्या अभी बनी हुई थी।

अप्रैल के अंत तक उसके व्यवहार और अति सक्रियता में परिवर्तन हुआ अब स्केल पर उसका नंबर 6 हो गया था। जो भी निर्देश दिए जाते थे उन्हें ध्यान से सुनती थी। सामान्य तौर पर खाने लगी थी। एक और माह बाद, बिस्तर पर लुढ़कना, ऊपर चढ़ना, चक्कर काटना यह सभी आदतें बंद हो गई थी। पेट की गड़बड़ी ठीक हो गई थी। अब वह साढ़े 7 घंटे की नींद भी लेने लगी थी। पहली बार वह अन्य बच्चों के साथ खेलने लगी थी। वह खुद खेल शुरू करती थी। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। उसने बाइसिकल चलाने और पेंटिंग में रुचि दिखाई। रंगों का चुनाव वह स्वयं करने लगी थी। उसके अभिभावक इस परिवर्तन से बहुत खुश थे और अब वह उसे शौचालय जाने की आदत डालने का प्रयास कर रहे थे।
जून के अंत तक उनका प्रयास सफल रहा था, वह शौचालय में जाने लगी थी और दिन भर डायपर पहने रहने की परेशानी से मुक्ति मिल गई थी। इस बात से थैरेपिस्ट भी बहुत प्रसन्न था क्योंकि बच्चे के विकास में शौचालय जाने की ट्रेनिंग बहुत महत्व रखती है।

सितंबर माह से वह स्कूल जाने लगी थी। वहां उसका व्यवहार बहुत अच्छा था। अपने आप ही शौचालय जाने लगी थी। उसकी मां ने चिकित्सक को बतलाया कि सक्रियता का स्तर अब 3 हो गया है। 2 दिसंबर 2020 तक, उस उम्र के बच्चों के सक्रियता स्तर पर वह आ गई थी। वह क्लास में ध्यान पूर्वक पढ़ाई करती है यहां तक की ऑनलाइन क्लास पर भी वह पूरा ध्यान देने लगी है। वह औषधि उसी खुराक के साथ नियमित रूप से ले रही है।

माँ का प्रशंसा पत्र:

अप्रैल 2017 में हमारी बच्ची का सामाजिक संचार विकार के रूप में निदान किया गया थाI उस समय उसकी आयु मात्र 2 वर्ष की थी। वह प्रत्येक सप्ताह, स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजी (SLP) और ऑक्यूपेशनल थेरेपी (OT) में 2 घंटे बिताती थी। इसके अतिरिक्त वह पाचन तंत्र और नींद के लिए नेचरोपैथ का उपचार ले रही थी। फरवरी के अंत में उसने साईं वाईब्रिओनिक्स का उपचार शुरू किया था। हमने उसके विकास करते हुए स्थिति को भली-भांति देखा है और उसके विकास से संतुष्ट हैंI हमने उसे शौचालय का उपयोग करने का तरीका बताया जिसको उसने बहुत जल्दी सीख लिया। मई 2020 से, अब वह स्वयं ही शौचालय जाती हैं। डायपर से मुक्ति मिल गई है। वह ग्रेड वन में पढ़ती है। ऑनलाइन क्लास में बड़ी तन्मयता से बैठती है तथा पूरा होमवर्क कर लेती है। वह अपनी कक्षा की छात्राओं और अन्य व्यक्तियों से भली भांति व्यवहार करती है। उसके थेरेपिस्ट उसके विकास से बहुत प्रसन्न है। दिसंबर में हम परिवार सहित क्रिसमस मनाने गए थे। रात्रि की 12 घंटों की यात्रा में मेरी बच्ची ने बिल्कुल भी परेशान नहीं किया था। बच्ची के विकास से हम लोग अत्यधिक उत्साहित हैं और उसको हम वाइब्रॉनिक्स औषधि देते रहेंगे। हमें आशा है कि वह इसी प्रकार निरंतर विकास करती रहेगी।