डॉ. जीत के अग्रवाल की कलम से
Vol 11 अंक 6
नवम्बर /दिसम्बर 2020
प्रिय चिकित्सको,
इस समाचार के साथ मैं आपका दो महत्वपूर्ण बातों की ओर ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ जो हमारे लिए मील का पत्थर है। पहला महत्वपूर्ण समाचार यह है कि हमारे प्रिय स्वामी का 95 जन्म दिवस आने वाला है। दूसरा महत्वपूर्ण समाचार वाइब्रिओनिक से संबंधित है। हम पुट्टपर्थी में साईं वाईब्रिओनिक अनुसंधान केंद्र, प्रशिक्षण केंद्र और कल्याणकारी योजनाओं के लिए केंद्र स्थापित करने जा रहे हैं। इसका कार्य शुरू किया जा चुका है लेकिन कोविड-19 अवरोध के कारण यह कार्य 10 माह पीछे चला गया है। स्वामी कहते हैं कि “जो कुछ भी होता है तुम्हारे भले के लिए होता है” ...SSS vol XVII chapter 15. हम यह महसूस करते हैं कि इस देरी ने हमें एक अवसर दिया है कि हम केंद्र के निर्माण संबंधी बातों पर अधिक ध्यान दे सकें जिससे कि केंद्र अनुकूलित आवश्यकताओं के अनुसार पूर्ण सुसज्जित हो सके। हमने पिछले कुछ माह में चिकित्सकों का प्रशिक्षण वर्चुअल माध्यम से किया है। और इस कार्य को भविष्य में करते रहना चाहते हैं। इससे हमें प्रशिक्षण के लिए अधिक स्थान की आवश्यकता नहीं रहेगी।
हम यह आशा करते हैं कि हमारा यह केंद्र 2 वर्ष के अंतराल में पूर्ण रूप से निर्मित हो जाएगा। यह केंद्र ना केवल चिकित्सकों को सुविधाएं उपलब्ध कराएगा बल्कि वाइब्रिओनिक की उन्नति के लिए एवं संगठनात्मक कार्यों के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा - आईटी प्रकाशन, प्रशिक्षण, और रोगियों के उपचार के लिए इसका उपयोग हो सकेगा। मेरे विचार अनुसार इसका संचालन उपचार ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा और यह ट्रस्ट नेतृत्व टीम की अनुशंसा के अनुसार कार्य करेगा। यह टीम केंद्र के निर्माण संबंधी कार्यों का देखरेख कर रही है। मेरी जिम्मेदारियों को प्रतिबंध टीम को सौंपने की गतिविधि में, केंद्र की स्थापना, मेरा पहला कदम हैI मैं स्वामी के प्रति अत्यंत आभारी हूं कि उन्होंने मुझे शक्ति और अवसर प्रदान किया कि मैं वाईब्रिओनिक्स का उत्थान कर सकूं। इतना ही नहीं मुझे उन्होंने प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं की उपलब्धि भी करवा दी जिससे कि मैं आगे कार्य कर सकूं। यह कार्यकर्ता सभी क्षेत्रों के और सभी आयु वर्ग के हैं, जिनमे कुछ सेवानिवृत्त लोग हैं, कुछ इंजीनियर हैं तो कुछ शिक्षक अधिकारी है। यह सब 30 वर्ष की आयु से लेकर 87 वर्ष तक की आयु के प्रतिबद्ध कार्यकर्ता है!
दस महीने से, कोविड-19 महामारी का हमारे मन पर बहुत प्रभाव पड़ा है। पूरे संसार में जिसने हाहाकार मचा दिया है। इसका मुख्य कारण है कि इसके कोई लक्षण प्रकट नहीं होते हैं और इसका रूप निरंतर बदलता रहता है। मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि हमें सुरक्षा उपायों में ढील नहीं देनी है और ना ही उन रोगियों को निराश करना चाहिए जो हमारे पास सहायता के लिए आते हैं। मुझे लगता है कि सभी चिकित्सक इस संबंध में नियमित सूचनाएं भेज रहे हैं। अधिकांश लोगों ने जिन्होंने इम्यूनिटी बूस्टर का सेवन किया है इस प्रकोप की चपेट में नहीं आये है और यदि आए भी हैं तो जल्दी स्वस्थ हो गए हैं। अकेले भारत में ही इस औषधि की मांग बहुत बढ़ गई थी। पिछले दो माह में ही इम्यूनिटी बूस्टर की मांग 180,000 हो गई थी। वे लोग इस औषधि का सेवन अगस्त माह से ही लगातार कर रहे हैं। हमारे चिकित्सकों ने 54,000 नए लोगों को इम्यूनिटी बूस्टर का वितरण किया है।
एक अन्य महत्वपूर्ण सूचना है कि हमारी एक और वेबसाइट शुरू हुई है, (https://www.vibrionics.org) इस वर्ष गुरु पूर्णिमा के अवसर पर। इस वेबसाइट को 4 माह में 4000 से अधिक लोगों ने देखा है। उपचार कराने के लिए पूछताछ करने वाले लोगों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। हमने एक और नई श्रंखला शुरू की है वेबसाइट फेज़ दो जिसमें श्रेणीबद्ध तरीके से केस हिस्ट्रीज़ को व्यवस्थित किया गया है। उसमें मन्त्र, यूजर फ्रेंडली मेन्यू और नए सिरे से आर्टिकल सेक्शन को भी शामिल किया गया हैI हमने अपने नए वेब पेज (https://news.vibrionics.org) में सुधार भी किए हैं जिससे कि हमारे समाचार पत्रों का “pdfs” वर्जन डाउनलोड किया जा सकता है। इसको देखने के लिए इस पृष्ठ को किसी भी भाषा में खोज बार में "pdfs" दर्ज करके पहुँचा जा सकता है। मराठी भाषा को भी वेबसाइट से जोड़ा गया है। तमिल भाषी चिकित्सकों के लिए एक और खुशखबरी है कि AVP मैन्युअल का तमिल भाषा में अनुवाद चिकित्सक 11579 & 11580 द्वारा किया गया है और इसे 23 नवंबर 2020 को स्वामी के चरण कमलों में समर्पित किया जाएगाI
मैं सभी चिकित्सकों से आग्रह करता हूं कि वह अपने स्वास्थ्य, आध्यात्मिक और रोगियों के प्रशंसा पत्रों (ऑडियो वीडियो और हस्तलिखित) को नियमित रूप से भेजते रहे। प्रारंभिक चिकित्सकों के लिए एक वीडियो प्रशंसा पत्र चिकित्सक 11601 द्वारा डाला गया है वेबसाइट पर, इसको अवश्य देखें। ऐसे सभी योगदान भी जिसमें वेबसाइट के संबंध में प्रश्न या सुझाव हो तो सीधे ही [email protected] पर भेजें जिससे कि उनका उत्तर तुरंत ही दिया जा सके।
अंत में, मैं तुम्हें स्वामी का प्रसन्नता से रहने का संदेश भेज रहा हूँ। उनका कहना है कि “तुम जो कुछ भी करते हो उसे पूर्ण श्रद्धा (समर्पण) के साथ करो”I प्रसन्नता इस बात में नहीं है कि आप जो पसंद करते हैं, वैसा नहीं कर रहे हैं, लेकिन जो भी आप करते हैं उसे पसंद करते हैं।” कोई कार्य जो प्रेम सहित किया जाता है और जिसे आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखा जाता है वह प्रभावी रूप से पूजा में बदल जाता है। हां! यह सही है कि हम अगोचर महामारी के मध्य में है फिर भी स्वामी के शब्द हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं। हमारी वाईब्रिओनिक्स टीम मैदान को छोड़ने वाली नहीं है बल्कि वाइब्रॉनिक सेवा हमें मजबूती के साथ बांधे रखेगी। आइए हम सब मिलकर पहले की अपेक्षा अधिक मजबूत दयालु और समर्पित होकर उभरे और हमारे में और अधिक अध्यात्मिक किरणों का निर्गमन होI
साईं सेवा में रत
जीत के.अग्रवाल