साई व्हाइब्रियोनिक्स पत्रिका

" जब आप किसी हतोत्साहित, निराष या रोग ग्रस्त व्यक्ति को देखते हो, वहीं आपका सेवा क्षेत्र है " Sri Sathya Sai Baba
Hands Reaching Out

बेल्स पाल्सी 12013 & 11553...India


अमेरिका में एक 62-वर्षीय महिला पिछले 6 माह  से अत्यधिक तनाव ग्रस्त थी। 4 जून 2015 को जब वह अपनी कार चला रही थी तो उसे अपने चेहरे के बांई और सुन्नपन और दर्द युक्त खिंचाव महसूस हुआ अतः उसे अपनी कार को सड़क के किनारे रोकना पड़ा। उसे ऐसा महसूस हुआ कि उसके मुंह पर लकवे का प्रभाव हो रहा है, अत: वह आपातकालीन सहायता के लिए एक हॉस्पिटल में गई। डॉक्टर ने इसका निदान बेल्स पाल्सी के रूप में किया तथा उसे बताया कि यह एक गंभीर बीमारी है इसमें हफ्तों तक स्टेरॉयड के सेवन और फिजियोथेरेपी कराने के बाद भी ज्यादा उम्मीद नहीं है। उसने स्टेरॉयड लेने का विकल्प नहीं चुना बल्कि सलाह के अनुसार सप्ताह में दो बार फिजियोथेरेपी शुरू की। उसका मुंह बांई और लटक गया था और उसमें कोई गतिविधि भी नहीं थी। अपने मुंह में भोजन को लेकर उसको चबाने की स्थिति में नहीं थी। भोजन करते समय वह होठों, गालों को काट लेती थी । स्थिति में कोई सुधार ना होने से चिंतित भी रहने लगी थी और उसका तनाव का स्तर भी और बढ़ गया था। 18 जून 2015 को वह बहुत निराश थी अतः उसने अंतरतम से स्वामी से प्रार्थना की तभी उसको आंतरिक चेतना से सूचना मिली कि उसे तुरंत ही चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए, उसके मित्र के अभिभावक USA में आए हुए हैं। उसने तुरंत ही उनको फोन किया और उनकी पुत्री उसके लिए औषधि लेकर आ गई । औषधि में निम्न कोंबो मिलाए गए थे:
CC15.1 Mental & Emotional tonic + CC18.4 Paralysis…6TD

21 जून 2015 को जब चिकित्सक सांई सेंटर गए तो उनको वह रोगी भी  दिखाई दी लेकिन अब उसके चेहरे पर लक्वे के कोई चिन्ह नहीं थे। उसने बड़ी खुशी के साथ बतलाया कि अब उसके चेहरे पर लकवे का कोई चिन्ह भी नहीं है और वह बिल्कुल सामान्य है, यह मात्र 48 घंटे में ही हो गया था। उसकी किसी भी नस को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था। 24 जून 2015 को खुराक को TDS कर दिया गया। रोगी को ऐसा नहीं लग रहा था कि उपचार को आगे चालू रखा जाए, अत: उसने एक माह तक उपचार लेने के बाद उसे बंद कर दिया । वह चिकित्सकों से निरंतर संपर्क  बनाए रखती है। अप्रैल 2020 तक उसे किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हुई थी।

रोगी के विचार:

“48 घंटों के बाद मेरा चेहरा बिल्कुल सामान्य हो गया था । किसी भी नस को कोई नुकसान नहीं हुआ था। वाइब्रॉनिक्स औषधि लेने के पूर्व मैं अपनी बाई आंख को झपक भी नहीं सकती थी, मुझे अपनी उंगली की मदद से आंख को बंद करना पड़ता था और अक्सर पानी से साफ करना पड़ता था। स्वामी की कृपा और अंकल के प्रेम से मैं बिल्कुल ठीक हूं गई हूं और सामान्य हूं।”

“यह समाचार जान कर डॉक्टर को भी आश्चर्य हुआ। इतनी जल्दी ठीक होने की प्रक्रिया के बारे में उसने कोई समाचार सुना ही नहीं था। वह भी बिना किसी स्टेरॉयड की मदद के। डॉक्टर का कहना है - " यह वास्तव में एक आश्चर्यजनक घटना है। डॉक्टर के रूप में आज तक इस प्रकार की घटना नहीं देखी है।"