दैवीय सन्देश
Vol 12 अंक 1
जनवरी/फरवरी 2021
“जब तुम यह धारणा बना लेते हो कि तुम शरीर हो, तो शरीर तुम से अधिक भोजन मांगता है, अच्छी देखभाल और अधिक आराम। वर्तमान में उपयोग में लिए जाने वाले भोजन आवश्यकता से अधिक होते हैं, मनुष्य इससे कम भोजन पर अधिक स्वस्थ रह सकता है। हमारा अधिकांश समय और पैसा स्वाद के लिए और दिखावे पर खर्च होता है। इसको छोड़ा जा सकता है। इसके फलस्वरूप हमारे स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। मिठाई और ठंडाई बहुत भारी होते हैंI “औसत दर्जे का भोजन करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है।” व्यंजन केवल अपने तमोगुणों को प्रदर्शित करते हैं। (जड़ता और अकर्मण्यता की गुणवत्ता)I जिंदा रहने के लिए खाओ इस बात पर विश्वास मत करो कि तुम खाने के लिए जिंदा हो।”
…Sathya Sai Baba, “The four blemishes” Discourse http://www.sssbpt.info/ssspeaks/volume14/sss14-15.pdf
“व्यक्ति जो दुखों से पीड़ित है, व्यक्ति जो दुखों में डूबा हुआ है, व्यक्ति जो मजबूर है, वही तुम्हारे वास्तविक मित्र होने चाहिए। तुमको ऐसे व्यक्तियों की मदद करनी चाहिए। इसको तुम्हें अपना मुख्य कार्य समझना चाहिए।”
…Sathya Sai Baba, “Service To Man Is Service To The Lord” Summer Showers 1973 http://www.sssbpt.info/summershowers/ss1973/ss1973-08.pdf