साई व्हाइब्रियोनिक्स पत्रिका

" जब आप किसी हतोत्साहित, निराष या रोग ग्रस्त व्यक्ति को देखते हो, वहीं आपका सेवा क्षेत्र है " Sri Sathya Sai Baba
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चिकित्सक की रुपरेखा 11210...India


चिकित्सक 11210 भौतिक शास्त्र में स्नातकोत्तर किया हुआ है। 30 वर्षों तक केंद्रीय विद्यालय संगठन, जो कि केंद्रीय सरकार का अग्रणी शिक्षा संगठन है, में कार्य कर चुकी है। इनके माता-पिता साठ के दशक से सत्य साईं बाबा के अनन्य भक्त रहे हैं। यह चिकित्सक उस समय किशोरावस्था में ही थीI वह उसी समय से समिति की गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेने लगी थी विशेषकर सेवा गतिविधियों में बहुत सक्रिय रहती थी। गांव के मेडिकल कैंप में सेवादल के कार्यों को देख कर उनके मन में भी इसी प्रकार की सेवा करने की इच्छा जागृत होती थी जिससे वे ग्रामीणों के जीवन को उन्नति की ओर अग्रसर कर सकें। लेकिन फिर वह यह सोचती थी कि यह तो केवल मात्र एक स्वपन ही है क्योंकि वह मेडिकल की छात्रा नहीं थी। वर्ष 2010 में ईश्वर ने उनको एक अवसर प्रदान किया, वृंदावन, व्हाइटफ़ील्ड में वाईब्रिओनिक्स के प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए। उन्होंने उस का भरपूर लाभ उठाकर AVP का प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया और चिकित्सक बन गई। 2 वर्ष बाद वह VP बन गई। इस प्रकार उन्होंने अपने स्वपन को साकार कर लिया।

उन्होंने अपनी समिति में उपचार करना शुरू कर दिया तत्पश्चात वृंदावन आश्रम से भी उपचार शुरू कर दिया यह सोच कर कि स्वामी ही उपचार करने वाले हैं मुझे तो मात्र एक उपकरण बनाया हुआ है। वह नियमित रूप से 10 वर्षों से उपचार कर रही है, इसके अतिरिक्त सभी मेडिकल शिवरों में भी भाग लेती है। उन्होंने व्हाइटफील्ड वैलनेस केंद्र पर भी अपनी सेवाएं प्रदान की है। वहां उन्होंने केंद्र के शुरू होने पर ही कार्य करना शुरू कर दिया था। जुलाई 2019 से, हर सोमवार के दिन, उनको चिकित्सक11597 नियमित रूप से मदद प्रदान कर रहे हैं। इस चिकित्सक का परिचय वॉल्यूम 11 अंक 6 नवम्बर-दिसम्बर 2020 में पहले दिया जा चुका है।

चिकित्सक ने त्वचा की पुरानी बीमारियों जैसे कि सोरायसिस, ल्यूकोडर्मा, एक्जिमा और नाखूनों में फंगल संक्रमण का सफलतापूर्वक इलाज किया है। उन्होंने एक महिला के उपचार का उदाहरण प्रस्तुत किया है जो 10 वर्षों से पूरे शरीर पर सोरायसिस के कारण परेशान थी। चिकित्सक ने उसे CC12.4 Autoimmune diseases + CC15.1 Mental & Emotional tonic + CC21.10 Psoriasis खाने के लिये रेमेडीज दी। उपचार को तीव्र बनाने के लिए उन्होंने पेट्रोलियम जेली और नारियल के तेल में उक्त कॉम्बोस को मिलाकर शरीर पर मलने के लिए भी दिया। रोगी ने बताया कि यद्यपि रोग के ठीक होने की गति तो धीमी है परंतु 6 महीने में ही, दोनों हाथों और पैरों पर, त्वचा का अपना पुराना रंग लौटने लगा है। इससे रोगी का उत्साह बढ़ गया और उसने उपचार जारी रखाI और पांच माह उपचार लेने के उपरान्त वह पूरी तरह स्वस्थ हो गई थी। इस उपचार को वह ईश्वरीय उपहार समझती है।
चिकित्सक ने इसके अतिरिक्त अस्थमा और शराब तथा सिगरेट पीने वाले लोगों की आदतों का भी सफलतापूर्वक उपचार किया है। माइग्रेन, स्तनों में गांठ, कान में संक्रमण और गैंग्रीन जैसी बिमारियों का भी सफलतापूर्वक इलाज किया है।

लंबे समय तक वाईब्रिओनिक्स उपचार करने से उनको रोगियों से संपर्क बनाए रखने का महत्व समझ में आने लगा है। चिकित्सकों को उनकी सलाह है कि रोगी से रोग के बारे में बताई गई बातों को बहुत ही ध्यान पूर्वक सुने और फ़ोन पर उनके लिए उपस्थित रहे जिससे कि रोगी आवश्यकता पड़ने पर आपसे संपर्क कर सके। उनको स्वामी के द्वारा बताए गए त्रिकोण, ईश्वर, रोगी और चिकित्सक, का सदैव भान रहता है। रोगियों के साथ उनके प्रेम भरे स्वभाव का बहुत असर होता है। उन रोगियों को देखकर, जो मानसिक और भावनात्मक रूप से कमजोर हैं, वह अपनी पूर्ण क्षमता और विनम्र भाव से उनकी सेवा करने में तत्पर रहती हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात जो उन्होंने बताई वह यह है कि “उपचार के समय आपके मन में अहम् का भाव लेश मात्र भी नहीं होना चाहिए। केवल स्वामी ही चिकित्सक को मार्गदर्शन देते हैं और वही रोगी का उपचार भी करते हैं।”

अनुकरणीय उपचार :