साई व्हाइब्रियोनिक्स पत्रिका

" जब आप किसी हतोत्साहित, निराष या रोग ग्रस्त व्यक्ति को देखते हो, वहीं आपका सेवा क्षेत्र है " Sri Sathya Sai Baba
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चिकित्सकों का परिचय 00814...India


चिकित्सक 00814…क्रोएशिया यह चिकित्सक एक फार्मासिस्ट है जिन्हें अपने कार्य का 40 वर्षों का अनुभव प्राप्त है। वह सदैव "वैकल्पिक चिकित्सा" में रुचि लेती रही है। इसलिए इन्होंने होम्योपैथी का प्रशिक्षण प्राप्त किया था। चिकित्सक को साईं बाबा के बारे में 1989 में जानकारी पुस्तक "मैन ऑफ मिरेकल्स" पढ़कर हुई। वह बड़ी श्रद्धा के साथ उनसे प्रार्थना करने लगी और कई बार वह उनके स्वपन में आएI उसके पश्चात 1991 में वह साईं सेवा संगठन की सक्रिय सदस्य बन गई, वह भजनों में शामिल होने लगी। वर्ष 1991 से 1995 तक क्रोएशिया में स्वतंत्रता की लड़ाई में उन्हें कई मुसीबतों का सामना करना पड़ा लेकिन इससे उन्हें साईं संगठन के माध्यम से सेवा के महत्वपूर्ण अवसर भी प्राप्त हुए। 1994 में उन्होंने SSE (बाल विकास) गुरु के रूप में भी कार्य किया। उनकी भारत की पहली यात्रा के दौरान व्हाइटफील्ड जनरल हॉस्पिटल में 1 माह तक सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ।

1997 की पुट्टपर्थी की यात्रा में साईं वाईब्रिओनिक्स के बारे में जानकारी मिली वह भी एक क्रोशिया के  भक्त के माध्यम से। कुछ आवश्यक सूचनाओं के साथ डॉ. अग्रवाल से SRHVP मशीन उसी वर्ष प्राप्त हो गई। व्यापार और घरेलू कार्यो के कारण लगभग 20 वर्षों तक वह मशीन का उपयोग नहीं कर सकी। वह कहती हैं कि सबसे बड़ा आश्चर्य यह था कि बाबा उन्हें भूले नहीं थे यद्यपि उसने वाईब्रिओनिक्स प्रैक्टिस की उपेक्षा कर दी थी। सितंबर 2019 में उन्होंने उसे दूसरा अवसर तब दिया, जब क्रोशिया में वाईब्रिओनिक्स की कार्यशाला आयोजित की गई थी। यह कार्यशाला 20 वर्षों के बाद श्रीमती और डॉ. अग्रवाल द्वारा आयोजित की गई थीI उन्होंने उसे दिव्यता का एक संकेत समझकर VP और रिफ्रेशर कोर्स के लिए ऑनलाइन फॉर्म भर दिया। मैंने इस कार्यशाला में प्रशिक्षण लेकर 108CC बॉक्स प्राप्त किया और अपना अभ्यास फिर से शुरू किया। उसके बाद से मैंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
चिकित्सक ने बताया कि जैसे ही वह अपना प्रशिक्षण पूर्ण करके वापस आई तो बस स्टेशन पर ही उसे पहला रोगी मिल गया, वह उसकी मित्र ही थी और वह उसे वहां लेने के लिए आयी थी। उसके घुटनों में तीव्र दर्द था। वह 1 दिन पूर्व ही छुट्टियां बिताकर वापस आई थीI उसके फिजियोथैरेपिस्ट ने उसको एक माह तक उपचार दिया था जिससे उसको कोई लाभ नहीं हुआ था। चिकित्सक ने उसे वहीं पर निम्न औषधि दी, CC10.1 Emergencies + CC15.1 Mental & Emotional tonic + CC20.4 Muscles and Supportive tissue...TDS नए प्राप्त 108CC बॉक्स का उपयोग करकेI दूसरे दिन तक उसके दर्द में 50% तक की कमी आ गई थी। इससे रोगी बहुत अधिक प्रभावित हो गई थी अतः उसने उसे अपनी अन्य समस्याएं भी बतलाई। उसके पश्चात उसने अपने मित्रों और मिलने वालों का उपचार किया।

इसी वर्ष मार्च में एक प्रोजेक्ट आया, “प्रोजेक्ट लैवंडर”I इस चिकित्सक का व्यक्तियों, पशुओं और पौधों के बारे में बहुत दया भाव था, उसने महसूस किया कि उसके शहर की इको क्षेत्र में लगभग 850 लैवंडर झाड़ियां हैं और लगभग 100 ऑलिव पेड़ है। मुख्य तौर पर खुशबू वाली झाड़ियों की अवस्था ठीक नहीं थी। वह स्थानीय अधिकारियों के पास गई और उनसे प्रार्थना की कि उस क्षेत्र की झाड़ियों की दशा अच्छी नहीं है वह स्वयं उनकी देखभाल करना चाहती है। आश्चर्य हुआ कि स्थानीय अधिकारियों ने ना केवल उसकी प्रार्थना को स्वीकार कर लिया था बल्कि 4 स्वयं सेवकों की सेवाएं भी प्रदान कर दी थी।

चिकित्सक ने एक रेमेडी तैयार की जिसमें CC1.2 Plant tonic + CC15.1 Mental & Emotional tonic + CC21.7 Fungus को मिलाया। पहली बार उसने 8 गोलियों को 1 लीटर पानी में घोला। इसके बाद उसने इस पानी को 50 लीटर पानी में डाल दिया। यह पानी पूरी टीम द्वारा झाड़ियों में दिन में एक बार डाला जाने लगा। इसके पश्चात आसानी के लिए प्रत्येक रेमेडी की 8-8 बूंदे 1 लीटर जल में मिलाई तत्पश्चात इस जल को 50 लीटर जल में मिला दिया। यह कार्यक्रम उसने 8 मार्च 2020 को शुरू किया था और तीन सप्ताह बाद 27 मार्च 2020 तक समाप्त कर देना था क्योकि महामारी के कारण लोक डाउन हो गया। चिकित्सक इस बात से निराश हुई परंतु इसे भी स्वामी की इच्छा जानते हुए स्वीकार कर लिया था। जब कर्फ्यू खत्म हुआ तो टीम ने उसी क्षेत्र का मुआयना किया तो उन्हें बहुत आश्चर्य हुआ कि वे झाड़ियां पूरी तरह से लहलहा रही थी (देखें फोटो) वह सभी झाड़ियां पूर्ण रूप से स्वस्थ थी। स्थानीय अधिकारी इस दृश्य को देखकर आश्चर्यचकित रह गए। उन्होंने तुरंत ही निर्णय लिया कि अगले तीन-चार माह तक ऑलिव के पेड़ों की भी देखरेख की जानी चाहिए। चिकित्सक का कहना है कि वह इस कार्य में अभी भी नौसिखिया है और कोई विशेष सूत्र का उपयोग नहीं करती है, केवल कॉम्बो के मिश्रण को झाड़ियों में देती हूं। वह अपने कार्य में निपुणता लाने के लिए समाचार पत्रों का अध्ययन करती है, दूसरे चिकित्सकों की नकल करती है और अपने मेंटर और वाइब्रो चिकित्सकों से सलाह मशविरा करती रहती है। जीवन का यह पहला कार्य था जिसमें उसने टीमवर्क के साथ कार्य किया था।
अन्य व्यक्तियों की मदद करने में एक विशिष्ट संतुष्टि का अनुभव करती है। व्यक्तियों के अतिरिक्त पशुओं और पौधों की सेवा करने में भी उसे आत्म संतुष्टि का बोध होता है। उसका मानना है कि साईं वाईब्रिओनिक्स ने मुझे इतना कुछ दिया है जो मेरी पूर्ण सेवाकाल में फार्मासिस्ट के रूप में नहीं मिला था।

अनुकरणीय उपचार