साई व्हाइब्रियोनिक्स पत्रिका

" जब आप किसी हतोत्साहित, निराष या रोग ग्रस्त व्यक्ति को देखते हो, वहीं आपका सेवा क्षेत्र है " Sri Sathya Sai Baba
Hands Reaching Out

चिंता, अवसाद, आंतकी हमले, टिनिटस 02899...India


एक 63-वर्षीय महिला चिंता, अवसाद, आंतकी हमले, अनिद्रा, टिनिटस जैसे रोगों से पिछले 10 वर्षों से त्रस्त थी। वह  पूर्ण रूप से एलोपैथिक औषधियों पर निर्भर थी। इन औषधियों से यह रोग नियंत्रण में रहते थे। अतः वह अपने दैनिक कार्यो को सफलतापूर्वक कर लेती थी। यदि वह औषधि बंद कर देती  तो उसकी स्थिति बहुत खराब हो जाती । और दवाइयां लेने के बाद ही उसकी तबीयत ठीक होती थी और इसमें भी अधिक समय लग जाता था। अभी की स्थिति की शुरुआत 1 अप्रैल 2016 को हुई थी, जब पैनिक अटैक बहुत गंभीर हो गये थे, कानों मे भिनभिनाहट की आवाज़े आने लगती थी और भूख भी कम लगती थी। वह सीधे अपने कार्यस्थल को जाती थी और वापस घर आ जाती थी वह कहीं जाने से या आगंतुकों  के घर पर आने से बहुत परेशान हो जाती थी। कानों में आवाज आने की वजह से ठीक से सो भी नहीं पाती थी। नींद की गोलियों से भी उसे राहत नहीं मिलती थी। वह इससे इतना परेशान हो गई थी कि उसने कार्य पर, जुलाई 2016 से, जाना भी छोड़ दिया था। डॉक्टर बजिंग का कारण जानना चाहते थे। 24 जुलाई 2016 को उसे MRI के लिए भेजा गया परंतु उसकी तबीयत दिन प्रतिदिन बिगड़ती ही जा रही थी।
यद्यपि उसका एलोपैथी पर अत्यधिक विश्वास था फिर भी अपनी 20 वर्ष की मित्रता के कारण उसने चिकित्सक से मिलने का मानस बना लिया था। 23 अगस्त 2016 को चिकित्सक ने उसे निम्न औषधि दी:

#1. CC5.3 Meniere’s disease + CC10.1 Emergencies + CC12.1 Adult tonic + CC15.1 Mental & Emotional tonic + CC15.2 Psychiatric disorders + CC15.6 Sleep disorders + CC17.3 Brain & Memory tonic…TDS

रोगी की जुड़वा बहन के चिकित्सक से संपर्क में थी  अतः उसने चिकित्सक को बताया कि औषधि #1 की एक खुराक लेने के बाद उसने दवा नहीं ली है। अगले 2 महीने के दौरान उसकी तबीयत और अधिक खराब हो गई थी अतः उसका हॉस्पिटल में आना जाना लगा रहता था। वह कुछ भी नहीं खा पाती थी और बहुत कमजोर हो गई थी । वह सो भी नहीं पाती थी। अब वह घर से बाहर भी नहीं जा सकती थी। अब उसे ऐसा लगने लगा था कि कोई भी उसकी मदद नहीं कर सकता है। उसने अपनी बहन से कहा कि अब वह मरने वाली है।निराशा की हालत में उसकी बहन ने चिकित्सक से 28 अक्टूबर 2016 को संपर्क किया। चूंकि रोगी वाइब्रॉनिक्स औषधि का सेवन ही नहीं करना चाहती थी तो ऐसी स्थिति में क्या किया जा सकता था इस बात पर दोनों में विचार विमर्श हुआ। चिकित्सक ने हाल ही में अपना SVP कोर्स किया था अतः उसने ब्रॉडकास्टिंग माध्यम से उपचार करना शुरू कर दिया । उपचार 31 अक्टूबर को रोगी की फुल साइज फोटो के साथ किया गया। जिस कॉम्बो से उपचार किया गया था वह थी:

#2. NM5 Brain TS + NM6 Calming + NM12 Combination-12 + NM88 Meniere's Disease +

SM39 Tension + SM41 Uplift...TDS

औषधि शुरू करते ही रोगी को थोड़ा आराम मिला उसने थोड़ा खाना भी खाया। उसी दिन शाम को वह अपने पुत्र और पौत्रों से मिलने के लिए गई। ब्रॉडकास्टिंग जारी था, अब वह भोजन करने लगी थी और बातचीत भी करने लगी थी। 3 दिन में ही उसमें 50% अंतर आ गया था आंतकी हमले में और भूख में लेकिन कानों में आवाज आने में कोई कमी नहीं हुई थी। अतः 3 नवंबर 2016 को रेमेडी को बदल दिया गया: 

#3. SM19 Ears + #2...TDS

8 नवंबर 2016 तक रोगी की अवस्था में सुधार हो गया था। कानों में आवाज आने की समस्या में केवल 60% का अंतर आया था। अब उसका MRI का परिणाम आना बाकी थाI कुछ दिनों के पश्चात वह भी आ गया थाI उसके अनुसार उसकी स्थिति बिल्कुल सामान्य थी, उसे कोई बीमारी नहीं थी। रोगी अब औषधि को लेने के लिए तैयार हो गई थी अत: उसकी बहन ने औषधि #3 दे दी थी अब ब्रॉडकास्टिंग बंद कर दिया गया थाI

जनवरी 2017 के अंत तक कानों में आवाज की तीव्रता में 60% की कमी हो गई थी। इस समय एक सलाहकार ने उसका निरीक्षण करके बताया कि आवाज आने का कारण एलोपैथिकऔषधियों का दुष्प्रभाव है अतः डॉक्टर ने  एलोपैथिक औषधियों को कम करके वाइब्रॉनिक औषधियों को उसी रूप में चालू रखना शुरू कर दियाI इससे उसकी  स्थिति में मार्च के अंत तक 80% सुधारहो गया था।

अतः खुराक को BD कर दिया गयाI जुलाई 2017 तक, वह पूर्णतया ठीक हो गई थी उसकी औषधि भी बंद कर दी गई थीI वह अब बिल्कुल सामान्य है और उसे किस भी प्रकार की परेशानी सितंबर 2017 तक नहीं हुई थीI

चिकित्सक की टिप्पणी - जब खुराक को BD किया गया था तो रोगी ने औषधि को लेना बंद कर दिया और इस बारे में किसी को भी नहीं बताया था। बिना दवाई के ही दिसंबर 2019 तक बिल्कुल ठीक थी। जब उसको चिंता करने की बीमारी का हल्का आघात लगा। लेकिन उसने किसी भी प्रकार की औषधि लेने का निर्णय नहीं लियाI इस विश्वास के साथ कि वह स्वयं ही ठीक हो जाएगी। यद्यपि उसको एक हल्का आघात लगा था परंतु उसमें इतना साहस उत्पन्न हो गया था कि 10 वर्ष तक बीमार रहने के बावजूद बिल्कुल ठीक हो गई थी और अब हर परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार थी वह भी बिना किसी दवाई के।

यदि 108 CC बॉक्स प्रयोग कर रहें हैं तो देवें  #2: CC5.3 Meniere’s disease + CC12.1 Adult tonic + CC15.1 Mental & Emotional tonic + CC17.2 Cleansing; और  #3: CC5.1 Ear infections + CC5.3 Meniere’s disease + CC12.1 Adult tonic + CC15.1 Mental & Emotional tonic + CC17.3 Cleansing