साई व्हाइब्रियोनिक्स पत्रिका

" जब आप किसी हतोत्साहित, निराष या रोग ग्रस्त व्यक्ति को देखते हो, वहीं आपका सेवा क्षेत्र है " Sri Sathya Sai Baba
Hands Reaching Out

एर्लिकियोसिस,पनोस्टाईटिस इन डॉग 03571...थाईलैंड


 जुलाई 2018 में  AVP का प्रशिक्षण प्राप्त कर के जब चिकित्सक अपने घर पहुँची तो वह अपने मित्र के घर अपने दो वर्षीय डॉग को लेने पहुँची तो उसको देखकर उसे बहुत धक्का लगा कि उसका डॉग ब्राउनी पक्षाघात से पीड़ित था (देखें चित्र)।  

वह हड्डियों और मांस के पिंड की भाँति दिख रहा था जैसे कि उसमें प्राण ही न हों। जिस क्षण चिकित्सक ने उसे उठाया और पुचकारा वह मुँह के बल वापस जमीन पर गिर गया, वह अपने शरीर के भार को वहन नहीं कर पा रहा था। वह थका हुआ लग रहा था और उसका वज़न भी 4 kg कम हो गया था।

6 अगस्त 2018 को चिकित्सक ने उसको निम्न औषधि को उसके पानी के बर्तन में मिलाकर दी:
#  1. CC1.1 Animal tonic + CC18.4 Paralysis + CC20.4 Muscles & Supportive tissue + CC20.5 Spine + CC20.7 Fractures…6TD

 3 दिन में भी उसकी स्थिति में परिवर्तन नहीं होने के कारण वह उसे पशुओं के अस्पताल में ले गई। वहाँ उसके रोग का निदान टिकबोर्न संक्रमण जिसे एर्लिकियोसिस भी कहते है के रूप में किया गया जो कि ब्राउन टिक के काटने से फैलता है। उसे ऐन्टीबॉयोटिक्स और दर्द निवारक औषधियों दी गई।

उसके साथ ही 9 अगस्त 2018 को अन्य वाइब्रो औषधि  #2 तैयार की गई:
#  2. CC9.4 Children’s diseases + CC10.1 Emergencies + CC17.2 Cleansing + CC18.5 Neuralgia + CC21.4 Stings & Bites + CC21.11 Wounds & Abrasions + #1…6TD, पहले उसके पानी के बत्र्तन में डाल कर दी, परन्तु बाद में सिरिंज के माध्यम से उसके मुख में डाली जाने लगी क्योंकि ब्राउनी ने पानी पीना बन्द कर दिया था।

ब्राउनी की अवस्था धीरे-धीरे ठीक होने लगी थी। एक सप्ताह में ही वह धीरे-धीरे चलने लगा था, लेकिन उसका दाँया पाँव लंगड़ा रहा था। एक और सप्ताह बाद वह बिलकुल स्वस्थ्य हो गया था। वह इस अवस्था में तीन सप्ताह तक रहा चिकित्सक ने इतनी तीव्र गति से स्वस्थ्य होने की क्रिया के ऐलोपैथिक उपचार और वाइब्रो उपचार का प्रभाव माना।

 

लेकिन कुछ समय बाद ही उसके पाँव कड़े होने लगे और एक सप्ताह में ही 18 सितम्बर 2018 को वह पक्षाघात की चपेट में आ गया और दर्द से कराहने लगा। यह दृश्य दिल दहलाने वाला था चिकित्सक उसे फिर हॉस्पिटल ले गई वहाँ डाक्टर ने एण्टीबायोटिक्स व एन्टीइन्फ्लेमेटरी इंजैक्शन से कुछ दिन उपचार किया। ब्राउनी की अवस्था को पनोस्टाईटिस के रूप में निदान किया गया, इस रोग में दर्द एक पाँव से दूसरे पाँव में स्थानान्तरित होता रहता है। इस रोग का मुख्य कारण एर्लिकियोसिस रोग है। ब्राउनी की अवस्था में कोई परिवर्तन न होने से डॉक्टर्स ने उसे बैंकाक ले जाने की सलाह दी जहाँ उसके मस्तिष्क के द्रव का विश्लेषण किया जा सकता था।

24 सितम्बर 2018 को चिकित्सक ने स्वामी से प्रार्थना की और ब्राउनी को कहीं भी नहीं ले जाने का निर्णय किया। उसने सभी ऐलोपैथिक औषधियों को बन्द कर दिया और एक नया कॉम्बो बनाया :

#3. CC3.7 Circulation + CC9.1 Recuperation + CC9.4 Children’s diseases + CC10.1 Emergencies + CC20.7 Fractures + CC21.11 Wounds & Abrasions… 6TD सरिंज की सहायता से मुँह में डालकर। ब्राउनी धीरे-धीरे ठीक होने लगा और एक माह में ही 25 अक्टूबर 2018  को बिलकुल स्वस्थ्य हो गया (देखें चित्र)।

.वह सामान्य रूप से चलने-फिरने और खाने लगा था, उसका वज़न भी बढ़ गया था, अतः खुराक को TDS कर दिया। लेकिन अफसोस है कि नियतिवश सड़क पार करते समय दुर्घटनावश उसने दम तोड़ दिया। दुर्घटना का कारण था नये वर्ष 2019 के उपलक्ष्य चलाये जा रहे पटाखे।