साई व्हाइब्रियोनिक्स पत्रिका

" जब आप किसी हतोत्साहित, निराष या रोग ग्रस्त व्यक्ति को देखते हो, वहीं आपका सेवा क्षेत्र है " Sri Sathya Sai Baba
Hands Reaching Out

साइकिक अटैक 02836...भारत


15 सितम्बर 2010 को, एक 35-वर्षीय हुष्ट-पुष्ट महिला को उसका पति चिकित्सक के पास लेकर आया। पिछले 10 वर्षों से वह मानसिक आघातों से पीड़ित थी। चिल्लाना, गालियाँ देना, बच्चों को और कभी-कभी अपने पति को पीटना यह उसकी आदत बन गई थी। वह पिछले 3 वर्षों से ऐलोपैथिक उपचार करवा रही थी लेकिन उससे कोई लाभ नहीं मिला।

 

#1. CC15.2 Psychiatric disorders…TDS

चिकित्सक ने उसे कुछ देर के लिये शांत होकर बैठने के लिये कहा और फिर उसके मुख में दवा की पहली खुराक खिलाई। उसको आँखे बन्द करके गहरी सांस लेने के लिये कहा गया और 5 मिनट तक अपनी सांसों पर ध्यान केन्द्रित करने की सलाह दी, उस दौरान चिकित्सक प्रार्थना करता रहा। प्रार्थना के दौरान चिकित्सक ने देखा कि एक 4 इंच लम्बी छाया रोगी के मुँह के दाहिनी ओर से निकल कर बायीं ओर जा रही है। रोगी रोने लगी, चिल्लाने लगी और फिर शांत हो गई। 

3 दिन के बाद सूचना मिली कि वह अब पहले की अपेक्षा थोड़ा शांत हो गई है। लेकिन गालियाँ देने का सिलसिला अभी कायम था। उसको ठीक से नींद भी नहीं आती थी अतः काम्बो #1 को निम्न कॉम्बो मे मिला दिया गया। अब उपचार :
#2. CC15.6 Sleep disorders + #1…TDS से शुरू कर दिया गया।

एक सप्ताह बाद, वह अपने पति के साथ चिकित्सक के यहाँ पहुँची और उनको बतलाया कि कैसे यह आघात शुरू हुये। किशोरावस्था में वह एक नदी में तैर रही थी, तैरते हुये ही उसके तलवे से कोई चीज़ टकराई। उसने उस वस्तु को उठाया, वह एक मूर्ति थी। वह उसे घर ले आई। इसके दस वर्षों के बाद उसे मानसिक आघात होने लगे। एक पंडित जो रहस्यमय विज्ञान का अच्छा ज्ञाता था ने महिला से मूर्ति को नदी में विसर्जित करने के लिये कहा। महिला ने ऐसा ही किया लेकिन इससे भी महिला को कोई आराम नहीं हुआ। फिर भी एक माह तक वाइब्रो उपचार लेने से वह काफी शांत हो गईं थी और आघातों की तीव्रता भी कम हो गई थी। अतः उसने स्वंय ही ऐलोपैथिक औषधियों को लेना बन्द कर दिया।

उसने रेमेडी  #2 को 3 माह तक लिया जिससे वह बिल्कुल शांत हो गई थी तथा अपशब्दों का उच्चारण भी समाप्त हो गया था। रोगी से चिकित्सक का संपर्क 2017 में हुआ रोगी ने चिकित्सक के प्रति आभार प्रकट किया और बतलाया कि अब वह बिलकुल स्वस्थ है।