साई व्हाइब्रियोनिक्स पत्रिका

" जब आप किसी हतोत्साहित, निराष या रोग ग्रस्त व्यक्ति को देखते हो, वहीं आपका सेवा क्षेत्र है " Sri Sathya Sai Baba
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घबराहट 11271...India


एक 43 वर्षीय अध्यापक पिछले 10 वर्षों से आत्मविश्वास में कमी व घबराहट से पीड़ित था। घबराहट इस हद तक बढ़ गई थी कि वह श्याम-पट्ट पर ठीक प्रकार से लिख भी नहीं पाता था, इस कारण उसके व्यवसाय पर भी प्रभाव पड़ रहा था। आत्म विश्वास में कमी इस हद तक हो गई थी कि किसी व्यक्ति के सामने होने पर वह उपस्थिति पंज्जिका में अपने हस्ताक्षर करने से भी डरने लगा था। उसकी लेखन भी अस्पष्ट हो गई थी। डॉक्टर्स ने इसे तंत्रिका सम्बन्धी समस्या के रूप में निदान किया था। उसने कई प्रकार के उपचार लिये परन्तु किसी से समस्या का समाधान नहीं हुआ, अतः उसने वाइब्रो उपचार लेने का मानस बनाया।

11 अक्टूबर 2014 को रोगी को निम्न उपचार दिया गया :

#1. CC18.1 Brain & Memory tonic + CC18.4 Paralysis + CC20.5 Spine…TDS                      

4 सप्ताह पश्चात् रोगी पहले की अपेक्षा अच्छा महसूस करने लगा था, उसके हस्त लेखन में भी सुधार हुआ था, फिर भी वह आत्म विश्वास में कमी महसूस करता था। 8 नवम्बर 2014 को उसकी औषधियों में परिवर्तन करके निम्न काम्बोज दिये गये:

#2. CC15.2 Psychiatric disorders + CC18.4 Paralysis + CC20.5 Spine…TDS

2 माह तक वाइब्रो उपचार लेने के पश्चात् उसकी हालत में 50% सुधार हो गया था। घबराहट में कमी व आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होने लगी थी। अब पूर्ण आत्मविश्वास से लेखन करने लगा था। और दो माह के पश्चात् सुधार 75% तक हो गया था। 9 मई 2015 तक सुधार 90% हो गया था। जुलाई 2015 तक वह सभी मानसिक विकारों से मुक्त हो गया था अतः खुराक को OD करने के लिये कहा गया लेकिन रोगी ने औषधि TDS के रूप में लेते रहने की इच्छा जाहिर की। अगस्त 2018 तक वह पूर्णतया स्वस्थ्य हो गया था फिर भी उपचार ले रहा है।

ऐडीटर की टिप्पणी: चिकित्सक ने महसूस किया कॉम्बो CC20.5 का मिलाना अनावश्यक था परन्तु रोगी की स्वस्थ्य होने की प्रक्रिया ठीक थी अतः उस काम्बो को मिलाना जारी रखा।