साई व्हाइब्रियोनिक्स पत्रिका

" जब आप किसी हतोत्साहित, निराष या रोग ग्रस्त व्यक्ति को देखते हो, वहीं आपका सेवा क्षेत्र है " Sri Sathya Sai Baba
Hands Reaching Out

डॉ जीत के अग्रवाल की कलम से

Vol 12 अंक 1
जनवरी/फरवरी 2021


प्रिय चिकित्सको,
नव वर्ष की पूर्व संध्या पर लिखते हुए मुझे स्वामी के शब्द याद आ रहे हैं, उन्होंने कहा था, “हर क्षण को नया वर्ष समझो और उसी के अनुरूप कार्यरत रहो”I नया कार्य प्रारंभ करने के लिए तुम 12 माह तक इंतजार मत करो। हर क्षण तुम अपना रूपांतरण करते रहो। बुरे पुराने विचारों से छुटकारा पाएं, इसके लिये नए वर्ष के आगमन का इंतजार न करें। अपने जीवन को पवित्र बनाने के लिए सेवा कार्यों में जुटे रहो। अच्छे आचरण का पालन करेंI “सदैव मदद करो, कभी किसी को नुकसान मत पहुंचाओ”, इस ध्येय का पालन करो।...सत्य साईं बाबा, दिव्य संदेश, 1 जनवरी 1993,प्रशांति निलयम।
वर्ष 2020 का सूरज जल्द ही अस्त हो जाएगा और 2021 की सुबह आसन्न है। यद्यपि कोविड-19 महामारी ने दुनिया भर में कहर बरपाया है परंतु कुछ मामलों में इसने हमें लाभान्वित भी किया है। जहां तक विब्रियोनिक्स का संबंध है, इस वर्ष ने हमें कई सबक सिखाए हैं और हमें अवसर प्रदान किया है कि हम कैसे शिक्षा प्रदान करें और रोगियों का उपचार एवं देखभाल किस प्रकार से करें। वर्ष 2020 में  हमने जो उपलब्धियां प्राप्त की है उनमें से कुछ का विवरण नीचे प्रस्तुत किया जा रहा है। यह उपलब्धियां हमारे लिए मील का पत्थर साबित हुईं हैं।
1. प्रशिक्षण तथा उन्नति हेतु हमने नए डिजिटल प्लेटफार्म का सफलतापूर्वक अभिग्रहण कर लिया है। इसमें नवीन प्रवेश प्रक्रिया, ऑनलाइन पाठ्यक्रम को सशक्त बनाने और सामग्री का निष्पादन करने में आसानी हो जाएगी। यह पहल वाईब्रिओनिक्स शिक्षा से संबंधित सामग्री को त्वरित गति से भेजने के लिए की गई है जिसको बनने वाले चिकित्सक आसानी से आत्मसात कर सकें। इस प्रक्रिया से उन लोगों को भी लाभ मिल सकेगा जो कार्यशाला में, लंबी दूरी और अधिक समय की यात्रा के कारण, उपस्थित नहीं हो पाते हैं।
2. उदाहरण के लिए हमने इस प्रकार से उपचार का तरीका बदला है कि रोगी को भौतिक रूप से उपस्थित होने की बजाय रोग का सभी विवरण फोन के माध्यम से पूरा कर लेते हैं तथा औषधि को व्यक्तिगत रूप से पहुंचा देते हैं या पोस्ट के द्वारा भिजवा देते हैं या फिर उपचार को हम ब्रॉडकास्ट कर देते हैं। मैं उन सभी को हृदय आभार प्रकट करता हूं जो इस कार्य को करने में 9 माह से प्रयासरत हैं। 
3. अद्यतन वेबसाइट का शुभ आरंभ जिसमें सभी सूचनाओं को बढ़ा दिया गया है और महत्वपूर्ण पहलुओं का समावेश कर लिया गया हैI हमने पुनः लॉन्च के केवल पांच महीनों के अंदर ही लैंडिंग पृष्ठ पर 5,700 हिट दर्ज किए, जिसके परिणामस्वरूप चिकित्सकों की जानकारी से संबंधित पूछे जाने वाले प्रश्नों की संख्या में वृद्धि हुई है और AVP पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए भी संख्या में वृद्धि हुई है।
4. साईं वाईब्रिओनिक्स अंतरराष्ट्रीय संगठन (IASVP) में पंजीयन हेतु 64 नए चिकित्सकों ने आवेदन किया है। IASVP सदस्यों के लिए एक मानकीकृत विजिटिंग कार्ड का डिजाइन बनाया गया है जो सभी सदस्यों को प्राप्त हो गया है। वाईब्रिओनिक्स रेमेडीज को सभी रोगियों को निशुल्क बांटा जाता है उसके लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नगद या सामान के रूप में नहीं लिया जाता है। यदि कोई चिकित्सक इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उसका नाम डेटाबेस से ही हटा दिया जावेगा। SRHVP मशीन तथा 108 सीसी बॉक्स IASVP की धरोहर है और यह चिकित्सक को औषधि देने के लिए दी गई है। इन्हें किसी अन्य व्यक्तियों को ना तो बेचा जा सकता है और ना ही मुफ्त में दिया जा सकता है।
5. इम्यूनिटी बूस्टर औषधि का सफलतापूर्वक विकास किया गया है जिसको कोविड-19 के बचाव और उपचार के रूपों में उपयोग किया जा सकता है। इस महामारी के शुरू होते ही हमारी रिसर्च टीम ने इससे बचाव और उपचार हेतु कार्य करना शुरू कर दिया था। यह औषधि हजारों व्यक्तियों के लिए वरदान सिद्ध हुई है। इसके लिए मैं अखिल भारतीय अध्यक्ष श्री निमिष पांडेय का अत्यंत आभारी हूं जिन्होंने अप्रैल माह में सभी समितियों को संदेश पत्र दिया था जिसमे इस महामारी से बचाव के लिए सभी चिकित्सकों को आवश्यक सुविधाओं को देने के लिए कहा गया था। जिसके कारण ही हम इस औषधि का वितरण करने में सक्षम हुए। लॉकडाउन समय में भी हमने इस औषधि का वितरण किया है। अभी तक हमने इस औषधि का वितरण 270,000 व्यक्तियों को दिया है। आगे आने वाले वर्षों में हम क्षेत्रीय समन्वयकों के साथ सहयोग करके वाईब्रिओनिक्स उपचार के क्षेत्र को आगे बढ़ाने का प्रयास करते रहेंगे।
6. हम अपने संचालन मंच को और अधिक मजबूत और चुस्त बनाने के लिए प्रभावी मानक संचालन प्रक्रिया को लागू कर रहे हैं ।
इन उल्लेखनीय घटनाक्रमों के बाद भी हम चुपचाप बैठने वाले नहीं हैं। हमने आगामी वर्षों के लिए पहले से ही कई कार्यक्रम तय कर लिए हैं और उन पर अमल करना भी शुरू कर दिया है। बेंजामिन फ्रैंकलीन के अनुसार, “एक बार मृत्यु आ जाने पर सभी समय सोने के लिए ही है।” हमें हर वर्ष वाईब्रिओनिक्स के प्रचार व प्रसार के लिए पूर्ण उत्साह और समर्पण भाव से आगे बढ़ते रहना हैं।
वर्ष 2021 में हम जमीनी स्तर पर बहुत से कार्य करने की योजनाएं बना रहे हैं। इस दिशा में पहले कदम के रूप में, हम छोटे सामाजिक समूहों, स्कूलों, निजी कंपनियों और अन्य संगठनों में जागरूकता वार्ता के साथ "स्प्रेड द वर्ड" अभियान शुरू करने की योजना बना रहे हैंI एलोपैथिक डॉक्टरों के पास जाने वाली कंपनियों के पास जाकर एलोपैथी के साथ संयोजन के रूप में एक सहायक चिकित्सा के रूप में वाईब्रिओनिक्स का परिचय देना है और सुझाव देना है कि इसे एलोपैथिक औषधि के साथ लिया जा सकता है। हम मंदिरों और गुरुद्वारों जैसे पूजा स्थलों का भी रुख करेंगे, जो एलोपैथिक या होम्योपैथिक क्लीनिक आयोजित कर रहे हैं। हम ऐलोपैथिक डॉक्टरों द्वारा वाईब्रिओनिक्स के प्रभाव के अवलोकन की रिकॉर्डिंग पर भी ध्यान केंद्रित करेंगेI 
मैं सभी चिकित्सकों से आग्रह करता हूं कि जो भी चिकित्सक इस प्रकार की सेवा करने के इच्छुक है वह उन संस्थानों और स्कूलों में दो लोग मिलकर या समूह में जाएं और इस बाबत ग्रुप एडमिन को [email protected] पर सूचना दें। पठन सामग्री या प्रस्तुतियों के रूप में सभी मार्गदर्शन और सहायता, हमारी व्यवस्थापक टीम द्वारा प्रदान की जाएगी। मैं आशा करता हूं कि हमारी इस पहल से सभी चिकित्सकों को अत्यन्त सेवा के अवसर प्राप्त होंगेI
किसी भी समुदाय की सेवा करने से वाईब्रिओनिक्स सेवा को बड़ा विस्तार मिलेगा। ऐसी ही एक परियोजना को खंड 11 अंक 5 में उजागर किया गया था, जिसमें क्रोएशिया के एक व्यवसायी ने स्थानीय सरकार से संपर्क किया और सामुदायिक स्वयंसेवकों की मदद से विब्रियोनिक्स उपचार के साथ लैवेंडर झाड़ियों को पुनर्जीवित किया।
इस वर्ष हमारा विशेष ध्यान ऐसी परियोजनाओं पर होगा और यह कार्य पास ही स्थित गौशालाओं, स्कूलों और स्थानीय बगीचों में किया जा सकता है। 
हाल ही में हमने क्रिसमस का त्योहार मनाया है। मैं स्वामी के उन शब्दों को दोहराना उपयुक्त समझता हूँ जो उन्होंने जीसस के बारे में कहे थे। स्वामी ने कहा था कि जीसस ने अत्यधिक गरीबों की मदद की थी और अपने अनुयायियों को शिक्षा दी थी कि जब हम गरीबों, जरूरतमंदों, भूखे लोगों और बीमारों की सेवा करते हैं तो वह सेवा ईश्वर की होती है। बाबा ने कहा है कि “अपने अंदर के जीसस को जगाओ!” यही समय की आवश्यकता है। मैं सभी चिकित्सकों को विनम्र अनुरोध करता हूं कि जीसस के जीवन के गुणों को अपनाएं और मानवता से देवत्व तक की इस यात्रा को पूरी तरह से सभी बाधाओं और परीक्षणों को गले लगाते हुए आगे बढ़ें।
मुझे पूरी आशा है कि वर्ष 2021 हमारे लिए बहुत सी वाईब्रिओनिक्स सेवाएं करने का अवसर प्रदान करेगा। मैं सभी से आग्रह करता हूं कि “अपने दिन की शुरुआत प्रेम से करें, पूरे दिन प्रेम से रहें और दिन का अंत भी प्रेम से करें” इस प्रकार हम सभी अपने रोगियों तक दिव्य प्रकाश की किरणें भेजने में और प्रेमपूर्वक अपने ग्रह को आरोग्य और एक बेहतर स्थान बनाने में सक्षम हो सकेंगेI 
साईं सेवा में रत
जीत के.अग्रवाल