साई व्हाइब्रियोनिक्स पत्रिका

" जब आप किसी हतोत्साहित, निराष या रोग ग्रस्त व्यक्ति को देखते हो, वहीं आपका सेवा क्षेत्र है " Sri Sathya Sai Baba
Hands Reaching Out

डॉ० जीत के अग्रवाल की कलम से

Vol 10 अंक 4
July August 2019


प्रिय चिकित्सकों,

गुरु पू्र्णिमा निकट ही है अत: यह आनन्द सागर में डुबकी लगाने का अच्छा अवसर है इससे हमारे हृदयों के पवित्रीकरण की संभावना में वृद्धि हो जाती है। यह शुद्ध और प्रबल ऊर्जा हमारे प्रिय स्वामी के कारण ही है न किसी अन्य कारणों से। स्वामी ने कहा है ‘‘कृपा बरसाने के लिये, मैं केवल तुम्हारे हृदयों की पवित्रता की कामना करता हूँ। मेरे और तुम्हारे मध्य कोई अन्तर नहीं आना चाहिये, गुरू और शिष्य के मध्य औपचारिकताओं का व्यवधान नहीं होना चाहिये, यहाँ तक कि भगवान और भक्त के सम्बन्ध में भी किसी प्रकार की ऊँच और नीच की भावना पैदा नहीं होनी चाहिये मैं न तो गुरू हूँ और न ही भगवान, मैं तुम हूँ और तुम मैं हो, यही सत्य है। हमारे मध्य कोई अन्तर नहीं है। जो कुछ हमें दिखाई देता है वह केवल भ्रम है। मैं सागर हूँ और तुम उसकी लहर हो, इस सत्य को समझ लो और मुक्त और दिव्य बनो I’– Sathya Sai Baba, Guru Poornima Festival, Prashanthi Nilayam, 19 July 1970. 

मेरे भाईओं और बहिनों, यह समय उनके प्रेम के सागर में डुबकी लगाने का है, इस संसार की प्रत्येक वस्तु में दिव्यता का अनुभव करने का है। यह समय है प्रेम के उस अनंत सागर में डूब जाने का, और इस प्रेम को, जो हमारे मार्ग में आयें, उन सभी को बाँटने का। हमारा अंर्तमन प्रेममय है हमारे हृदय के विधुत चुम्बकीय कंपन अत्यधिक शक्तिशाली  हैं वे हमारे चहुँ ओर विभिन्न विध्यमान प्रकार के कंपनो को प्रेममयी आवृत्ति में बदल देने में सक्षम हैं। प्रिय चिकित्सको, इस प्रकार हम स्वंय की और विश्व की प्रेममयी कंपनों के मध्य रहकर सेवा कर सकते हैं, इस प्रकार हम अपने रोगियों की आवृत्ति को बढ़ा सकते है।

हाल ही में एक चिकित्सक ने लिखा है कि ’’अब समय आ गया है जब प्रत्येक चिकित्सक को एक नई क्षमता के साथ कार्य करने के लिये तैयार रहना होगा’’, प्रेम की ज्योति को वाइब्रोनिक्स के माध्यम से फैलाना होगा, इस सेवा कार्य को अपनाना होगा। आइये हम सब मिलकर वाइब्रोनिक्स मिशन के प्रेममय क्षेत्रों को उन सभी लोगों के साथ मिलकर आगे बढ़ायें जिन्होने इस सेवा से लाभ उठाकर अपना जीवन आनन्दमय बना लिया है। क्या मैं यह सुझाव दे सकता हूँ कि प्रत्येक चिकित्सक के संबंध जिन बंधुओं से हैं, रोगियो सहित, उनमें से कौन-कौन से व्यक्ति इस सेवा कार्य के लिये उत्सकु हैं। वे व्यक्ति प्रारम्भ में चिकित्सक की मदद कर सकते हैं जैसे कि बॉटल में पिल्स भरना, रोगियों को आवश्यक सूचना देना और स्वास्थ्य कैंपो की व्यवस्था में सहयोग करना। बाद में उसे चिकित्सक बनने के लिये प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिये प्रेरणा देना। सबसे पहले अपनी पत्नी और रिश्तेदारों को इस सेवा के लिये प्रेरणा दें।

हम यह देखकर बहुत उत्साहित हैं कि हमारे बहुत से समर्पित चिकित्सक आगे बढ़ने हेतु SVP के प्रशिक्षण को प्राप्त करने की इच्छा रखते है। समय की मांग के अनुसार, हमें उन चिकित्सकों की आवश्यकता  है जो इस मिशन को आगे बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभाने की क्षमता रखते हैं। हमें SVP से अत्यधिक उम्मीद है, केवल प्रशासनिक घंटों की सेवा का कोई अर्थ नहीं है। यदि SVP प्रशिक्षण के लिये तुम्हारा आवेदन मान्य नहीं हुआ है तो इसका मुख्य कारण है कि हमें उन चिकित्सकों की आवश्यकता है जिनमें अग्र कार्यकर्त्ता की प्रतिबद्धता हो क्योंकि हमारा मानव संसाधन बहुत सीमित है।

हमारे संसाधन बहुत ही कम हैं अतः हम विवश हैं, अतः मेरा सभी से नम्र निवेदन है कि जो चिकित्सक अपने 108CC बॉक्स को रिचार्जं करना चाहते हैं वे पहले से इस बाबत व्यवस्था कर लें। इस बात का भी ध्यान रखें कि अपनी मासिक रिपोर्ट भी नियमित रूप से भेजते रहें और अपने साथ किसी ऐसे व्यक्ति को भी साथ लेकर आयें जिसकी दृष्टि ठीक हो जो बॉटल्स में दवाई की बूंदे डाल सके या फिर कोई ऐसा चिकित्सक हो जो इस कार्य में आपकी मदद कर सके साथ ही अपने 108CC बॉक्स की दवाओं को रिचार्ज कर ले। 

मैं शुभकामनाओं के साथ अपने लेख को समाप्त कर रहा हूँ और आशा  करता हूँ कि सभी चिकित्सक इस विश्व को अपने प्रेम से भर देंगे। यह कार्य करने के लिये आप एक समय में केवल एक ही विचार अपनायें जीवन की विषम परिस्थितियों में ईश्वर की कृपा से,  आप सभी प्रसन्न रहें। साई की प्रेममयी सेवा में रत रहें!

साईं की प्रेममयी सेवा में

जीत के अग्रवाल