साई व्हाइब्रियोनिक्स पत्रिका

" जब आप किसी हतोत्साहित, निराष या रोग ग्रस्त व्यक्ति को देखते हो, वहीं आपका सेवा क्षेत्र है " Sri Sathya Sai Baba
Hands Reaching Out

प्रश्नोत्तर

Vol 10 अंक 1
जनवरी / फरवरी 2019


1. प्रश्नः यदि मेरी जीवन शैली चिकित्सक के रूप में आदर्श नहीं है और मैं उसका अनुकरण नहीं कर सकता हूँ और मैं उसे रूपांतरण करने में असमर्थ हूँ तो मैं अपने आपको किस प्रकार बदलूँ कि मैं अपने रोगियों के लिये प्रेरणा स्त्रोत बन सकूँ?

   उत्तरः सांसारिक तौर पर कोई भी व्यक्ति दोषहीन नहीं है। लेकिन हमारी दैवीय शक्ति निर्दोष है (इसीलिये स्वामी कहते हैं कि हर व्यक्ति प्रेमावतारहै)। अतः अपने मन को परिवर्तित करो, संकल्प करो और उसका पालन करो। तुम्हें अपना रास्ता मिल जायेगा। ऐसा करने के लिये तुम्हें ईश्वर ने शक्ति प्रदान की है। प्रयासों को ईश्वर सफलता प्रदान करते हैं। परिवर्तन के आनन्द का अनुभव करो। यदि इच्छा बलवती नहीं होगी, यदि परिस्थितियों के सम्मुख तुम झुक जाओगे तो हृदय की गहराई के साथ प्रार्थना करो। यदि आवश्यकता हो तो अपने मित्र या जिस पर तुम्हें विश्वास है उससे चिकित्सक से परामर्श करो और उपयुक्त औषधि शुद्धिकरण के लिये सेवन करो।

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2. प्रश्नः क्या मैं अपने रोगी को पहली खुराक पिल्स के बजाये पानी में दूँ?

   उत्तरः हाँ, यदि समय और परिस्थिति अनुकूल हो। यह एक अच्छा विकल्प है कि प्रथम खुराक पानी में दी जाये। जैसी हम उम्मीद करते हैं कि रोगी औषधि को पानी में ले, यह उसको उस विधि को समझाने में मदद करेगी कि औषधि को पानी में किस प्रकार से लेना है। यह रोगी को घर पर औषधि को पानी में लेने के लिये प्रोत्साहित करेगा। अन्यथा अधिकत्तर रोगी औषधि को जीभ के नीचे रखने में आसानी का अनुभव करते हैं, वह यह भूल जाते हैं कि औषधि पानी में अधिक प्रभावी होती है। यदि तुम्हारे पास बर्तन अतिरिक्त है तो बचे हुये पानी के बर्तन को रोगी को दे देवें। यदि नहीं है तो बचे हुये पानी को पौधों में डाल दें। तुम अपने रोगियों से खाली बॉटल साथ में लाने के लिये कहें।

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3. प्रश्नः क्या यह पेशेवर व उपयुक्त होगा कि रोगी के पास संपर्क करने से पूर्व एक फार्म भेज दिया जाये जिसमें उसके रोग से संबंधित सभी जानकारियाँ प्राप्त हो सकें?

   उत्तरः हाँ, तुम ऐसा कर सकते हो परन्तु इसके पहले तुम्हें रोगी से यह मालूम करना होगा कि ऐसा करने में रोगी को अच्छा लगेगा और वास्तव में फार्म को पूर्णतया भर कर आपके पास प्रेषित करेगा? उसको यह भी समझायें कि फार्म भरने से पहले उसे सोचना पड़ेगा कि उसे क्या-क्या लक्षण है, कब से हैं, घर में आराम है? अपने फार्म को इस तरह का बनायें कि पहली बार में अति संवेदनशील बातों का वर्णन न आये। उसी प्रकार तुम भी सावधानियों को लिखित में दे सकते हो, बातचीत के द्वारा भी सावधानियाँ बताना आवश्यक है। इस प्रकार का नोटिस तुम अपने क्लिनिक या उस स्थान पर जहाँ तुम रोगियों को देखते हो, लगा सकते हो।

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4. प्रश्नः हम रेमेडीज़ को प्लास्टिक की बोतलों में में देते हैं। इस समय पूरे विश्व में एक अभियान चल रहा है प्लास्टिक को न कहो। यह प्लास्टिक कितने समय तक औषधि को नुकसान नहीं पहुँचायेगा या फिर हम कितने समय तक इन बोतलों का उपयोग कर सकते हैं?

   उत्तरः  तुम सच कह रहे हो कि प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना चाहिये। यह अभियान निम्न स्तर के प्लास्टिक के लिये हैं जिसका दुबारा उपयोग नहीं किया जा सकता है और वातावरण में प्रदूषण के स्तर को बढ़ा देते हैं। हम काँच की बोतलों का उपयोग कर सकते हैं। परन्तु वे न केवल महँगी होती हैं बल्कि अव्यवहारिक भी है। वह आसानी से टूट जाती है और उनके टुकड़े पिल्स में मिल सकते हैं। हम धातु की बोतलों का भी उपयोग नहीं कर सकते हैं, इनमें वाइब्रेशन बिगड़ जायेंगे। व्यवहारिक दृष्टि से ही हम प्लास्टिक बोतलों का उपयोग करते हैं, जिन्हें होम्योपैथिक की प्रतिष्ठित दुकान से प्राप्त किया जाता है। घर पर रेमेडी को पानी में बना कर काँच के बर्तन में रखा जा सकता है। एक बार इस्तेमाल की हुई प्लास्टिक बोतल को दुबारा उपयोग में नहीं लाना चाहिये। फूड ग्रेड प्लास्टिक बोतलों को उपयोग में लाया जा सकता है। प्लास्टिक बोतलों का उपयोग अधिक व्यवहारिक है न कि विकल्प।

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5. प्रश्नः रोगियों को नाराज़ किये बिना मांसाहार को त्यागने के लिये किस प्रकार कहा जाये?        

   उत्तरः  जब तक हम रोगी के बारे में अच्छी तरह से जानते नहीं है या हमारे संबंध उसके साथ प्रगाढ़ नहीं हैं तब तक हमें इस विषय पर संक्षेप में ही बात करनी चाहिये। एक बार रोगी को वाइब्रोनिक्स के लाभों के बारे में पूर्ण जानकारी मिल जाये तो उसका तुम्हारे प्रति विश्वास बढ़ जायेगा और तुम जो भी कहोगे उसको अपनाने की इच्छा जाग्रत हो जावेगी। आपसी वार्तालाप संवेदनशीलता के साथ होना चाहिये। बाबा के भक्तों को अधिक आसानी से विश्वास दिलाया जा सकता है। स्वामी के द्वारा दिये गये संदेशो को जो स्वास्थ्य और भोजन पर दिये गये हैं, उनके बारे में लिंक दे सकते हो। ईश्वर ने मनुष्य की रचना इस प्रकार से की है कि हम एक लम्बा जीवन जी सकते हैं और स्वस्थ भी रह सकते हैं यदि हम प्राकृतिक तरीके से जीवन यापन करें, शाकाहारी भोजन करके और जहाँ तक संभव हो सके कच्चा भोजन करके।

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6. प्रश्नः कुत्ते द्वारा काटने पर क्या हम व्यक्ति को CC1.1 Animal tonic दे सकते हैं?

   उत्तरः CC10.1 Emergencies सबसे उपयुक्त रेमेडी है, इसमें सभी उचित और चोटों के अनुरूप कार्डस होते हैं। सदमा, टेटेनस और दैवीय संरक्षण के अलावा भी अन्य कार्डस होते हैं। CC1.1 Animal tonic के मिलाने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह ऐनिमल के स्वास्थ्य को बढ़ाने वाला है तथा उनके कीड़ों और रैबीज़ का उपचार करने वाला है। यदि दुर्भाग्यवश CC10.1 उपलब्ध न हो तो CC1.1 से मदद मिल जायेगी।