साई व्हाइब्रियोनिक्स पत्रिका

" जब आप किसी हतोत्साहित, निराष या रोग ग्रस्त व्यक्ति को देखते हो, वहीं आपका सेवा क्षेत्र है " Sri Sathya Sai Baba
Hands Reaching Out

From the Desk of Dr Jit Aggarwal

Vol 9 अंक 6
November/December 2018


प्रिय चिकित्सको
प्रशान्ति निलयम में हमारे प्रिय स्वामी के 93वें जन्म दिवस के उत्सव के मध्य तम्हें संबोधित करते हुये मुझे अपार हर्ष की अनुभूति हो रही है। आश्रम में भक्तों का बड़ी संख्या में आगमन जारी है, चहुँ और रंगीन सजावट हो रही है तथा सकारात्मक कम्पन हो रहे हैं। यहाँ इस समय बहुत ही उल्लासपूर्ण वातावरण हैं तथा यही उल्लासपूर्ण वातावरण पूरे विश्व में साईं भक्तों के परिवारों में भी व्याप्त है। यह आने वाले उत्सवों की सूचना देने वाला है। आगामी छुट्टियों के समय में क्रिसमस और नव वर्ष को पूर्ण उमंग और उल्लासपूर्ण तरीके से मनाये जाने वाले उत्सवों के लिये उत्साहित हैं। पूरे वर्ष में हमें जो भी उपलब्धियाँ प्राप्त हुई हैं, उनके प्रति आभार व्यक्त करने के लिये ही यह सत्र सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। वास्तव में आभार व्यक्त करने के लिये निस्वार्थ सेवा ही सबसे अच्छा माध्यम है। बाबा के शब्दों में, ’’सेवा की जो महानता है वह अन्य किसी भी प्रकार की साधना में नहीं है (आध्यात्मिक अभ्यास)। यदि सेवा के प्रति हमारा यह मुख्य उद्देश्य रहे और हम विभिन्न प्रकार के आध्यात्मिक अभ्यासों जैसे कि भगवान की प्रशंसा के संदर्भ सुनने, उनकी प्रंशसा में गायन, उनके ध्यानमें मग्न हो जाना, उनके चरणों में दासो के समान झुक जाना और साष्टांग होकर प्रार्थना करना, स्वंय को भगवान का दास और मित्र समझते हुये आध्यात्मिक पथ पर स्वंय की समीक्षा की ¬प्रार्थना करना, तब तुम अहंकार भाव से मुक्त और दुराचार से दूर हो सकोगे। मनुष्य में अहंकार ही पाशविकता की याद दिलाने वाला मुख्य कारण है। सेवा पाशविकता से मुक्ति दिलाती है, उसे मृदुभाव बनाती है, और भगवान के समीप ले जाती है।श्३ैूंउपश्े क्पेबवनतेमए 3तक ैमअंकंस ब्वदमितमदबमए 15 छवअ 1975

अब पतझड़ की ऋतु समाप्त होकर शीतकाल प्रारंभ हो रहा है। जो लोग उत्तरी गोर्लाद्ध में रहते हैं, उनके लिये यह समय अत्यधिक शीत वाला और निष्ठुर होता है परन्तु सूक्ष्म दृिष्ट से देखें तो यह समय ध्यान केन्द्रित करने, शांति व विचार करने के लिये बहुत महत्वपूर्ण है। आयुर्वेद के मतानुसार शीतकाल में वात असंुतलन बढ़ जाता है ;ीजजचेरूध्ध्मदण्ूपापचमकपंण्वतहध्ूपापध्क्वेींद्ध अतः अधिकतर व्यक्ति शीत और फ्लू जैसी बीमारियों से ग्रसित रहते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुये अपने सभी रोगियों को समझा दें कि ठंड या फ्लू का असर होते ही संपर्क करें। वाइब्रो रेमेडीज़ संक्रमण की अवधि को कम कर देती हैं या फिर संक्रमण का प्रभाव ही नहीं होने देती हैं विशेषकर परिवार के अन्य सदस्यों में।
मुझे प्रसन्नता है कि वाइब्रोनिक्स दृिष्टपटल के अनुसार चिकित्सों द्वारा अपनी मासिक रिपोर्ट आॅन लाइन वेबसाईटः  ीजजचेरूध्ध्चतंबजपजपवदमतेण्अपइतपवदपबेण्वतहकेमाध्यम से भेजने की योजना सफलता पूर्वक क्रियान्वित हो रही है। यह योजना न केवल कार्यक्षम है बल्कि डाॅटास को सुरक्षित रखने में सोने की खान बन गयी है। जो लोग आॅनलाइन रिपोर्ट भेजने में असमर्थ हैं उनके लिये भी एक योजना तैयार की गई है, इसके अन्तर्गत स्थानीय मासिक रिपोर्ट समन्वयकों की नियुक्ति की गई है। मेरा आपसे अनुरोध है कि जो भी चिकित्सक थोड़ा समय निकाल कर (इसके लिये सप्ताह में कुछ ही मिनिटों की आवश्यकता होगी। इस कार्य को करने के इच्छुक हों वे अपने नाम 99ेंपतंउ/अपइतपवदपबेण्वतहपर मुझे भेजने का कष्ट करें। इस से क्षेत्रीय समन्वयकों के कार्य में कमी आयेगी और वे अपने समय का सदुपयोग वाइब्रो मिशन की गतिविधियों को बढ़ाने में कर सकेंगे। प्रशिक्षण तथा सेवा कैम्पस में उनका सहयोग मिल सकेगा।
  
मुझे यह बताते हुये अतीव प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है कि जो वैलनेस सेन्टर श्री सत्य साईं इंस्टीटयूट आॅफ हायर लर्निंग में सप्ताह में तीन दिन मंगल, गुरू और शनि को 2.4 च्ड चिकित्सक12051३भारत की देखरेख में चलाया जा रहा है, ने अधिकांश लोगों को इस उपचार विद्या को अपनाने में प्रेरित किया है। पिछले 11 माह में 750 रोगियों का उपचार किया गया है। इनमें से अधिकांश रोगी दूरस्त क्षेत्रों से लम्बी यात्रायें, लगभग तीन दिनों की, करके अपने जीर्ण रोगों जैसे कि हार्ट और ब्रेन का उपचार कराने के लिये आते हैं। ऐसे क्षेत्र जहाँ हाॅस्पिटल की सेवायें उपलब्ध नहीं हैं या जहाँ लम्बी प्रतीक्षा सूची होती है वे लोग भी रोगियों को वाइब्रोक्लिनिक में भेज देते हैं। क्लिनिक में प्रथामिक तौर पर परामर्श करके उसके ऊपर सतत निगरानी, ईमेल/फोन के द्वारा रखी जाती है। आवश्यकता होने पर चिकित्सक आवश्यक काम्बोज रोगी को पोस्ट के माध्यम से भेजते हैं, जिसके लिये कोई शुल्क नहीं लिया जाता है।

हम वाइब्रोनिक्स की वर्ष 2016 के संस्करण को परिवर्तित करने के लिये कठोर श्रम कर रहे हैं। हम आशा करते हैं कि बाबा के जन्म दिवस तक यह कार्य पूरा हो जायगा।

हमारे अन्दर विराजमान स्वामी को हम जन्म दिवस की शुभकामनायें अर्पित करते हैं! मैं प्रार्थना करता हूँ कि यह छुट्टियों का सत्र हमारे जीवन में प्रसन्नता, प्रेम और शक्ति का संचार करेगा और हमें प्रेममयी सेवा को अधिक भक्तिभाव और समर्पण के साथ करने की प्रेरणा देगा।
 
साईं की प्रेममयी सेवा में
जीत के अग्रवाल