साई व्हाइब्रियोनिक्स पत्रिका

" जब आप किसी हतोत्साहित, निराष या रोग ग्रस्त व्यक्ति को देखते हो, वहीं आपका सेवा क्षेत्र है " Sri Sathya Sai Baba
Hands Reaching Out

प्रश्नोत्तर

Vol 9 अंक 5
सितम्बर/अक्टूबर 2018


1. प्रश्न : यदि कोई व्यक्ति अपने नकरात्मक विचारों को छोड़ने में असमर्थ हो तो क्या वाइब्रो उपचार से वह व्यक्ति इस रोग से बाहर आ सकता है और क्या नकरात्मक विचार रोके जा सकते हैं?

उत्तर :  हाँ, वाइब्रो उपचार दोनों का उपचार करने में सक्षम है। बीमारी की अवस्था और नकारात्मक विचारों का आना जो रोगी सकारात्मक विचार धारा के होते हैं वे शीध्र लाभ प्राप्त करते हैं। अतः हमारा पहला प्रयास होता है कि रोगी सकारात्मक हो जाये और सदा आशावादी रहे। हम हमेशा इस बात पर बल देते हैं कि चिकित्सक को इस विद्या में पूर्ण विश्वास होना चाहिये और यह मान लेना चाहिये कि रोगी की समस्याओं का समाधान निश्चय ही होगा। साथ ही यह जानना भी बहुत आवश्यक है कि नकारात्मक विचारों का कारण क्या है? अधिकतर मामलो में डर के अंतर्गत दबी हुई भावनाओं के कारण ऐसा होता है इसके अलावा व्यक्ति की भावनाओं को न समझना (दुतकारना), गुस्सा, दुःख व सदमा भी इसके अन्य कारण हो सकते हैं। चिकित्सक को गहनता के साथ इसकी जानकारी कर लेनी चाहिये तथा कटेगरी 15, 17 एवं 18 से उपयुक्त कॉम्बो का चयन करना चाहिये। यदि रोगी फिर आये और कहे कि फायदा बहुत कम हुआ है तो रोगी के साथ चिकित्सक को बैठकर उसे ढ़ादस बंधाना चाहिये और अन्य योजना बनानी चाहिये। यह सब करने के बाद भी यदि रोगी को कोई लाभ नहीं होता है तो चिकित्सक को धैर्य नहीं खोना चाहिये और न ही वाइब्रो उपचार में अविश्वास करना चाहिये। इसका कारण यह हो सकता है कि रोगी अपनी दमित भावनाओं का प्रकटीकरण करने में असमर्थ हो या फिर पिछले जन्म के कर्मों का प्रभाव हो। अन्त में यही कहा जा सकता है कि ईश्वर ही स्वस्थ करने वाला है वही यह जानता है कि इस जीवन यात्रा में कब और कैसे उसे ठीक करना है। जो लोग ईश्वर में विश्वास करते हैं वह इस बात को मानेंगे जिस प्रकार डॉ० जॉन हिस्लॉप जिन्होंने अपने कैन्सर ग्रस्त शरीर को प्रसन्नता पूर्वक त्याग दिया था, इस बात में विश्वास करते हुये कि मैं शरीर नहीं हूँ और ईश्वर इस बीमारी के साथ हमारे आखिरी कर्मों को समाप्त कर रहे हैं।

यद्यपि कभी-कभी रोग बहुत धीरे-धीरे ठीक होता है इसका कारण होता है शारीरिक कमजोरी जोकि कुपोषण, वातावरणीय प्रभाव, बच्चों का लालन पालन प्रेममय वातावरण में न होना। जब किसी के बचने की उम्मीद न हो, तब प्रसन्नता, स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन का होना संभव नहीं होता है चिकित्सक का मुख्य कार्य रोगी को प्रेम, सकारात्मकता और दिलासा देना होता है।

   ________________________________________

2.  प्रश्न : गाइनेकोमैस्टिया (पुरूषों में स्तन वृद्धि) के लिये कोई सुझाव, CC14.3 अलावा?

उत्तर:  यदि आपके पास 108CC कॉम्बो बॉक्स और वरिष्ठ चिकित्सक का साथ नहीं है तब CC14.3 सबसे अच्छा कॉम्बो है। फिर भी जिनके पास SRHVP है तो वो SR262 Nat Phos 6X…OD को SR381Conium1M…OW  के साथ दे सकते हैं। ऐसी समस्या उन लोगों में पाई जाती है जिनका वज़न बहुत अधिक होता है अतः संतुलित भोजन द्वारा वज़न घटाने से भी इसमें मदद मिल सकती है। 

   _________________________________________

3.  प्रश्न : क्या SRHVP चक्र कार्ड को अलग-अलग उपयोग में लेना चाहिये या सभी कार्डस को मिलाकर रेमैडी बना लेनी चाहिये?

उत्तर: चक्र कार्डस को एक साथ मिलाकर रेमैडी नहीं बनाई जा सकती है। उन्हें अलग-अलग ही उपयोग में लेना चाहिये। CM शक्ति और OD खुराक (सोने से पूर्व) लेने पर, चक्र को संतुलित करने में 2 दिन का समय लगता है। चक्र उपचार के समय अन्य दूसरे वाइब्रो काम्बोज़ नहीं देने चाहिये। यदि रोगी पहले से कोई उपचार ले रहा हो तो चक्र उपचार देने से पहले अन्य उपचार को 3 दिन पहले बंद कर देना चाहिये, चक्र के संतुलित हो जाने पर अन्य उपचार को शुरू किया जा सकता है।

______________________________________

4. प्रश्न : एक दिन में अधिकतम कितनी बार रेमैडी को लिया जा सकता है? कुछ व्यक्ति गोलियों को TDS लेने में भी परेशानी महसूस करते हैं जबकि कुछ लोग 6TD भी लेने को जल्दी स्वस्थ्य होने के लिये, तैयार रहते है। कुछ व्यक्ति औषधि लेने में नियमित नहीं होते है और कहते है कि उपचार प्रभावी नहीं है। ऐसे रोगियों से किस प्रकार का व्यवहार करूँ ?            

 उत्तर:  अधिकतर व्यक्ति जल्दी स्वस्थ्य होना चाहते हैं जबकि रोग उन्हें कई वर्षों से होता है। मनुष्य के भौतिक शरीर के बाहर भी एक घेरा होता है, वाइब्रेशन को शरीर के अन्दर प्रवेश करने से पूर्व पहले बाहरी घेरे में वाइब्रेशन को शक्तिशाली बनना होता है। रोगियों की उम्मीदों का प्रबंध करना तुम्हारे लिये बहुत महत्वपूर्ण है। तुम्हें रोगियों को इस बात के लिये सहमत करा लेना चाहिये कि उपचार से संबंधित सभी निर्देशों को पालन करना रोगी के लिये बहुत आवश्यक हैं क्योंकि इन सभी निर्देशों का पालन करवाना चिकित्सक के कार्यवाही का एक भाग है। नियमित रूप से बताई गई खुराक का सेवन करने से परिणाम जल्दी प्राप्त होते हैं। दवा न लेने से बेहतर है, दवा लेते रहना। एक दिन में खुराक की अधिकतम सीमा 6TD है। 10 मिनट के अन्तराल पर खुराक केवल एक्यूट स्थिति में ली जाती है। हमारे पास कोई भी लिखित प्रमाण नहीं है जो 6TD से अधिक खुराक की अनुशंसा करता हो।

    ________________________________________

  5. प्रश्न : मेरे पास 3 ऐसे रोगी हैं जिनको सिर में जूँ की समस्या है। उपचार हेतु कौन सा कॉम्बो उपयुक्त रहेगा?

उत्तर: उन्हें कॉम्बो CC11.2 Hair problems…TDS या फिर SR315 Staphysagria…OD मुँह के द्वारा। जूँओ के लिये हानिकारक रसायनयुक्त शैम्पू का अनुमोदन नहीं करते है। इससे अच्छा उपाय है कि इस कॉम्बो को पानी में डालकर दो बार (BD) सिर पर मालिश कर लें और बाद में साधारण तरीके से पानी में धो लें।