साई व्हाइब्रियोनिक्स पत्रिका

" जब आप किसी हतोत्साहित, निराष या रोग ग्रस्त व्यक्ति को देखते हो, वहीं आपका सेवा क्षेत्र है " Sri Sathya Sai Baba
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चिकित्सकों की रूपरेखा 10831...India


चिकित्सक10831...भारत यह चिकित्सक पशु चिकित्सा विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री धारक हैं, 37 वर्ष सरकारी संस्था में कार्य करने के बाद वह सहायक प्रोफेसर के पद से वर्ष 2002 में सेवा निवृत हुये हैं, वहाँ उन्होंने पशु चिकित्सक के रुप में कार्य किया था। यद्यपि वह 1985 से ही स्वामी के संपर्क में रहें हैं, लेकिन सेवा दल के सक्रिय सदस्य के रुप में वर्ष 2003 से ही कार्यरत हैं। जब भी पुट्टपर्थी में सेवा करने का अवसर मिलता है तो वे पर्थी यात्रा अवश्य करतें हैं। सितम्बर 2009 में सेवा के दौरान उन्हें एक मित्र से वाइब्रोनिक्स के बारे में जानकारी प्रप्त हुई। वह यह अनुभव करते हैं कि स्वामी के आर्शीवाद के फलस्वरुप ही उन्हें वाइब्रो प्रशिक्षण के लिये सोलापुर, महाराष्ट्र में अवसर प्राप्त हुआ, अगले माह ही वह AVP बन गयें। उस समय के नियमानुसार उन्होंने 54CC बाक्स की मदद से चिकित्सा का कार्य शुरू कर दिया।

प्रारंभ में बहुत कम रोगियों के आने के कारण उन्होंने स्वामी से इस संदर्भ में दखल देने की प्रार्थना की। शीघ्र ही उन्हें रोगियों के उपचार करने का अवसर प्राप्त हो गया। रोगियों में बहुत से रोगी मानसिक समस्याओं से घिरे होते थे। फिर उन्होंने एक बड़ी कम्पनी के कर्मियों का उपचार करना शुरू कर दिया। दिहाड़ी पर काम करने वाले यह कर्मी चिकित्सा के लियें न तो अवकाश ले पाते थे और न ही उपचार का खर्चा उठा पाने में समर्थ थे। उनकी सेवा करने में उन्हें अपार प्रसन्नता मिलती थी। वर्ष 2010 से उन्होंने शिर्डी मन्दिर में गुरुवार को सुबह और शाम उपचार करना शुरू कर दिया जनवरी 2011 में VP बन जाने और 108CC बाक्स को मिल जाने से उनके उपचार की गति तीव्र हो गई। नजदीक की गऊशाला की गायों की चिकित्सा भी करने लगे, वहाँ प्रति सप्ताह दो बार जाते थे। वहाँ वह उन लोगों का भी उपचार करते थे जो वहाँ गाय का पूजन करने के लिये आते थेI

उनकी प्रैक्टिस में एक खुशनुमा मोड़ उस समय आया जब भारत के विभिन्न राज्यों से आये स्वयं सेवको के दल का प्रशातिनिलयम सेवा दल भवन में वाइब्रोनिक्स विधि से उपचार करने का स्वर्णिम अवसर प्राप्त हुआ, वे वहाँ अप्रैल 2014 से नियमित रुप से प्रातः एवं सायं सेवा देते हैं। वह इस कार्य के लिये माह में औसतन 15 दिन पर्थी में दोनो समय उपचार करने के लिये जाते हैं। यह उनके लिये विशेष स्थिति है क्योंकि उन्हे अपने परम आदरणीय स्वामी के निवास पर सेवा करने का अवसर प्राप्त होता है। इससे उन्हे विभिन्न प्रजातियों के विभिन्न प्रकार के रोगों का उपचार करने का अनुभव प्राप्त होता है। उनके रोगियों में बहुत से ऐलौपैथिक डाक्टर्स भी होते हैं जो इस उपचार की सफलता से प्रेरित होकर अपने रोगियों, सम्बन्धियों, मित्रो को वाइब्रो उपचार की न केवल जानकारी देते हैं बल्कि मैडिकल रिर्पोट देकर उनकी सहायता भी करतें हैं। पशु विज्ञानी होने के कारण, वह स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं को  बड़ी आसानी से समझ जातें हैं और रोगी को शीघ्र ही रोग से निजात दिला देते हैं।

वे हैदराबादी निवासी हैं और शिर्ड़ी मंदिर में प्रति माह वाइब्रो सेवा के लिये जाते हैं साथ ही गऊशाला में भी जातें हैं। वर्ष में दो बार प्रशांति सेवा के लिये भी जाते हैं। वह प्रशांति में रखरखाव और स्वच्छता दल के सक्रिय सदस्य हैं।

तीव्र रोगों से पीड़ित व्यक्तियों के उपचार के लिये वह सदैव अपने साथ वैलनेस किट रखतें हैं जिससे कि उनका उपचार तुरंत किया जा सके। वह उनके साथ हुई एक दिलचस्प घटना के बारे में बतातें हैं कि एक बार वह सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के मुख्य गेट पर रात्रि के समय अपने कार्य का निर्वाह कर रहे थे तो वहाँ पर एक कुत्ता लड़खड़ाता एवं दर्द से तड़पता हुआ आया। उन्होंने उसे मूव वैल नामक कॉम्बो पानी में डालकर दिया, उसने उस कॉम्बो का चार बार नियमित अंतराल पर सेवन किया। आधा घंटा बीतते ही, वह बिना लड़खड़ाये दौड़ कर वहाँ से चला गया।

बारंबार होने वाली स्किन ऐलर्जी, श्वसन संबधी रोग, और तनाव से ग्रसित रोगियों के लिये वह CC17.2 Cleansing कॉम्बो को देने की सलाह देते हैं। उनके अनुभव से, CC12.4 Autoimmune diseases कॉम्बो सोरायसिस, पार्किन्स ड़िजीज व रोग के अज्ञात कारण के लिये बहुत प्रभावी है।

चिकित्सक 108CC कॉम्बो बॉक्स के सेवा कार्य से संतुष्ट है, इससे उसे अच्छी सफलतायें प्राप्त हो रहीं हैं अतः वह SVP के स्तर को प्राप्त करने के लिये इच्छुक नहीं हैं। फिर भी, वह अपने साथ बचाव के लिये कुछ औषधियाँ जैसे कि बैच फ्लावर, जिसे वरिष्ठ चिकित्सक ने तैयार किया है, रखते हैं जिससे कि मानसिक समस्याओं से पीड़ित रोगियों को तुरन्त उपचार दिया जा सके। उन्होंने निम्न रोगों के उपचार में पूर्ण सफलता प्राप्त की है, आत्म विश्वास में कमी, अकड़, अत्यधिक नकारात्मकता, अत्यधिक डर, अवसाद। उनके अनुसार, वाइब्रोनिक्स ने उन्हें वास्तविक सेवा  को समझने का अवसर प्रदान किया है, उनके व्यवहार में करूणा का भाव जाग्रित हुआ है। इसी वजह से वह अपने रोगियों की स्वामी के प्रति समर्पित होकर बड़े प्रेम के साथ सेवा करते हैं। वह इस बात पर भी बल देतें हैं कि यदि किसी व्यक्ति की लम्बे समय तक सेवा करने की इच्छा हो तो साई वाइब्रोनिक्स उसके लिये आर्शीवाद स्वरुप है!