चिकित्सक की रुपरेखा 11529...India
चिकित्सक 11529एक ग्रहणी है। इन्होंने हिंदी विषय से स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की है। इन्होंने स्वामी के प्रथम बार दर्शन 2006 में किए जबकि उनकी दो पुत्रियां साईं आध्यात्मिक शिक्षा (SSE) ग्रहण कर रही थी कैलिफोर्निया में। एक पेशेवर कुचिपुड़ी नर्तकी होने के नाते, उन्हें 2007 में बच्चों को ईश्वरम्मा दिवस प्रस्तुति के लिए एक नृत्य सिखाने के लिए आमंत्रित किया गया था। इसके पश्चात वह नियमित रूप से साईं केंद्र पर जाने लगी और वहां की गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेने लगी। वर्ष 2010 में बंगलुरु में आ जाने पर उन्होंने जनरल व सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, व्हाइटफील्ड के सेवादल में काम करना शुरू कर दिया था।
उनके पति द्वारा प्रोत्साहित किए जाने पर उन्होंने 2013 में वाईब्रिओनिक्स की कार्यशाला में प्रवेश ले लिया। इनके पति को एक वरिष्ठ चिकित्सक ने वाइब्रॉनिक्स के बारे में जानकारी दी थी। चिकित्सक को शुरू से ही वाईब्रिओनिक्स के प्रभाव के बारे में कोई संदेह नहीं था। वह स्वयं ही अपनी पहली रोगी थी। उन्होंने सबसे पहले अपना उपचार किया, वह स्लिप डिस्क C4-C6 से परेशान थी। जो उन्हें 20 वर्ष पहले दुर्घटनावश हो गई थी। हर सुबह उठना उनके लिए एक मुसीबत का कार्य था क्योंकि उठने पर पीठ तथा गर्दन में भयंकर दर्द होता था। केवल 2 दिन CC20.5 Spine का सेवन करने से दर्द गायब हो गया था। तभी से उनके सभी परिवार वाले केवल वाईब्रो उपचार लेते हैं और एलोपैथिक औषधियों को बिल्कुल नकार दिया है।
अगस्त 2013 से चिकित्सक नियमित रूप से शनिवार को साईं गीतांजलि में उपचार हेतु जाती हैं। इस सेवा के दौरान उन्हें बहुत संतुष्टि मिलती है, जब वह 10 से 20 वर्षों से पीड़ित रोगियों को स्वस्थ होते हुए देखती है। उनके बहुत से करीबी रिश्तेदार और मित्रों को भी इस उपचार से लाभ प्राप्त हुआ है। उनके ब्रदर-इन-लॉ जो 20 वर्षों से एपिलेप्सी से पीड़ित थे, वे भी इस उपचार से लाभान्वित हो गए।
जब उनको वैलनेस केंद्र पर उपचार के लिए बुलाया गया तो वह बहुत उत्साहित हो गई थी। आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उन्होंने VP का 2017 में प्रशिक्षण पूरा कर लिया था और IASVP की सदस्य बन गई। केंद्र पर रोगियों की संख्या बढ़ने लगी थी। वह ऐसे रोगियों को बुलाती थी जिन्हें हृदय के फेल होने की संभावना होती थी जिसके लिए कोई उपचार नहीं है। उन सभी को वाईब्रिओनिक्स उपचार से लाभ मिलता था। वह अपनी शीशियों को दुबारा भरवाने की पेशकश करती थे। वे बहुत से लोगों को जो दूर रहते थे पोस्ट के माध्यम से औषधियां भेजती थी। अब तक उन्होंने 1500 रोगियों का उपचार कर लिया है। उन्होंने विभिन्न रोगों का उपचार किया है उनमें से कुछ रोग जिनमें उन्हें पूर्णतया सफलता मिली है, वह हैं - गठिया, जोड़ों का दर्द, हर्पिस । वह यह मानती है कि यह अन्य रोगों के साथ भी संभव है यदि रोगी निर्देशों का कड़ाई के साथ पालन करें।
चिकित्सक स्वामी के प्रति बहुत आभारी हैं कि उन्होंने लोगों को स्वस्थ बनाने का उन्हें अवसर प्रदान किया। वह महसूस करती हैं कि इससे उनका आंतरिक रूपांतरण हुआ । वह कम उत्तेजित होती हैं मानसिक तौर पर शांत रहती हैं और समस्याओं से घबराती नहीं है बल्कि यह सोचती हैं कि स्वामी उनको मजबूत बनाने के लिए परीक्षा ले रहे हैं। चिकित्सकों को उनकी सलाह है कि वाईब्रिओनिक्स में पूरा विश्वास रखें ।अपने कार्य को अच्छी तरह करें और परिणाम को स्वामी पर छोड़ दें।
अनुकरणीय उपचार :