चिकित्सक की रुपरेखा 11217...India
चिकित्सक 11217 एक स्नातक है और पूर्व एंटरप्रेन्योर है वह स्वामी के संपर्क में अपने बचपन से ही आने के लिए भाग्यशाली है। वाइब्रॉनिक्स के बारे में उन्हें वर्ष 2009 में सूचना मिली जब उनके डॉक्टर ने बताया कि उनको ट्राईग्लिसराइड का स्तर बहुत अधिक 450 mg/dL हैI जबकि सामान्य स्तर <150 mg/dL होता है और उन्हें एलोपैथिक औषधि दी जिससे कि उनका लिपिड प्रोफाइल नियमित हो जाए। उसी दिन शाम को भजनों के बाद उनकी मुलाकात एक चिकित्सक से हो गई तभी उन्होंने निश्चय कर लिया कि वाईब्रिओनिक्स उपचार करा लेना चाहिए। उन्हें CC4.2 Liver & Gallbladder tonic...TDS दिया गया। 1 माह के बाद उन्होंने वापस चेकअप कराया तो स्तर 220 mg/dL हो गया
वर्ष 2010 में वृंदावन आश्रम में सेवा दल के रूप में कार्य कर रहे थे तो उन्हें AVP प्रशिक्षण में प्रवेश लेने का अवसर प्राप्त हुआ जो वहीं आश्रम में होने वाला था। कोर्स को सफलतापूर्वक करने के पश्चात पूरा समूह 108 सीसी बॉक्स और प्रमाण पत्र के साथ स्वामी के दर्शन के लिए प्रशांति निलयम गया। ट्रेन से लौटते समय एक सहभागी ने अपनी पुरानी बीमारी के लिए औषधि की मांग की। इस प्रकार उनकी चिकित्सा ट्रेन में ही शुरू हो गई।
उन्होंने अपने निवास, स्थानीय भजन केंद्रों और चिकित्सा शिविरों में रोगियों का इलाज करना शुरू किया और प्रतिदिन दो से तीन रोगियों को उपचार देने लग गए थे। जिला सेवा समन्वयक होने के नाते, वे जब भी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में सेवा दल की ड्यूटी देते थे तो वह 108 सीसी बॉक्स को अपने साथ रखते थे। वर्ष 2011 से 2013 तक उन्होंने व्हाइटफील्ड के सेवा दलों का उपचार किया। वर्ष 2013 में उन्होंने SSSSO डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर पर प्रदर्शनी लगाई जिसमें वाईब्रिओनिक्स उपचार के बारे में विस्तार से बताया गया था। प्रदर्शनी को बड़ी संख्या में लोगों ने देखा था। लेकिन उनकी चिकित्सा में बढ़ोतरी वर्ष 2014 में हुई जब वृंदावन में एक माह का साधना शिविर लगा था जिसमे वाईब्रिओनिक्स उपचार को भी शामिल किया गयाI रोगियों और आश्रम के कार्यकर्ताओं द्वारा इस उपचार को बहुत समर्थन मिला और इस प्रकार आश्रम में ही वाईब्रिओनिक्स क्लिनिक की स्थापना हो गई। यह केंद्र सातों दिन खुला रहता है और वहां पर हजारों रोगियों का उपचार किया जा चुका है। प्रतिदिन 10 से 15 रोगियों का उपचार वहां होता है। सप्ताहांत में, दो अन्य चिकित्सक भी उनकी मदद के लिए वहां जाते हैंI
चिकित्सक को अपने कार्य में अत्यधिक सफलता प्राप्त हुई है। लगभग 60% रोगी ऐसे हैं जिन्हें पूर्ण स्वास्थ्य लाभ हुआ है। एक मामले में, आश्रम के ही एक सेवादल के सदस्य की बेटी बहुत ही आक्रामक व्यवहार वाली थी। उसके पिता ने उसका पिछले तीन वर्षों में बहुत उपचार करा लिया था परंतु उस लड़की के व्यवहार में कोई अंतर नहीं पड़ा था। पिछले 6 माह के दौरान तो हालात और अधिक बिगड़ गए थे। वह अपनी मां को गालियां भी देने लगी थी। उसके अभिभावक परेशान होकर चिकित्सक के पास गए उन्होंने उसको CC15.1 Mental & Emotional tonic + CC15.2 Psychiatric disorders + CC18.1 Brain disabilities औषधि दी। इस औषधि से उसके व्यवहार में धीरे-धीरे परिवर्तन आने लगा और 3 माह के उपचार के बाद वह अपनी सेवा ड्यूटी पर वापस जाने लगी। एक अन्य मामले में किसी ट्रस्टी के महिला रिश्तेदार अल्जाइमर रोग से ग्रसित हो गई। इसके कारण बेचैन हो गई बिना किसी कारण के इधर-उधर घूमती रहती थीI डेढ़ वर्ष तक उसका उपचार चला लेकिन कोई लाभ नही हुआI ऐसी स्तिधि में वाईब्रिओनिक्स उपचार ही काम आयाI उसे CC18.2 Alzheimer's disease दिया गयाI थोड़े समय बाद ही रोगी की बेचैनी शांत हो गई, वह विचारों का आदान-प्रदान भी करने लगी थी तथा इधर-उधर घूमने की अपेक्षा घर पर ही रहने लगी थीI इस प्रकार के एक अन्य मामले में एक लड़के की मस्तिष्क की शल्य क्रिया एक गांठ निकालने के लिए हुई थी लेकिन उसका ज्वर कम नहीं हो रहा थाI अतः चिकित्सकों ने आशा छोड़ दी थी। चिंतित अभिभावक आश्रम में आए वहां उन्हें CC9.4 Children's diseases औषधि दी गई। इस औषधि की केवल दो खुराक से ही ज्वर उतर गया।
चिकित्सक का कहना है कि मनुष्य के अलावा सभी जीवित प्राणी प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर रहते हैं। वह अपना जीवन पूरा जीते हैं और किसी भी प्रकार की औषधि का सेवन नहीं करते हैं ना ही शल्य क्रिया पर निर्भर करते हैं। अन्य जीव-जंतुओं की भांति ही मनुष्य का शरीर है जिसमें स्वयं के उपचार करने की क्षमता और स्व-प्रजनन तंत्र हैI चूकिं हम प्रकृति के नियमों का पालन नहीं करते हैं अतः हम विभिन्न प्रकार के रोगों से ग्रसित हो जाते हैं। वाईब्रिओनिक्स शरीर में संतुलन बनाने का प्रयास करती हैI चिकित्सक अनुभव करते हैं कि यह औषधि तीनों स्तरों पर शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन बनाकर स्वस्थ करती है। इन तीनों स्तरों के अलावा वातावरण पर भी प्रभाव पड़ता है और वह स्वामी के आभारी है कि उन्होंने उसे इस सेवा में योगदान देने के लिए सक्षम बनाया हैI
अनुकरणीय उपचार :