साई व्हाइब्रियोनिक्स पत्रिका

" जब आप किसी हतोत्साहित, निराष या रोग ग्रस्त व्यक्ति को देखते हो, वहीं आपका सेवा क्षेत्र है " Sri Sathya Sai Baba
Hands Reaching Out

ओरोफेरीन्जियल डिस्फेजिया 11613...India


एक 57-वर्षीय महिला को निगलने में परेशानी होती थी। एक बार मुंह में रखी चीज को निगलने में कठिनाई होती थी। 12 मार्च 2019 को 10 दिन तक परेशान रहने के बाद उसने डॉक्टर से संपर्क किया जिसने उन्हें उक्त रोग की जानकारी दी। उसके मुंह में छाले भी थे। 5 अप्रैल 2019 परीक्षणों के बाद यह मालूम पड़ गया था कि यह मौखिक लिचेन प्लेनस, एक ऑटो-प्रतिरक्षा विकार के रूप में पुष्टि की; इसके लिए भी उपचार दिया गया। 5 महीने बाद मुंह के छाले ठीक हो गए थे और उसके लिए दी गई औषधि को 25 सितंबर 2019 को बंद कर दिया थाI चूंकि डिसफैगिया अभी भी बाकी था, अतः 26 नवंबर 2019 को एंडोस्कोपी की गई। इससे यह पता चला कि एक गांठ रूपी पतली-पतली झिल्ली श्वसन नालिका और ऐसोफागस के मध्य बन गई है। इस झिल्ली को हटाने के लिए शल्य क्रिया की आवश्यकता समझी गई। रोगी ने वाईब्रीओनिक्स उपचार कराना उचित समझा और सभी औषधियां बंद कर दी । उसने 27 नवंबर 2019 को चिकित्सक से संपर्क किया तो वह अपने स्वास्थ्य के बारे में बहुत चिंतित दिखी।

जिसने उसे निम्न औषधि दी:
C4.10 Indigestion + CC12.4 Autoimmune diseases + CC15.1 Mental & Emotional tonic + CC18.4 Paralysis…6TD1 सप्ताह के लिए तदोपरांत TDS

चूंकि ऐसोफागस में भोजन की गति धीमी थी शायद कमजोर मांसपेशियों के कारण अतः CC18.4 Paralysis  को मिलाया गया था। 2 सप्ताह बाद 12 दिसंबर को रोगी ने बतलाया कि गले की अवरोध ठीक हो गई है। 5 जनवरी 2020 को खुराक OD कर दी गई 1 माह के लिए, तथा 5 मार्च 2020 को बंद कर दी गई। इसके अतिरिक्त उसको CC12.1 Adult tonic  और CC17.2 Cleansing के मासिक चक्र पर रखा गया। सितंबर 2020 तक उसे कोई परेशानी नहीं थी।