अम्लता 12013...India
एक 62-वर्षीय पुरुष को वरिष्ठ प्रबंधन अधिकारी के पद से उच्च पद जो अधिक जिम्मेदारी का पद था, पर वर्ष 2006 में, पर्मोट किया गया था। इससे वह अधिक तनाव ग्रस्त हो गया था तथा मुंह में खट्टेपन, डकार, पेट फूलने, अम्ल पर्तिवाह जैसी शिकायत होने लगी थी, यह शिकायतें उसे सुबह के नाश्ते व हर बार के भोजन के बाद होती थी। सुबह एक बार में ही उसका पेट साफ नहीं होता था, उसे दो-तीन बार जाना पड़ता था। वर्ष 2007 में, उसके डॉक्टर ने उसको प्रतिदिन पेंटासिड खाने की सलाह दी थी। उसने यह गोली लगातार 5 वर्षों तक खाई। इस गोली से उसे आराम तो मिला परंतु जो समस्याएं थी वह तो ज्यों की त्यों ही रही। वह इन समस्याओं का सामना,1 सप्ताह में दो-तीन दिन तक, करता था । वर्ष 2010 में,वह सेवानिवृत्त हो गया अतः ऑफिस का तनाव भी खत्म हो गया था लेकिन तनाव अभी भी कायम था, क्योंकि वह अब बहुत सी सेवा गतिविधियों में मुख्य भूमिका निभाने लगा था। वह अभी भी अपनी एलोपैथिक गोलियों पर निर्भर था वह सोचता था कि इसके अलावा कोई अन्य उपाय भी नहीं है। वर्ष 2011 में,वाईब्रोनिक्स चिकित्सक बनने के बाद उसने स्वयं पर रेमेडीज के प्रभाव को जांचने का का मन बना लिया। उसने 8 नवंबर को निम्न औषधि का सेवन शुरू कर दिया:
CC4.1 Digestion tonic + CC4.10 Indigestion + CC15.1 Mental & Emotional tonic…QDS
तीन माह में ही उसे पेट फूलने, अम्ल प्रतिवाह, डकार आने की समस्या से 70% निजात मिल गई थी। 15 फरवरी 2012 को उसने पेंटासिड गोली को एक दिन छोड़ कर लेना शुरू कर दिया। 31 मार्च से उसने इस गोली को हफ्ते में केवल दो बार लेना शुरू कर दिया। वह वाइब्रॉनिक्स औषधि को निरंतर लेता रहा। 1 जुलाई को वह पूर्णतया स्वस्थ हो गया था। पेंटासिड को लेना बंद कर दिया तथा वाइब्रो औषधि की खुराक को भी TDS कर दिया गया था। ढाई माह बाद भी किसी लक्षण की वापसी नहीं हुई तो उसने खुराक को OD कर दिया उसके पश्चात, 15 नवंबर 2012 को उसने उपचार को बंद कर दिया। अभी तक उन्हें किसी भी प्रकार की तकलीफ नहीं हुई है।