साई व्हाइब्रियोनिक्स पत्रिका

" जब आप किसी हतोत्साहित, निराष या रोग ग्रस्त व्यक्ति को देखते हो, वहीं आपका सेवा क्षेत्र है " Sri Sathya Sai Baba
Hands Reaching Out

दु:स्वपन को दूर करना 11601...India


एक 11-वर्षीय बालिका के पांव में बहुत दर्द रहता था विशेषकर जांघ में और पेट के मध्य में, जिसके कारण वे 3 सप्ताह से स्कूल भी नहीं जा पा रही थी। उसकी हालत को देखकर तो यही अनुमान होता था कि उसको मासिक धर्म शुरू होने वाला है। उसकी अभिभावकों ने एलोपैथिक डॉक्टर से भी संपर्क किया था, उसका भी यही अनुमान था कि यह सब मासिक धर्म शुरू होने के ही लक्षण है। औषधियों का कोई प्रभाव नहीं होने के कारण उसके अभिभावक बालिका को वाइब्रो चिकित्सक के पास 3 अगस्त 2018 को, ले गए।

आपसी बातचीत और चिकित्सक के प्रेम पूर्ण व्यवहार से प्रभावित होकर अपनी सारी व्यथा चिकित्सक को बतलाई। उसने बतलाया कि 3 सप्ताह पूर्व उसने एक स्वपन देखा था कि एक सफेद वस्त्र पहने एक महिला उसके पास आई और उसने बालिका के मुंह और सिर पर प्रहार किया और फिर गायब हो गई। दूसरे दिन प्रातः काल से ही उसे यह असहनीय दर्द होने लगा तथा इतनी भयभीत हो गई थी कि सोते समय वह अपनी मां के साथ सोने लगी थी। उसके अभिभावकों को इस बात से बहुत आश्चर्य हुआ क्योंकि वह इस सत्य से अनभिज्ञ थे। बातचीत से पता चला कि उनके निवास से दो मकान छोड़कर एक मकान में एक महिला ने आत्महत्या कर ली थी।

समस्या के कारण को समझकर चिकित्सक ने उसे निम्न उपचार दिया:
CC3.7 Circulation + CC4.8 Gastroenteritis + CC4.10 Indigestion + CC10.1 Emergencies + CC12.2 Child tonic + CC15.2 Psychiatric disorders + CC18.5 Neuralgia + CC20.4 Muscles & Supportive  tissue … हर 10 मिनट के अंतराल पर 1 घंटे तक तदोपरांत 6TD.

उसकी अभिभावकों ने एलोपैथिक उपचार बंद कर दिया था। 3 दिनों के पश्चात 6 अगस्त तक उसके सभी लक्षणों में 50% तक का सुधार हो गया था। उसने स्कूल जाना भी शुरू कर दिया था। खुराक को TDS कर दिया गया। 1 सप्ताह के बाद 13 अगस्त को पुल आउट होने के कारण उसके मुंह पर व हाथों पर रैशेज़ हो गए थे। लेकिन उसे औषधि का सेवन करते रहने का परामर्श दिया गया। 20 अगस्त को बालिका ने सूचना दी कि अब उसके पैरों में व पेट में दर्द नहीं है और ना ही रैशेज है।

27 अगस्त 2018 को उसके पिता ने सूचना दी कि अब उसकी पुत्री पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गई है, प्रतिदिन स्कूल जाती है और परीक्षा की तैयारी कर रही है। जब बोतल की सभी गोलियां समाप्त हो गई तो अभिभावकों ने उपचार बंद कर दिया। 15 फरवरी 2020 तक उस बालिका को समस्या नहीं हुई थी। पुत्री के पिता ने चिकित्सक को धन्यवाद दिया जिनकी वजह से उनकी पुत्री पूर्णतया स्वस्थ हो सकी।


संपादकीय टिप्पणी:  हम चिकित्सक के प्रयास की सराहना करते हैं कि उसमें केवल अनुमान के आधार पर ही उपचार नहीं किया बल्कि रोग के कारण को ढूंढने का प्रयास करके उसका ही उपचार किया। उपचार केवल CC12.2 Child tonic + CC15.2 Psychiatric disorders को देकर किया जा सकता था।