साई व्हाइब्रियोनिक्स पत्रिका

" जब आप किसी हतोत्साहित, निराष या रोग ग्रस्त व्यक्ति को देखते हो, वहीं आपका सेवा क्षेत्र है " Sri Sathya Sai Baba
Hands Reaching Out

जीर्ण खाँसी 11573...भारत


एक सोलह वर्षीय बालक 3 वर्ष की आयु से ही बार-बार (हर माह) खाँसी से पीड़ित रहता था। खाँसी के साथ ज्वर भी हो जाया करता था, गले में खराश व जुकाम भी हो जाता था। बदलते हुये मौसम में आवृत्ति बढ़ जाती थी। हर बार ऐलोपैथिक उपचार से 5-6 दिनों में वह स्वस्थ हो जाता था। लेकिन यह अस्थायी होता था। उसकी माँ जिसने अपने लिये वाइब्रो उपचार लिया हुआ था, उसको लेकर चिकित्सक के पास पहुँची। उस बालक को उस समय मामूली सी खाँसी जुकाम की शिकायत थी। इस बार उसने ऐलोपैथिक उपचार नहीं लिया। 

5 अगस्त 2018 को चिकित्सक ने उसको निम्न उपचार दिया :
#1. SR218 Base Chakra…OD एक सप्ताह के लिये।

उसे किसी भी प्रकार का पुल आऊट नहीं हुआ बल्कि उसकी तबियत में सुधार होने लगा। 3 दिन बाद 15 अगस्त 2018 को उसे निम्न मियाज्म दिया गया : 
#2. SR252 Tub-Bac…एक खुराक।
दूसरे दिन ही बालक ने सूचित किया वह बहुत स्वस्थ महसूस कर रहा है तथा खाँसी और जुकाम के सभी लक्षण समाप्त हो गये है। चूँकि पुल आऊट नहीं हुआ था अतः #2 की दूसरी खुराक 30 अगस्त 2018 को दी गई। 3 सप्ताह के बाद बालक ने सूचित किया कि वह बिल्कुल स्वस्थ है। इस बार भी पुल आऊट नहीं होने के कारण औषधि #2 की खुराक देने की आवश्यकता नहीं थी। 

बालक पूर्ण रूप से स्वस्थ है और मौसम में परिवर्तन का भी उस पर कोई प्रभाव नहीं हुआ था। वर्ष 2018‌‌-19 के सर्दियों के समय भी वह बिलकुल स्वस्थ रहा। 17 अप्रैल 2019 को यद्यपि बालक को कोई समस्या नहीं थी फिर भी चिकित्सक ने उसे CC12.1 Adult tonic…TDS रूप में एक माह तक लेने में फिर अगले माह CC17.2 Cleansing…TDS रूप में लेते रहने की सलाह दी। यह क्रम उसे पूरे एक साल तक चलाना था। उससे उसकी रोग प्रतिरोध क्षमता में बढ़ोत्तरी हो जाती।

जिन चिकित्सकों के पास  SRHVP मशीन नहीं है उन्हें वरिष्ठ चिकित्सकों से परामर्श ले लेना चाहिये।