साई व्हाइब्रियोनिक्स पत्रिका

" जब आप किसी हतोत्साहित, निराष या रोग ग्रस्त व्यक्ति को देखते हो, वहीं आपका सेवा क्षेत्र है " Sri Sathya Sai Baba
Hands Reaching Out

क्रोहन रोग 11594...भारत


आस्ट्रेलिया की एक 62 वर्षीय वृद्धा 7 वर्षों से क्रोहन रोग से पीड़ित थी। रोग के लक्षण थे, तीव्र पेट दर्द, पेट में सूजन, कब्ज और डायरिया के मध्य बार-बार मल त्यागना, थकान, भूख में कमी, धीरे धीरे वजन कम होना। डाक्टर्स ने उनकी बड़ी आंत के एक हिस्से को शल्य क्रिया द्वारा निकाल दिया। यह शल्य क्रिया 2013 में की गई परन्तु इससे भी कोई लाभ नहीं हुआ। डाक्टर्स ने यह भी कहा कि क्रोहन रोग का अभी तक कोई उपचार नहीं है अतः रोगी ने अपनी जीवन शैली में परिवर्तन करना शुरू कर दिया। उसने ध्यान प्रक्रिया, व्यायाम और भोजन पर नियंत्रण करना शुरू कर दिया लेकिन इससे भी रोगी को कोई लाभ नहीं मिला जिससे वह बहुत निराश हो गई थी। जब भारत में वह अपनी सहेली के माध्यम से चिकित्सक से मिली उस समय वह बहुत ही सीमित मात्रा में भोजन ले रही थी। भोजन में केवल तरबूज के 2-3 टुकड़े और एक अन्डे का ऑमलेट ही शामिल था।

10 अप्रैल 2018 को उसे निम्न कॉम्बोज़ से उपचारित किया गया :

#1. CC4.1 Digestion tonic + CC4.4 Constipation + CC4.6 Diarrhoea + CC10.1 Emergencies + CC12.1 Adult tonic+ CC15.1 Mental and emotional tonic…एक खुराक प्रति 10 मिनट के अन्तराल से 2 घंटों तक तथा दूसरे दिन से 6TD.

दूसरे दिन ही लक्षणों में 60% लाभ दृष्टिगोचर हुआ लेकिन पेट की गड़बड़ी में कोई परिवर्त्तन नहीं हुआ था। दस दिनों के पश्चात सभी लक्षण समाप्त हो गये थे अतः खुराक को TDS कर दिया गया। रोगी को जल्दी ही आस्ट्रेलिया लौटना था अतः उसको 6 माह के लिये औषधि दे दी गई। चिकित्सक ने उसे खुराक में परिवर्तन करने की विधि अच्छी तरह से समझा दी थी। एक माह के पश्चात रोगी ने खुराक को OD कर लिया था। 7 जून 2018 को रोगी से ई-मेल के माध्यम से अन्तिम बार संपर्क हुआ, रोगी बिलकुल स्वस्थ हालत में थी। बीमारी का कोई भी लक्षण पुनः नहीं आया था। उसने अपनी खुशी का इजहार अपने मित्रों के साथ यह कहते हुये किया कि भारत की इस बेशकीमती दवा ने कभी न ठीक होने वाले रोग को ठीक कर दिया है।