साई व्हाइब्रियोनिक्स पत्रिका

" जब आप किसी हतोत्साहित, निराष या रोग ग्रस्त व्यक्ति को देखते हो, वहीं आपका सेवा क्षेत्र है " Sri Sathya Sai Baba
Hands Reaching Out

अपवर्तक मिर्गी 11591...India


एक 18 वर्षीय युवक को  पिछले वर्षों से प्रतिदिन मिर्गी के झटके अनुभव होते थे, उसने वाइब्रो चिकित्सक से 18 दिसम्बर 2017 को उपचार करने के लिये प्रार्थना की। बीमारी के आक्रमण के कारण वह जैसी भी स्थिति में होता था जमीन पर गिर जाता था। वह प्रतिदिन 4.5 बार मिर्गी के झटके महसूस करता था, यह स्थिति 2 से 3 सैकण्ड तक रहती थी। इसके पश्चात् उसे इस घटना की याद नहीं रहती थी। यह आक्रमण किसी भी समय कहीं पर भी हो जाता था। डॉक्टर्स ने इसको अपवर्तक मिर्गी (ड्रग रेसिसटेन्ट) नाम दिया था। इसके उपचार के लिये उन्होंने ब्रेन सर्जरी की अनुशंसा की थी क्योंकि यह बीमारी अत्यंत घातक थी। ऐलोपैथिक दवाओं का सेवन कर रहा था परन्तु उसका कोई लाभ नहीं हुआ।

उसे निम्न काम्बो दिये गये तथा एलोपैथिक उपचार को सेवन करते रहने की सलाह भी दी:

CC10.1 Emergency + CC15.1 Mental & Emotional tonic + CC18.3 Epilepsy...TDS

बाइव्रो उपचार लेने से पहले तीन दिन तक उसे प्यास बहुत लगी। 5वें दिन से मिर्गी के दौरों की संख्या में कमी आने लगी। 10वें दिन संख्या, एक प्रतिदिन रह गई। 15वें दिन मिर्गी का दौरा नहीं पड़ा। ऐसा 2 वर्षों में पहली बार हुआ।

20वें दिन वह अनर्गल तरीके से बोलने लगा, उसकी ऐलोपैथिक औषधि बदल दी गई थी। वह ना तो खड़े रह सकता था और ना हीं बैठ पाता था और लगातार गिरता रहता था। उसको हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, औषधि बदली गई, तदुपरान्त दूसरे दिन हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई।

25वें दिन के बाद से मिर्गी के दौरे कई माह तक बन्द रहे। उसके पश्चात् उसको 2-3 हफ्तों में कभी-कभी दौरे पड़ते थे लेकिन 2 से 3 सेकण्ड के लिये ही। अगस्त के आखिर से वह दोनों प्रकार की औषीधयों का सेवन कर रहा है। उसे दो माह से मिर्गी का दौरा नहीं पड़ा हैं।