साई व्हाइब्रियोनिक्स पत्रिका

" जब आप किसी हतोत्साहित, निराष या रोग ग्रस्त व्यक्ति को देखते हो, वहीं आपका सेवा क्षेत्र है " Sri Sathya Sai Baba
Hands Reaching Out

डॉ० जीत के अग्रवाल की कलम से

Vol 15 अंक 1
जनवरी/फ़रवरी 2024


प्रिय चिकित्सकों,

यह प्रशांति निलयम में सबसे रोमांचक समय में से एक है - छुट्टियों का मौसम। वर्ष के इस समय में, कई देशों, कई धर्मों और संस्कृतियों के लोग पवित्र क्रिसमस मनाने और नव वर्ष की शुरुआत करने के लिए प्रशांति निलयम में इकट्ठा होते हैं। आश्रम दुनिया भर के भक्तों द्वारा बहुत अच्छी तरह से की गई अलंकृत सजावट से जगमगा रहा है। इस वर्ष ईस्ट प्रशांति के सामने 35 फुट ऊंचा क्रिसमस ट्री लगाया गया था। वातावरण प्रेम, शांति और कृतज्ञता से परिपूर्ण है। स्वामी कहते हैं, "सेवा और प्रेम को अपना आदर्श मानकर, तुम्हें इसी क्षण से एक नया जीवन शुरू करना चाहिए - यही मेरा तुम्हारे लिए आशीर्वाद और शुभकामना है।" - सत्य साईं बाबा, नव वर्ष प्रवचन, 1 जनवरी 2000। यह वास्तव में हममें से प्रत्येक के लिए विकसित होने और आगे बढ़ने का एक उपयुक्त समय है। मैं सभी प्रेक्टिशनेर्स से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि वे 2024 में अधिक जनसंख्या तक प्रेम और उपचार वाईब्रेशन विस्तृत रूप से फैलाने का दृढ निश्चय लें।

अब हम 2023 पर नजर डालें तो हमें इसके लिए आभारी होने और सीखने के लिए बहुत कुछ है।

अंत में, जैसा कि हम 2024 का स्वागत करते हैं, आइए हम स्वामी के संदेश पर विचार करें, “नया वर्ष या नया महीना अपने साथ कोई नया आनंद या दुःख नहीं लाता हैहर सेकंड नया है, क्योंकि यह समय की प्रगति का संकेत देता है। एक वर्ष वास्तव में सेकंडों का मिनटों, दिनों और महीनों में बदलने का क्रम है। जब हर क्षण को नया मानकर संजोया जाएगा, तभी नव वर्ष नया बनेगा। प्रत्येक क्षण को जिस पवित्र तरीके से व्यतीत किया जाएगा, वही वर्ष की सार्थकता निर्धारित करेगा। यदि आप एक पवित्र जीवन जीना चाहते हैं और पवित्र अनुभव प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको स्वयं को पवित्र कार्यों में संलग्न करना होगाl’’ – Sri Sathya Sai Speaks, Vol 31, January 1st 1998.

इस समृद्ध 2024 का आनंद लेने के लिए, आइए हम सभी 'हर दिन की शुरुआत प्रेम से करें, दिन प्रेम से बिताएं, दिन को प्रेम से भरें और दिन को प्रेम के साथ समाप्त करें' का संकल्प लें।

आप सभी को सुखी, स्वस्थ और समृद्ध वर्ष 2024 की शुभकामनाएं।

साईं की प्रेममयी सेवा मे 

जीत के. अग्रवाल