साई व्हाइब्रियोनिक्स पत्रिका

" जब आप किसी हतोत्साहित, निराष या रोग ग्रस्त व्यक्ति को देखते हो, वहीं आपका सेवा क्षेत्र है " Sri Sathya Sai Baba
Hands Reaching Out

दैवीय सन्देश

Vol 11 अंक 6
नवम्बर /दिसम्बर 2020


 

"स्वास्थ्य और प्रसन्नता साथ-साथ रहते हैं। यदि स्वास्थ्य खराब हो तो प्रसन्नता की कल्पना करना भी व्यर्थ है। श्रुतियों के अनुसार मनुष्य का एक आवश्यक गुण है अच्छा स्वास्थ्य। बिना अच्छे स्वास्थ्य के वह जीवन में चारों लक्ष्यों में से किसी को भी प्राप्त नहीं कर सकता है। यह चार लक्ष्य हैं, सही कार्य करना, सही विचार करना, सही तरीके से धन कमाना और अंत में सबसे मुक्ति पा लेना। स्वस्थ दिमाग के लिए शरीर का स्वस्थ होना आवश्यक है। यह  एक दूसरे पर निर्भर होते हैं। यह विश्व दिमाग का  प्रतिबिंब है। गहरी निद्रा अवस्था में जब दिमाग कार्य नहीं करता होता है तो विश्व का भी कोई अस्तित्व नहीं होता है। इसलिए दिमाग का स्वस्थ होना अति आवश्यक है।"

 ...Sathya Sai Baba, “The Doctor’s Profession” Discourse, September 1980       http://www.sssbpt.info/ssspeaks/volume14/sss14-53.pdf

 

"अनुभूति प्राप्ति के लिए निर्धारित 9 कदमों में से पहला कदम सेवा का है। इसलिए तुम्हें पूरी ईमानदारी से इसका स्वागत करना चाहिए। इसमें वृद्धों की सेवा, बीमारों, अपंगो और निराश व्यक्तियों की सेवा करना आवश्यक है। हाथ में फल का होना पहला कदम है उसको खाना और पचाना दूसरा कदम है जिसके द्वारा आप स्वस्थ एवं प्रसन्न होंगे। इसी प्रकार स्कार्फ और बैच भी प्रसन्नता के चिन्ह है जो तुम्हारी पहुंच में है जब तुम वास्तविक सेवा करते हो। तुम्हारी सेवा का मूल्यांकन तुम्हारे व्यवहार (मानसिक) के आधार पर किया जाएगा। इसलिए जो भी कार्य दिया जाए उसे पूरे जोश, समझदारी और श्रद्धा के साथ पूरा करो। सेवा में कोई छोटा या बड़ा नहीं होता है। साईं के लिए सब बराबर हैं तुम किसी की भी सेवा करो साईं उसे स्वीकार करते हैं।”

...Sathya Sai Baba, “No Bumps, No Jumps”, 3rd All India Conference of SSS Seva Dal,14 November 1975   http://www.sssbpt.info/ssspeaks/volume13/sss13-18.pdf