साई व्हाइब्रियोनिक्स पत्रिका

" जब आप किसी हतोत्साहित, निराष या रोग ग्रस्त व्यक्ति को देखते हो, वहीं आपका सेवा क्षेत्र है " Sri Sathya Sai Baba
Hands Reaching Out

डॉ० जीत के अग्रवाल की कलम से

Vol 10 अंक 2
मार्च/एप्रैल 2019


प्रिय चिकित्सकों,

महाशिवरात्रि के इस पावन अवसर पर तुम्हें संदेश लिखते हुये मुझे अपार हर्ष की अनुभूति हो रही है। हमारे प्रिय स्वामी साईं बाबा शिव और शक्ति के स्वरूप हैं, उन्होंने कहा है कि ’’सदैव प्रयास करते रहो। यही मुख्य बात है जो मनुष्यों के लिए अनिवार्य है। यहाँ तक कि जो लोग आज ईश्वर में विश्वास नही करते हैं और जब उन्हें इस पवित्र मार्ग पर चलना है तो उन्हें हृदय विदारक कष्टों का सामना करना पड़ता है। यदि तुम मुक्ति के लिए थोड़ा सा भी प्रयास करते हो तो ईश्वर तुम्हारी सौगुनी मदद करते हैं। शिवरात्रि तुम्हें इसी आशा का सन्देश देती है।’’… Discourse by Sathya Sai Baba, Maha Shivaratri, Prashanthi Nilayam, 4 March 1962. मैं सभी प्रैक्टिशनर्स से आग्रह करता हूँ कि वे इस संदेश को अपने हृदयों में धारण कर लें और जीवन के हर क्षेत्र में, पूरे जोर और सार्मथ्य के अनुसार, इसका पालन करें। इससे तुम्हें अपनी वाइब्रो सेवा में सफलता मिलना अवश्यम्भावी है।

हमने वाइब्रो प्रैक्टिश्नर्स की गुणवत्ता में काफी प्रगति की है इसी प्रकार संगठनात्मक क्षमताओं में भी वृद्धि की है। मुझे खुशी है कि हमारे प्रयास सफल हो रहे हैं, मैं उनमें से कुछ का वर्णन कर रहा हूँ।

हमने अपने प्रशासनिक आधार को काफी सुदृ़ढ़ बना लिया है, हमने कई नये समन्वयक बनाये हैं जिसकी वजह से रिपोर्ट मिलने में आसानी हो गई है। दर असल कुछ समन्वयक तो अपने स्तर पर चिकित्सकों से सम्पर्क करके रिपोर्ट तैयार कर लेते हैं। बहुत से चिकित्सक ऐसे हैं जो अपनी मासिक रिपोर्ट भेजने में पिछड़ जाते हैं, वे उनसे फोन पर सारी जानकारी ले लेते हैं, इसके साथ ही वे चिकित्सकों को प्रोत्साहित भी करते हैं कि वे अपनी सेवा के घंटो का समय पर निष्पादन कर सकें। मुझे खुशी है कि इस कार्य में 100% सफलता प्राप्त हुई है।

हमारा रिफ्रेशर कार्यक्रम भी गति पकड़ रहा है। इस कार्य में टैक्नोलॉजी का भी बड़ा योगदान है। स्काइप व अन्य इन्टरनेट आधारित वीडियो के द्वारा हम दूर बैठे लोगों से संपर्क करने में सक्षम हुये हैं। हम उनसे विभिन्न विषयों पर आसानी से अपने विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं। अमेरिका में हमारे समन्वयक01339 पिछले 5 वर्षों से हर माह टैलीफोन के माध्यम से सम्मेलन करते रहते हैं। यह विद्या बहुत लोक प्रिय और सफल सिद्ध हुई है।

यह अत्यंत प्रसन्नता की बात है कि हमारी कार्यशालाओं को आवृत्ति और प्रकार में बढ़ोतरी के साथ-साथ चिकित्सको के उत्साह में भी वृद्धि हो रही है। अभी हॉल में ही आयोजित मुंबई में रिफ्रेशर कार्यशाला से कुछ समन्वयक इतने अधिक प्रभावित हो गये (अतिरिक्त में देखें #3) कि उन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में भी इसी प्रकार की कार्यशालाओं को आयोजित करने का मानस बना लिया।  मैं सभी समन्वयकों से आग्रह करता हूँ कि वे आगे आयें और अपने-अपने क्षेत्रों के चिकित्सकों से सम्पर्क करें ताकि इस प्रकार के स्थानीय स्तर पर सम्मेलनों का आयोजन किया जा सके। इस प्रकार की गतिविधियों के संचालन हेतु हम हर प्रकार की मदद करने को तैयार हैं। इस प्रकार की परिणाम देने वाली सुसंगत अधिवेशनों को आयोजित करने से पूर्व यह आवश्यक है कि उसके लिये पहले से ही कार्य-सूची तैयार कर ली जाये और सभी चिकित्सकों को, मेल के द्वारा, उससे अवगत करा दिया जाये। प्रत्येक सम्मेलन में किसी एक विषय के एक पहलू पर विचार किया जाना चाहिये, उसे किस प्रकार से प्रैक्टिस में लाना चाहिये, उसके सिद्धान्त के परिप्रेक्ष्य में आपसी विचारों का आदान-प्रदान होना चाहिये, समाचार पत्रों के अनुसार उसे आधुनिकतम बनाये, और उसमें कमियों को दूर करने का प्रयास करना चाहिये। विचार विमर्श में उस विषयसे सम्बधित सफल उपचारों पर चर्चा की जानी चाहिये चाहे वह प्रकाशित किये जा चुके हों या प्रकाशन की तैयारी में हों, ऐसे जीर्ण रोग जो चुनौती पूर्ण हो उन पर भी विचार विमर्श किया जाना आवश्यक है।

विवरणों का प्रकट हो जाना भी एक ज्वलन्त समस्या है। इसीलिये हमारे लिये यह आवश्यक है कि हम नवीनतम नियमों का पालन करें। इस संबंध में हमने कई कदम उठाये हैं जिन्हे चिकित्सको की वेबसाइट पर देखा जा सकता है। Visit https://practitioners.vibrionics.org, पर बायी तरफ नीचे की ओर मेन्यु को देखें GDPR क्लिक करें, फार्म को पूरा करें और अपनी पसंद के अनुसार प्रस्तुत करें। यह सभी चिकित्सकों के लिये अनिवार्य है जिससे कि निजी विवरण सुरक्षित रह सके।

 

सभी को यह शिवरात्रि पर्व आनन्दमय हो!

साईं की प्रेममयी सेवा में

जीत के अग्रवाल