प्रश्नोत्तर
Vol 10 अंक 2
मार्च/एप्रैल 2019
1.प्रश्नः हम पिल्स की बॉटल को “8” के आकार में 9 बार क्यों हिलाते हैं?
उत्तर : 8 का आकार अनंत को दर्शाता है, यह अनंत काल तक अपनी शक्ति को बनाये रखने में सक्षम होता है। यह बाईबिल के अनुसार पुनरूत्थान और उत्थान का प्रतीक है। यह हिलाने की प्रक्रिया को आध्यात्मिकता से जोड़ता है।
जब पिल्स को गोलाकार रूप में घुमाते हैं तो बॉटल में सैन्टी्रफ्यूगल फोर्स पैदा हो जाता है जिससे कि पिल्स आपस में अच्छी तरह मिल जाती है। रिमैडी में रोग को ठीक करने की शक्ति प्रत्येक पिल में आ जाती है। बॉटल को सदैव क्षितिज के समानान्तर हिलाना चाहिये। ऐसा नहीं करने पर पिल्स नीचे के भाग में एकत्रित हो जाती हैं और दवा सभी पिल्स में अच्छी तरह से नहीं मिल पाती हैं और उनका प्रभाव कम हो जाता है। नौ बार में पिल्स आपस में अच्छी तरह मिल जाती है। वैसे भी 9 नम्बर दिव्य है, यह कभी कम नहीं होता है!
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2. प्रश्नःचिकित्सक को पहली पिल रोगी के मुँह में क्यों रखनी चाहिये?
उत्तरः एक चिकित्सक को वाइब्रोनिक्स में 100% विश्वास होता है और वह रोगी का उपचार पूर्ण दया और प्रेम के भाव से करता है। एक रोगी को वाइब्रोनिक्स में विश्वास हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता है। जब पहली गोली रोगी के मुख में रखी जाती है, उपचार तुरंत ही शुरू हो जाता है। एक त्रिभुज का निर्माण होता है जिससे रोगी, चिकित्सक और दिव्य शक्ति जुड़े होते हैं। चिकित्सीय ऊर्जा चिकित्सक के माध्यम से रोगी तक पहुँचती है। यदि रोगी पिल को स्वंय ही लेना चाहता है तो बॉटल में से पिल ढ़क्कन में निकाल कर रोगी को दे दें। रोगी को किसमें अधिक आराम मिलता है, इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है। यदि पिल्स को डाक से भेजा गया है तो रोगी को फोन करना चाहिये, चिकित्सक प्रार्थना करते हुये रोगी को पिल लेने के लिये कहेगा। इस दौरान फोन से संपर्क बना रहना चाहिये।
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3. प्रश्नः मैं रोगी को किस प्रकार समझाऊँ कि रिमैडी को रैडियेशन से दूर रखना है जिससे कि उसके दिमाग में कोई भय पैदा न हो जाये?
उत्तरः निसन्देह यह आवश्यक है कि रोगी को इस बात की सूचना दे देनी चाहिये कि रिमैडी को रेडियेशन से दूर रखना आवश्यक है, रेडियेशन से दवा का प्रभाव समाप्त हो जाता है लेकिन इस बात को बहुत ही नम्रता के साथ दोस्ताना भाव से समझा देना चाहिये। रिमैडी बॉटल का सीधा संपर्क रेडियेशन से नहीं होना चाहिये। उनमें कुछ दूरी (30cm या 12 इंच) अवश्य होनी चाहिये। शब्द ’समाप्त’ के स्थान पर कहना चाहिये ’प्रभाव’ को कम कर देता है। कुछ आसान तरीके अपनाये जा सकते हैं जैसे कि यदि एक जेब में मोबाइल है तो दूसरी जेब में पिल्स की बॉटल को रखा जाये। घर पर उन्हें कुछ दूरी पर रखें।
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4. प्रश्नः जब मुझे एक ही बॉटल में 108CC बॉक्स से कई रिमैडीज की बूँदे डालनी होती हैं तो मुझे पिल्स को गीला न होने के लिये क्या करना चाहिये?
उत्तरः पिल्स को गीला होने से बचाने के लिये हर बूँद को डालने के बाद बॉटल को अच्छी तरह हिलाना चाहिये। आखिरी बूंद डालने के बाद बॉटल 8 के आकार में घुमाना चाहिये। अन्य तरीके में एक खाली बॉटल में सभी रेमिडीज की बूंदे डालकर उसकी एक बूंद पिल्स में डाल देना चाहिये।
जैसा कि हमारे अनुसंधान दल ने कहा है कि कम से कम कॉम्बो को उपचार के लिये मिलाना चाहिये। नम्बर को कम करके केवल वो कॉम्बो मिलाये जायें जो लक्षणों के अनुरूप हो तो बिमारी के मुख्य कारण का जल्दी प्रमाण मिलता है। अधिक कॉम्बोज़ को यह सोचकर मिलाने से कि उससे कॅाम्बोज़ का प्रभाव बढ़ जायेगा गलत है बल्कि यह उपचार की गति को मन्द कर देगा क्योंकि इससे प्रभावी कॉम्बो की शक्ति कम हो जाती है।
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5. प्रश्नः मैं एक 10 ml बॉटल में कॅाम्बों की एक बूंद डालता हूँ, क्या 20 ml की बॉटल में कॉम्बो की दो बूँद डालना चाहिये?
उत्तरः 20 ml बॉटल में एक बूँद ही काफी है। वाइब्रेशन, शुद्ध ऊर्जा है और यह गुणात्मक स्तर पर कार्य करती है। अगर गलती से एक से अधिक बूँद गिर जाती है तो रेमेडी पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। बॉटल को हिलाना बहुत आवश्यक है। इससे सभी पिल्स में आवश्यक कम्पन आ जाते है।
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6. प्रश्नः क्या SRHVP से ब्रॉडकास्ट करने से पूर्व रोगी की स्वीकृति लेना आवश्यक है?
उत्तरः हम स्वीकृति लेने में विश्वास नहीं करते हैं क्योंकि हम जिस पोटेन्टाईजर का उपयोग कर रहे हैं उसको स्वामी का आशीर्वाद प्राप्त है जो सिर्फ दिव्य वाइब्रेशन्स ही पैदा कर सकता है (सदैव सकारात्मक)। ब्रॉडकास्ट करने का तरीका शुद्ध हृदय से प्रार्थना को भेजना है। यह चिकित्सक की इच्छा है कि रोगी जल्द से जल्द ठीक हो जाये, यही महत्वपूर्ण है। ये आदर्श बात होगी यदि रोगी (या उसकी देखभाल करने वाला) अपने उपचार से अवगत है जिससे कि वह उन वाइब्रेशन्स को ग्रहण कर सके।