साई व्हाइब्रियोनिक्स पत्रिका

" जब आप किसी हतोत्साहित, निराष या रोग ग्रस्त व्यक्ति को देखते हो, वहीं आपका सेवा क्षेत्र है " Sri Sathya Sai Baba
Hands Reaching Out

डॉ० जीत के अग्रवाल की कलम से

Vol 9 अंक 3
मई /जून 2018


प्रिय चिकित्सको,

मैं अपने कथन का प्रारंभ हमारे प्रिय स्वामी के संदेश से करुंगा, उन लोगों के लिये जो स्वास्थ्य की देखभाल में प्रयासरत हैं। स्वामी ने कहा है “ड़ॉक्टरों द्वारा रोगियों को साहस दिलाना चाहियें और बहुत ही नम्रता के साथ वार्तालाप करना चाहियें, उनसे दया और प्रेम के भाव विस्तारित होने चाहियें जब तुम रोगी का निरिक्षण कर रहे होतें हो तब तुम्हारे चेहरे पर मुस्कान होनी चाहियें और रोगी के साथ तुम्हारा व्यवहार मृदु होना चाहियें’’... सत्य साई संदेश 6  फरवरी 1993। मैं यह विश्वास रखता हूँ कि हम सभी वाइब्रो चिकित्सक होने के नाते जागरुकता के उच्च स्तर को बनायें रखेंगे तथा यह सुनिश्चित करेंगे कि रोगी के साथ हमारे वार्तालाप में दिव्य प्रेम की झलक आभाषित है। इस भावना से किया गया उपचार रोगी के सम्पूर्ण उपचार में रुपांतरित हो जायेगा। इस भावना को हमें ह्दयागम कर लेना चाहियें!

आध्यात्मिकता वाइब्रोनिक्स का मुख्य मूल सिद्धान्त है। यह हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करने के साथ ही रोगमुक्त भी करती है। स्वामी ने आध्यात्मिकता के लिये पाँच गुण बतायें हैं सत्य, धर्म (सही आचरण), शांति और अहिंसा और हमने इन्हें अपना लिया है। इन गुणों को अपने जीवन में धारण करने से ही हम आध्यात्मिक व्यक्ति कहलायें जा सकतें हैं। और तभी हम एक अच्छे वाइब्रो चिकित्सक बन सकते हैं।

यह कहा जाता है कि रोकथाम का एक औंस इलाज के एक पौंड से बेहतर होता है हम इस कथन पर अधिक जोर नहीं डाल सकतें हैं। यद्यपि हमारे पास अनौपचारिक सूचना है कि बहुत से चिकित्सक रोग की रोकथाम पर विशेष बल देते हैं जिससे कि रोग असाध्य न हो जाये। हमारे पास लिखित में ऐसा कोई प्रमाण नहीं है। मै विनम्रता पूर्वक सभी चिकित्सको से अपील करता हूँ कि वे रोग की रोकथाम के लियें अपने अनुभवों का लिखित दस्तावेज भेजने का श्रम अवश्य करें। रोग की रोकथाम के लिये किये गये कुछ सफलपूवर्क केस और सुझाव हमें प्राप्त हुये हैं कुछ का विवरण निम्न प्रकार से हैं, CC6.3 Diabetes के लिये, 40 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिये, बढ़ती उम्र के साथ मधुमेह के रोगियों की सख्यां बढ़ रही है। 60 वर्ष और उससे अधिक आयु वालों में प्रोस्टेट ग्रंथि की वृद्धि को रोकने के लिये CC14.2 Prostrate तथा उन लोगों के लिये जिनके परिवार में कैंसर वशांनुगत है CC2.1 Cancer के रोग की रोकथाम के लिये उपयोग किया जाता है। इस प्रकार से रोगी की मेडिकल और परिवारिक इतिहास की जानकारी के आधार पर रोग निरोधक औषधि का चयन करके उपचार करना चाहियें जिससे कि  रोग असाध्य रुप न ले ले।

यद्यपि हमने अपने पिछले समाचार पत्र में चिकित्सको से अनुरोध किया था कि वे अपनी मासिक रिपोर्ट ऑनलाइन से प्रेषित कर दें परन्तु पिछले दो माह से चिकित्सकों की संख्या में कमी आ रही है जो अपनी मासिक रिपोर्ट भेजतें हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि बहुत से चिकित्सकों को वेबसाइट पर अपनी रिपोर्ट व अपनी  सेवा अवधि को लॉग-इन करने में परेशानी अनुभव हो रही है। इस परेशानी से मुक्ति के लिये हमने एक अतिरिक्त ई-मेल ऐड्रेस [email protected] को प्रारंभ किया है। जिन चिकित्सकों को ऑन-लाइन रिपोर्ट भेजने में कठिनाई अनुभव होती है वे इस ई-मेल ऐड्रेस पर रिपोर्ट भेज सकतें हैं। या फिर, एक अन्तरिम उपाय के रूप में, आप अपनी रिपोर्ट को अपने समन्वयक को एस.एम.एस या फोन से दे सकते हैं।

अपने चिकित्सको का आधार बढ़ाने के उद्धेश्य से उन सभी AVP से अनुरोध करता हूँ कि जिन्होंने 3 माह का अनुभव प्राप्त कर लिया है, वे VP स्तर के प्रशिक्षण हेतु [email protected] पर  आवेदन करें और IASVP के सदस्य बन जायें। सभी VP व उच्च स्तर के व्यक्तियों के लिये IASVP का सदस्य बनना अब अनिवार्य हो गया है।

जबकि हमारा ग्रह अनेकां पीड़ाओं को सहन कर रहा है, हमारा वाईब्रो मिशन अनुकूल रुप से बढ़ता जा रहा है। आधुनिकीकरण की दोड़ के कारण व्यक्ति, पेड़-पौधे और पशु सभी ग्रस्त हो रहें हैं, ऐसी स्थिति में वाईब्रोनिक्स उन्हें सान्तवना प्रदान करने व उपचार करने के कार्य में लगा हुआ है। यह प्रसन्नता प्रदान करने वाली बात है कि जहाँ आवश्यक्ता होती है, हम वहाँ अपना प्रभाव डालने के लिये समर्थ हो गयें हैं। मैं पूर्ण इमानदारी से प्रार्थना करता हूँ कि हमारा व्यक्तिगत अभ्यास प्रोत्साहित होता रहे और हमारी पहुँच बढ़ती रहे जिससे कि हम सभी को प्रसन्नता प्रदान कर सकें!

साईं की प्रेममयी सेवा में

जीत के अग्रवाल