सायटिका दर्द 11603...भारत
एक 68-वर्षीय महिला 10 वर्षां से साइटिका के दर्द से परेशान थी। उसके पीठ से दर्द शुरू होता था और दाहिने पाँव से होते हुये टखने तक यह दर्द तकलीफ देता था। प्रारंभ में उसने दो माह तक होम्योपैथिक उपचार लिया था परन्तु उससे मामूली सा ही फायदा हुआ था। ऐलोपैथिक उपचार को कई माह तक लेने से उसे पूरा आराम मिल गया था। दर्द 2 माह पूर्व फिर शुरू हो गया। जब वह चिकित्सक के यहाँ गई तो वह ठीक से नहीं चल पा रही थी। 2 वर्षों से उसके तलवों में भी जलन होती रहती थी। वह वाइब्रो उपचार लेना चाहती थी क्योंकि उसने इसके चमत्कारी, प्रभाव को देखा था। एक माह पूर्व उसको अचानक बहुत कमजोरी महसूस हुई, अत्याधिक पसीना आने लगा और लगभग मूर्छित सी हो गई, यह रात्रि का समय था। उसके पति जो वाइब्रो चिकित्सकों की सेवा में सहयोग देते थे और वाइब्रो उपचार के प्रभाव को जानते थे, अपने पड़ौस में रहने वाले वाइब्रो चिकित्सक से औषधि लेकर आये और पत्नी को उसको सेवन कराया। वे आश्चर्य चकित हो गये यह देख करके कि कुछ ही मिनिटों में महिला की तबीयत में सुधार हो गया था और इस प्रकार से रात्रि के समय हॉस्पिटल जाने से बच गये।
28 सितम्बर 2018 को उसको निम्न औषधि दी गई :
#1. CC10.1 Emergencies + CC12.1 Adult tonic + CC15.1 Mental & Emotional tonic + CC18.5 Neuralgia + CC20.4 Muscles & Supportive tissue + CC20.5 Spine + CC20.6 Osteoporosis...TDS
#2. CC20.4 Muscles & Supportive tissue + CC20.5 Spine...BD नारियल के तेल में बाह्य उपयोग के लिये।
एक सप्ताह के बाद उसको काफी आराम मिल गया था, दर्द और जलन में। अगले सप्ताह उसकी सभी शिकायतें दूर हो गई थी। अगले दो सप्ताह बाद 30 अक्टूबर 2018 को उसने सूचित किया कि वह शत प्रतिशत ठीक हो गई हैं। जलन भी समाप्त हो गई थी और साइटिका का दर्द भी नहीं रहा था। औषधि #1 व #2 की खुराक को OD कर दिया गया, 2 माह के लिये। अगले 2 माह में खुराक को OW कर दिया गया तथा 27 फरवरी 2019 को उपचार बन्द कर दिया गया। 17 अप्रैल 2019 को जब उससे मुलाकात हुई तो उसने बतलाया कि रोग दुबारा नहीं उभरा है।
चिकित्सक ने उसे बचाब की दृष्टि से वाइब्रो उपचार लेते रहने की सलाह दी और उसे निम्न औषधि दीः
#3. CC12.1 Adult tonic + CC20.5 Spine + CC20.6 Osteoporosis…TDS एक माह तक तदुपरान्त अगले माह CC17.2 Cleansing यह वैकिल्पक रूप से 1 वर्ष तक करना था। इससे उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में इज़ाफा होगा और कंकाल तंत्र मज़बूत होगा। उसको प्रतिदिन आधा घंटा 10 बजे से 12 बजे के बीच धूप में बैठने के लिये भी कहा गया जिससे उसे प्राकृतिक रूप से विटामिन D मिल सके।