साई व्हाइब्रियोनिक्स पत्रिका

" जब आप किसी हतोत्साहित, निराष या रोग ग्रस्त व्यक्ति को देखते हो, वहीं आपका सेवा क्षेत्र है " Sri Sathya Sai Baba
Hands Reaching Out

भ्रम, असंगत भाषण, संस्थाओं द्वारा कब्जा 03572...Gabon


एक 33-वर्षीय युवक को उसकी बहन चिकित्सक के पास 3 अगस्त 2018 को प्रातः 2 बजे ले कर पहुँची। वह युवक भ्रम का शिकार था, असंगत भाषा बोलता था और रात्रि में सो नहीं पाता था। ये सभी समस्यायें उसको गत 2 सप्ताह से थी। उसके चाल-चलन इतने बेतुके थे कि घर का कोई भी सदस्य रात्रि में ठीक से सो नहीं पाता था। इसलिये इस युवक को उपचार के लिये असामान्य समय में लेकर आना पड़ा। घर पर उसके कारण सभी बच्चों में भय व्याप्त था। रोगी के अनुसार उसके दादा जी की आत्मा ने उस पर अधिकार किया हुआ है जो मुझे परिवार के भेदों को उगलवाने के लिये उकसाती रहती है। इसके कारण परिवार के सभी सदस्य नाराज थे।   

वे युवक को कैथोलिक प्रीस्ट के पास ले गये वहाँ उसने बताया कि युवक नकारात्मक प्रवृत्तियों से ग्रस्त है। वहाँ कोई झाड़-फूंक नहीं किया गया। डाक्टर्स ने भी उसकी जाँच की और अवसाद का इलाज लिख दिया, जिसकी युवक ने केवल एक खुराक का सेवन किया था। उसकी इस दयनीय स्थिति को देखकर उसके नियोक्ता ने भी उसे कुछ दिनों के लिये कार्य मुक्त कर दिया था जिससे कि वह अपना उपचार करवा सके।

रोगी को वाइब्रो उपचार पर पूर्ण विश्वास था, इसके अलावा वह कोई अन्य उपचार के लिये सहमत नहीं था। चिकित्सक ने उसे उपचार हेतु निम्न कोम्बोज़ दिये:
#1.CC15.1 Mental & Emotional tonic + CC15.2 Psychiatric disorders + CC15.6 Sleep disorders... हर दस मिनट के अंतराल पर 1 घंटे तक इसके पश्चात् 6TD

#2. CC15.2 Psychiatric disorders + CC17.2 Cleansing...6TD पानी में मिला कर रोगी के ऊपर छिड़कने के लिये।

उस रात्रि को रोगी आराम से सोया और दूसरे दिन सुबह-सुबह ही उसने यह अच्छी खबर चिकित्सक को दी। उसकी बहिन ने बतलाया कि उस रात भाई के बोलचाल में पहले जितना बेतुकापन नहीं था। दस दिन के बाद वह अपने काम पर लौट गया और उसके अगले दस दिनों में उसके स्वास्थ्य में  70%  तक का लाभ हो गया था। उसके दो दिन बाद उसके सभी लक्षण समाप्त हो गये थे। अगले 2 सप्ताह में खुराक को कम करके OD कर दिया गया। 8 सितम्बर तक उसके अन्दर आत्मा ने भी बोलना बन्द कर दिया था। उपचार को 20 सितम्बर को बन्द कर दिया गया। दिसम्बर 2018 तक उसको किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ा। रोगी बिलकुल स्वस्थ्य था।