साई व्हाइब्रियोनिक्स पत्रिका

" जब आप किसी हतोत्साहित, निराष या रोग ग्रस्त व्यक्ति को देखते हो, वहीं आपका सेवा क्षेत्र है " Sri Sathya Sai Baba
Hands Reaching Out

रोडेन्ट मीनेस (कृंतक खतरा) 11573...भारत


हर वर्ष चिकित्सक के परिवार को मानसून के समय में (जुलाई से सितम्बर) चूहे और गिलहरी से खतरा बना रहता है। वह हमेशा चूहेदानी का प्रयोग करते हैं, जिससे कि वे अधिक नुकसान न कर सकें लेकिन इस वर्ष एक अनूठी घटना हुई। एक चूहा बहुत ही सक्रिय प्रकृति का था। रात्रि में सोने नहीं देता था और कुछ न कुछ चीज़ों को कुतरता रहता था। वह बहुत बड़ा था, वह चूहेदानी में नहीं समाता था। उन्होंने किसी अन्य प्रकार की युक्ति का उपयोग नहीं किया क्योंकि वह चूहे को नुकसान नहीं पहुँचाना चाहते थे। इस घटना से परेशान चिकित्सक ने वाइब्रोनिक्स को अजमाने का फैसला किया। 26 जुलाई 2018 को उन्होंने एक रिमैडी 150ml  पानी में बनाई। उस औषधि में निम्न कॉम्बो को मिलाया गयाः

CC10.1 Emergencies + CC15.2 Psychiatric disorders + CC17.2 Cleansing + CC17.3 Brain & Memory tonic + CC18.5 Neuralgia

इस औषधि की एक बूँद पानी में मिलाई गई। गेहूँ के आटे में 50ml  पानी मिलाकर लोई बनाई तथा इससे 5 छोटी-छोटी गोलियाँ बनाकर रसोई घर में पाँच अलग-अलग स्थानों पर रख दी। सुबह न तो गोलियाँ थी और न ही चूहे। अगली रात्रि बहुत शांतिपूर्वक रहीं, ऐसा बहुत दिनों के बाद हुआ। इतना ही नहीं एक माह तक कोई चूहा नजर ही नहीं आया। इसके पश्चात् न तो चूहा नजर आया और न ही अन्य कुतरने वाले जीव। उनको दुबारा लोई बनाने की आवश्यकता ही नहीं पड़ी। यद्यपि उन्होंने सप्ताह में तीन बार दवा का उपयोग करने की योजना बनाई थी!

ऐडीटर की  टिप्पणीः

कीट नियंत्रण के लिये विषैले रसायन के बजाय यह एक अच्छा विकल्प है, परन्तु हमें आश्चर्य है कि तुमने CC1.1 Animal tonic का उपयोग क्यों नहीं किया। UK के एक चिकित्सक ने ततैया को भगाने के लिये केवल एक कॉम्बो का उपयोग किया था। 2014 की कांफ्रेन्स पुस्तक के पेज 68 पर इस संबंध में लेख है। चिकित्सक के अनुसार भूलवश ऐसा हो गया था। उसे यह महसूस हो गया था कि इस कॉम्बो का उपयोग करना चाहिये था अतः भविष्य में उसका उपयोग करने का मन बना लिया था। लेकिन उसकी आवश्यकता ही नहीं पड़ी। उसने यह महसूस किया कि चूहे को बहुत दर्द हो रहा था, उसी को दूर करने के लिये उसके सामने जो कुछ भी आता था उसे कुतरने लगता था और उसकी यह तड़प पूरी नहीं हो पाती थी। चिकित्सक ने सोचा कि चूहे को कुछ चाहिये था जो उसकी नसों को आराम पहुँचाये। अति सक्रयिता का यही कारण था, इसलिये उसने उपरोक्त कॉम्बोज़ का चयन किया था।