दिव्य चिकित्सक का सन्देश
Vol 11 अंक 5
सितम्बर/अक्टूबर 2020
"औषधियों के बारे में वर्तमान धारणा है कि औषधि की इस बीमारी में क्या वैधता है और लाभ हैI इसका उपयोग इलाज के साथ समाप्त हो जाता है। लेकिन इस दृष्टिकोण को बदलना होगा। दवा का उपयोग यह देखने के लिए किया जाता है कि कोई बीमार नहीं पड़े, इतना ना उठाओ कि वह फिर गिर पड़े, जैसे सत्य का उद्देश्य है कि इस प्रकार जियो कि दुबारा जन्म ना हो।”
...Sathya Sai Baba, “The Doctor’s Profession” Discourse, September 1980 http://www.sssbpt.info/ssspeaks/volume14/sss14-53.pdf
“जो सेवा आप करते हैं उसका पुरस्कार आपको मिलना चाहिए, न केवल आपकी संतुष्टि के लिए बल्कि उन लोगों की संतुष्टि के लिए जिनकी आप सेवा कर रहे हो। जब तुम किसी की सेवा कर रहे हो और उसको संतुष्टि की प्राप्ति नहीं होती है तो ऐसी तुम्हारी उमंग और उत्साह का क्या फायदा है? तुम्हारा ध्येय होना चाहिए कि सेवा प्राप्त करने वाले को पूर्ण संतुष्टि प्राप्त हो। केवल बैठकर यह चर्चा मत करो जो कार्य तुम्हें दिया गया था उसे तुमने पूरा कर दिया है, बल्कि यह खोजने का प्रयास करो कि तुम्हारी द्वारा किए गए सेवा का कार्य वास्तव में सार्थक है या नहीं, क्या यह कार्य बड़ी समझदारी से उस व्यक्ति की विशेष परिस्थितियों को देखते हुये सौंपा गया है जिसकी उन्हें आवश्यकता है।”
...Sathya Sai Baba, “No Bumps, No Jumps”, 3rd All India Conference of SSS Seva Dal, 14 November 1975
http://www.sssbpt.info/ssspeaks/volume13/sss13-18.pdf