साई व्हाइब्रियोनिक्स पत्रिका

" जब आप किसी हतोत्साहित, निराष या रोग ग्रस्त व्यक्ति को देखते हो, वहीं आपका सेवा क्षेत्र है " Sri Sathya Sai Baba
Hands Reaching Out

प्रश्नोत्तर

Vol 10 अंक 3
मई/जून 2019


1. प्रश्न: क्या कोई ऐसी रेमेडी है जो प्रसव के समय मदद कर सके? और/या जिससे अंत्यंत प्रतिभावान या आध्यात्मिक रूझान वाली वाइब्रो संतान पैदा हो?

उत्तर : चिकित्सकों का यह अनुभव है कि जिन माताओं ने गर्भावस्था के दौरान वाइब्रो रेमेडीज़ का सेवन किया था उनका प्रसव परेशानी रहित था और उन्होंने तन्दुरूस्त बच्चे को जन्म दिया। ऐसी ही स्थिति उन महिलाओं के साथ हुई जिन्हें पहले गर्भपात हो चुका था और जहाँ जटिलतायें अवश्यम्भावी लगती थी। जैसा कि गर्भपात, मृत-जन्म, प्रसव में कठिनाई, यहाँ तक कि काले जादू का प्रभाव। एक रोगी के मामले में हर तीन माह में होने वाले अल्ट्रासाउन्ड स्कैन से मालूम हुआ कि गर्भस्थ शिशु के एक किडनी नहीं है। 3 माह तक वाइब्रो औषधि लेने के बाद स्कैन कराने पर पता चला कि किडनी बिलकुल स्वस्थ है। बाद में एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। (Newsletter vol 8 issue 1, January/February 2017, case #1).

जहाँ तक प्रतिभावान/आध्यात्मिक शिशु का सवाल है तो कोई तुलानात्मक अध्ययन इस बारे में नहीं किया गया है।प्रेगनैन्सी टॉनिक माँ की इम्यूनिटी बढ़ाने और शांति प्रदान करने के लिये है। एक स्वस्थ व शान्तचित्त महिला गर्भ में पल रहे शिशु पर अवश्य ही प्रभाव डालती है। चिकित्सकों का यह भी अनुभव है कि जो महिलाये गर्भावस्था में वाइब्रो औषधि का सेवन करती हैं उनके बच्चे तुलनात्मक रूप से प्रतिभावान और अच्छे स्वभाव वाले होते हैं। हमें विश्वास है कि जैसे-जैसे वाइब्रोनिक्स का उत्थान होता जायेगा वैसे-वैसे अधिक मामले हमारे समझ आयेंगे तथा कुछ चिकित्सक इस संबंध में प्रभावशाली कदम उठायेंगे।  

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    2. प्रश्नः कैम्प के दौरान बहुत से रोगियों का उपचार करके बहुत प्रसन्नता का अनुभव होता है परन्तु निरंतरता बनाये रखना बहुत मुश्किल होता है। कैम्प में आने वाले रोगियों 
    की   आवश्यकताओं को पूरा करने का सबसे अच्छा साधन क्या है?

     उत्तर : कुछ विशेष अवसरों जैसे कि स्वामी का जन्म दिन, समाधि दिवस, गुरू पूर्णिमा पर एक बारगी शिविर लगाना आदर्श बात है जहाँ अत्यधिक संख्या में व्यक्ति आते हैं। ऐसे स्थानों पर उपचारित व्यक्तियों से निरंतरता बनाये रखने का सबसे उत्तम साधन यह है कि          आप एक पर्ची पर चिकित्सक से संपर्क करने के लिये समुचित सूचनायें लिखकर उन्हें तैयार रखें तथा उपचारित व्यक्ति को वह पर्ची भी दे दें। आपातकालीन परिस्थितियों में भी एक बारगी शिविर लगाना भी उपयुक्त होता है। महामारी, मौसमी बीमारियों का प्रकोप,               प्राकृतिक आपदायें या युद्ध जैसे अवसर हैं जब इस प्रकार के शिविरों की आवश्यकता होती है। नियमित शिविरों के लिये साथी सदस्यों से सलाह मशविरा करके एक उपयुक्त स्थान का चयन कर लेना चाहिये जहाँ माह में कम से कम एक बार उपचार करना चाहिये इससे      उपचार में निरंतरता बनाये रखने में सुविधा रहती है।

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3 प्रश्नः क्या निद्रा के दौरान चलने का उपचार भी वैसा ही है जैसा कि अनिद्रा का है?

उत्तर :  हाँ! तुम वही रेमैडी दे सकते हो लेकिन सोने से पहले हर दस मिनट पर एक खुराक देनी चाहिये। अधिकतम खुराक की संख्या 6 है  यह रोग की गंभीरता पर निर्भर है। यदि इससे फायदा नहीं होता है तो निम्न रिमेडी साथ में दी जा सकती हैCC15.1 Mental & Emotional tonic or SM6 Stress + SM39 Tension सुबह उठने पर। यह दिन भर होने वाले तनाव से मुक्ति दिलायेगी (जैसे कि स्कूल या कार्य स्थल) जो कि इस रोग का एक कारण है। यदि अन्य कोई कारण है जैसे कि डर या आघात तो उसके अनुरूप उपचार करें।

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4 प्रश्न : कृप्या ऑल मियाज्म को बच्चों को किस प्रकार दे, प्रकाश डालें?

उत्तर  :  व्यस्कों, 18 वर्ष से अधिक  को, SR560 All Miasms सदैव दो पोटेन्सी 30C & 1M…OW में दी जाती है। यदि खुराक देने से पुल आऊट होता है तो एक सप्ताह तक प्रतीक्षा करें जिससे कि पुल आऊट का प्रभाव समाप्त हो जाये, उसके बाद ही दूसरी खुराक दें। इस क्रिया को करते रहें जब तक इसकी आवश्यकता हो और शरीर में कोई पुल आऊट नहीं हो, लगातार दो खुराक देने पर। रेमेडी को सीधे ही पानी में SRHVP मशीन की सहायता से बनायें। लेकिन कोई भी मियाज्म देने से पूर्व SR218 Base Chakra…OD को रात्रि के समय 3 से 7 दिनों तक दें जिससे कि सभी सुस्त मियाज़्म क्रियाशील हो जायें, इस दौरान पुल आऊट की संभावना नहीं होती है। 3 दिन तक इंतजार करो, फिर मियाज़्म दो।

बच्चों (1 से 12 माह) को : पहले SR218 Base Chakra की एक खुराक दें इससे उनके शारीरिक विकास में वृद्धि होगी। रिमैडी 1-2 बूंद को शुद्ध पानी (उबाल कर ठंडा किया हुआ) में बनाये व जीभ पर रखें। यदि बच्चा तन्दुरूस्त है तो उसे एक खुराक SR252 Tub-Bac 200C की दें। कम से कम 2 माह तक प्रतीक्षा करें जिससे कि बच्चा 12 माह का हो जाये तब तक एक खुराक SR560 All Miasms की दें।1 माह से छोटे या नवजात शिशु को कुछ भी नहीं देना है।

1 वर्ष से 18 वर्ष तक के बच्चों के लिये : SR218 Base Chakra की एक खुराक से शुरू करें। एक माह बाद, एक खुराक SR252 Tub-Bac 200C की दे जिसके 2 माह बाद SR560 All Miasms की खुराक दें।

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5 प्रश्नः क्या हम पहली बार में ही नोसोड दे सकते हैं? या फिर पहले 108CC बॉक्स के काम्बोज़ से उपचार करें उसके पश्चात SRHVP के द्वारा करें और फिर नोसोड से, इसी क्रम सें?

उत्तर : सामान्यतया नोसोड की आवश्यकता तब होती है जब रोग के लिये कोई उपयुक्त कार्ड नहीं होता है या फिर कई कार्डस का उपयोग करने के बाद भी कोई सफलता नहीं मिलती है। कुछ विशेष परिस्थितियों में नोसोड को सबसे पहले भी दे सकते हैं जैसे कि रक्त नोसोड, ल्यूकेमिया की स्थिति में, एलर्जी के संबंध में यदि ऐलर्जी पैदा करने वाले तत्वों की जानकारी हो तो भी नोसोड को पहली बार में दे सकते हैं। हॉलाकि कुछ चिकित्सकों ने बहुत अच्छे परिणाम प्राप्त किये है छाती में संक्रमण के लिये थूक से नोसोड बना कर, बाल से नोसोड बना कर बाल झड़ने की समस्या के लिये, लार से मुँह के अल्सर के लिये, मल से IBS के लिये आदि।